Shivpuri News । जिला मुख्यालय पर मंगलवार को आयोजित जन सुनवाई में एक दिव्यांग, भरण-पोषण की Help की आस लिए, परिजनों की गोद में बैठकर कलेक्टर के पास पहुंचा। कलेक्टर के पास पहुंचने के लिए उसे Wheel Chair भी नहीं मिली। इससे पहले, दिव्यांग ने अपने Number का इंतजार करते हुए कलेक्टर परिसर में बिस्तर लगाकर समय बिताया। हालांकि, अधिकारियों ने बाद में उसे Assistance का आश्वासन दिया।
12 साल पहले हुआ था Accident का शिकार
बदरवास तहसील के ग्राम आकाझिरी के निवासी दिव्यांग इमरत लाल जाटव ने बताया कि वह पहले पूरी तरह Healthy था। उसके पास 6 बीघा Agricultural Land थी, जिस पर वह अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। लेकिन 12 साल पहले वह कुएं में Motor डालने गया था। रस्सी टूटने के कारण वह कुएं में गिर गया। Treatment के बाद पता चला कि उसकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है, जिसके Treatment के लिए उसकी 6 बीघा जमीन भी बेची गई थी।
गरीबी से परेशान Wife ने किया Suicide का प्रयास
इमरत लाल जाटव ने बताया कि 6 बीघा जमीन बिकने के बाद भी उसका रीढ़ की हड्डी का Treatment नहीं हो सका। उसकी Wife को Labor पर जाना पड़ता था, ताकि घर का खर्चा चल सके। अब उनके दो छोटे बच्चे बड़े हो रहे हैं। पत्नी की Labor से घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही थीं, जिससे खफा होकर उसने कुछ माह पहले Poison खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।
Help न मिलने पर इच्छा मृत्यु की मांग
दिव्यांग इमरत ने कहा कि वह कई बार कलेक्टर के पास Help की आशा लेकर आया है। उसकी विकलांगता 90 प्रतिशत है और उसके पास कोई Income का साधन नहीं है। आज, वह Government से मिलने वाली Economic Assistance राशि, पत्नी के लिए Anganwadi में Job, Charge वाली Cycle और 5 बीघा जमीन का Patta दिलाने की मांग को लेकर कलेक्टर के पास पहुंचा। Help न मिलने पर उसने इच्छा मृत्यु की मांग की।