Bhopal News: पद-तकनीकी शिक्षा विभाग जूनियर ऑडिटर कमाई-90 करोड़ से ज्यादा

Bhopal News | मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा संचालनालय में पदस्थ जूनियर ऑडिटर रमेश हिंगोरानी 90 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति का मालिक निकला। लोकायुक्त की 6 Teams ने बुधवार सुबह 5 बजे हिंगोरानी के बैरागढ़ स्थित आवास समेत 6 ठिकानों पर छापा मारा। देर रात 12 बजे तक चली कार्रवाई में एक-एक किलो से ज्यादा Gold और Silver के जेवरात, लाखों रुपए Cash, प्रॉपर्टी के दस्तावेज और कई लग्जरी Vehicles मिले हैं। नोट इतने थे कि गिनने के लिए मशीन बुलानी पड़ी, जबकि हिंगोरानी का वेतन 55 हजार रुपए प्रतिमाह था।

भारी मात्रा में दस्तावेज मिले

इसके अलावा, बड़ी मात्रा में क्रय-विक्रय पत्र और साइन किए हुए ब्लैंक चेक भी बरामद हुए। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि रमेश हिंगोरानी रियल एस्टेट बिजनेस और ब्याज के धंधे में भी शामिल है। लोकायुक्त टीम के हाथ संपत्ति के प्रमाण पत्नी और तीन बेटों योगेश, नीलेश और मोहित के नाम पर भी मिले हैं।

लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर का बयान

लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर ने बताया कि आय से अधिक संपत्ति की जानकारी के बाद मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद हिंगोरानी के ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इस दौरान उसके बेटे नीलेश के स्कूल में एक देसी Pistol भी मिली है।

रमेश हिंगोरानी का बयान

वहीं, रमेश हिंगोरानी ने मीडिया से कहा, “हमारे घर से सिर्फ 12 लाख Cash मिला है। इतना तो हम रख सकते हैं। कुल 70 लाख के सोने-चांदी के जेवर हैं, जो मेरी बहुओं के हैं। गाड़ी के नाम पर मेरे पास वैगन आर है, जो मैंने 70 हजार रुपए में खरीदी थी।” उन्होंने कहा कि सरकारी जमीनों पर कब्जा करने और उन्हें बेचने के आरोप झूठे हैं। प्रॉपर्टी के नाम पर केवल यही मकान है, जिसमें मैं रह रहा हूं। गांधीनगर में स्कूल की बिल्डिंग से पिस्टल मिलने के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता।

दिग्विजय सिंह की टिप्पणी

राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ‘X’ पर यह मैसेज पोस्ट किया कि “जूनियर ऑडिटर बनना ही अच्छा है।”

संपत्ति की कुल कीमत का आकलन

टीम ने बैरागढ़ में बंगले के अलावा गांधीनगर स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल, प्रेरणा किरण स्कूल, मैरिज गार्डन में सर्चिंग की। बुधवार देर रात तक लगभग 90 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। इसमें Gold और Silver की 70 लाख रुपए से अधिक की ज्वेलरी के साथ ही 12 लाख से ज्यादा इंडियन और फॉरेन Currency शामिल है। हालांकि, लोकायुक्त टीम अभी फाइनल Calculation में जुटी है।

हिंगोरानी के व्यवसाय और संपत्ति

लोकायुक्त को हिंगोरानी की भोपाल शहर के विभिन्न इलाकों में 10 से अधिक दुकानें होने की जानकारी मिली है, जिनमें से 6 दुकानें अकेले बैरागढ़ में हैं। हिंगोरानी के घर से Stock Market में Investment के दस्तावेज भी मिले हैं। परिवार के 10 से अधिक Bank Accounts की जानकारी भी लोकायुक्त को मिली है। बैंक लॉकर के दस्तावेज भी उनके घर से बरामद हुए हैं।

हिंगोरानी के बेटे से मिली अवैध पिस्टल

हिंगोरानी के बेटे नीलेश के प्रेरणा किरण स्कूल में बने ऑफिस से सर्चिंग के दौरान एक अवैध Pistol मिली है। इसकी सूचना लोकायुक्त टीम ने स्थानीय पुलिस को दी, जिसके बाद गांधी नगर पुलिस ने नीलेश के खिलाफ Arms Act के तहत केस दर्ज कर लिया है। वहीं, रमेश हिंगोरानी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप

रमेश हिंगोरानी, उनके बेटे योगेश और नीलेश पर भोपाल के गांधीनगर इलाके में करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर कब्जा कर उसे बेचने के आरोप भी लगे हैं। हिंगोरानी का एक मैरिज गार्डन भी दो साल पहले प्रशासन ने तोड़ा था। अधिकारियों का कहना था कि यह सरकारी जमीन पर बना था।

स्कूल का संचालन और परिवार के सदस्य

रमेश हिंगोरानी और उसके बेटों ने सामाजिक संस्था लक्ष्मी देवी विकयोमल सराफा एजुकेशन सोसाइटी के तीन स्कूलों का संचालन अपने हाथ में ले रखा है। लोकायुक्त को मिली शिकायत में इस बात का भी जिक्र है। रमेश ने अपने दोनों बेटों को बिना योग्यता के समिति के स्कूलों का संचालक बना रखा है। उन्हें सैलरी के रूप में मोटी रकम दी जा रही है।

मुख्यमंत्री मेधावी योजना कार्यालय में पदस्थ

एसपी लोकायुक्त दुर्गेश राठौर ने बताया कि रमेश हिंगोरानी सहायक Grade One के पद पर तकनीकी शिक्षा विभाग के तहत मुख्यमंत्री मेधावी योजना के श्यामला हिल्स स्थित कार्यालय में पदस्थ हैं। रमेश हिंगोरानी की जॉइनिंग तकनीकी शिक्षा विभाग में 32 साल पहले, यानी 1992 में हुई थी।

रिश्वत लेते पकड़ा गया अपर कलेक्टर

मध्यप्रदेश के मऊगंज में लोकायुक्त ने अपर कलेक्टर को ऑफिस में रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त की 12 सदस्यीय Team ने गुरुवार को यह कार्रवाई की। अपर कलेक्टर ने जमीन मामले में फरियादी के पक्ष में फैसला सुनाने के लिए रुपयों की डिमांड की थी।

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