Indore News | सरकार ने नगर निगम के Assistant दरोगा को अपात्र बताया; हाईकोर्ट ने कहा – ब्याज समेत Compensation दीजिए
इंदौर में कोविड ड्यूटी के दौरान एक Assistant दरोगा संक्रमित हो गए। बीमारी से जूझते हुए उनकी Death हो गई। इसके बावजूद, उन्हें अपात्र मानकर परिवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा Welfare योजना का लाभ नहीं दिया गया। योजना के तहत Beneficiaries को 50 लाख रुपए दिए जाते हैं।
परिवार का संघर्ष
सहायक दरोगा की Wife और बच्चे अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे। उन्होंने Application पर Application दिए, लेकिन सुनवाई का कोई असर नहीं हुआ। शासन ने कोविड-19 योद्धा Welfare योजना के लाभार्थियों की Category बनाई है। नियमों में सब कुछ स्पष्ट लिखा है, लेकिन अधिकारी मानने के लिए तैयार नहीं थे।
हाई कोर्ट में याचिका
आखिरकार, परिवार ने हाई कोर्ट में Petition दायर की। कोर्ट ने उनके पक्ष में Order देते हुए ब्याज सहित पूरी राशि चुकाने के निर्देश दिए हैं। इस फैसले से प्रदेशभर के उन लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है, जिन्होंने कोरोना की वजह से अपनों को खोया लेकिन Compensation के Application अधिकारियों ने Reject कर दिए थे।
कोविड संक्रमण का मामला
याचिकाकर्ता अलका करोसिया ने बताया कि उनके पति, जगदीश करोसिया, नगर निगम में Assistant दरोगा थे। 23 अगस्त 2020 को ड्यूटी के दौरान कोविड हो गया और 29 अगस्त 2020 को उनकी Death हो गई।
हमने मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा Welfare योजना के तहत Application किया। 50 लाख रुपए का क्लेम मांगा लेकिन Relief Commissioner, भोपाल ने Application Reject कर दिया। 11 अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट की इंदौर Bench में Petition लगाई गई थी।
ड्यूटी के दौरान संक्रमण
सहायक दरोगा जगदीश करोसिया को कोविड संक्रमित मरीजों का Record Maintain करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसके लिए जगदीश को मरीजों के घर जाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में वे भी संक्रमित हो गए। यह बात उनके Senior Officer ने नोटशीट में दर्ज की है। तत्कालीन Collector मनीष सिंह ने भी मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा Welfare योजना के लिए जगदीश का नाम भेजा था।
अपात्रता का कारण
Relief Commissioner, भोपाल की ओर से जगदीश को अपात्र बताकर उनका Claim Case Reject कर दिया गया। कारणों का खुलासा नहीं किया गया, बस इतना लिखा गया कि ये Cover नहीं होते हैं।
कोरोना से निधन होने के बाद जगदीश करोसिया को इंदौर नगर निगम ने Tribute भी दी थी।
न्याय की उम्मीद
जगदीश की पत्नी अलका करोसिया ने 11 अक्टूबर 2023 को हाई कोर्ट में Petition लगाई। सुनवाई के दौरान नगर निगम से जवाब मांगा गया। निगम ने 20 मार्च 2024 को अपना जवाब कोर्ट में Submit किया, जिसमें जगदीश को अपना Employee बताते हुए परिवार को Claim के लिए पात्र माना गया।
कोर्ट में Relief Commissioner, भोपाल के Advocate ने इसका विरोध किया। जवाब देने के लिए लगातार समय लेते रहे। आखिरकार, 2 जुलाई 2024 को अपना जवाब कोर्ट में Submit किया, जिसमें जगदीश की Death को योजना के तहत Cover नहीं होना बताया गया।
परिवार की परेशानियाँ
अलका करोसिया के वकील आयुष अग्रवाल ने बताया, “जगदीश के परिवार में पत्नी अलका के अलावा 23 साल का बेटा और एक बेटी हैं। बीते चार साल से परिवार को काफी Difficulties झेलनी पड़ी हैं।
अब जाकर हाई कोर्ट से उन्हें Justice मिला है। प्रदेशभर के पीड़ितों को इस Order के आधार पर योजना का लाभ मिलने की उम्मीद जागी है, जिनके Application Reject कर दिए गए हैं।”