Lucknow News | लखनऊ बेंच ने एक पति को, जो सात साल से पत्नी की हत्या के आरोप में Jail में था, बरी कर दिया है। साथ ही, State Government को उसे एक लाख रुपये का Compensation देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन यह साबित नहीं कर सका कि शव, जिसे पत्नी का बताया गया था, वास्तव में वही शव था।
मामले की जानकारी
यह निर्णय न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने पति हफीज खान द्वारा दायर की गई Criminal Appeal पर सुनाया। यह मामला बहराइच जनपद के रिसिया थाने का है। हफीज खान पर पत्नी सायरा बानो की हत्या का आरोप था। सायरा बानो की शादी 11 मई 2016 को हफीज खान से हुई थी। 15 जनवरी 2017 को, मृतका की बहन शाबाना ने पुलिस को शिकायत दी कि उसकी बहन को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है। बाद में, एक Informer की सूचना पर पुलिस ने कब्र से शव बरामद किया, जिसे शाबाना और उसकी बहन परवीन ने सायरा बानो के रूप में पहचाना। जांच के बाद पुलिस ने 10 अप्रैल 2017 को अभियुक्त पति के खिलाफ Charge Sheet दाखिल की। बहराइच के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पंचम ने 27 मार्च 2019 को सायरा बानो की हत्या के लिए पति को Life Imprisonment की सजा सुनाई और 60 हजार रुपये का Fine भी लगाया। पति ने इस निर्णय को हाई कोर्ट में Challenge किया।
कोर्ट का विश्लेषण
कोर्ट ने कहा कि पंचनामा और Post Mortem रिपोर्ट के अनुसार, शव पर कुछ कपड़े, एक धागा और एक ताबीज था, लेकिन अभियोजन ने इन वस्तुओं के बारे में कुछ नहीं कहा और गवाहों से इन वस्तुओं के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं थे कि सायरा बानो की हत्या हुई थी और शव वास्तव में सायरा बानो का ही था। कोर्ट ने आदेश दिया कि अभियुक्त पति को 15 जनवरी 2017 से हिरासत में लिया गया था और अब जबकि कोई Evidence नहीं था, उसके सात साल के बिना साक्ष्य के Carceral Sentence के लिए Compensation का आदेश देना उचित है।
दहेज उत्पीड़न मामले में पति और परिवार को सजा
दहेज उत्पीड़न का मामला
एक विवाहिता को प्रताड़ित करने और दहेज की मांग पूरी न होने पर Forced Abortion कराने के आरोपी पति नीरज गोस्वामी, ससुर विनोद कुमार गोस्वामी, सास प्रमिला गोस्वामी और देवर अमित कुमार गोस्वामी को दोषी ठहराते हुए अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार सिंह ने 10 वर्ष की कठोर Carceral Sentence एवं 48 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। कोर्ट ने चचेरी सास शकुंतला गोस्वामी को 3 साल की Jail और 13 हजार रुपये के Fine की सजा दी है। जुर्माने की रकम पीड़िता को दी जाएगी।
घटना की रिपोर्ट
Prosecution की ओर से एडीजीसी पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि रिपोर्ट 12 जुलाई 2010 को महिला थाने में दर्ज की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता प्रीति गोस्वामी एक प्राइवेट कंपनी में Team Developer के पद पर काम करती है। उसकी शादी 20 फरवरी 2009 को नीरज गोस्वामी से हुई थी। शादी में उसके पिता ने 14 लाख रुपये खर्च किए थे। ससुराल में पहुंचने पर पति और परिवार ने दहेज के लिए ताने देना शुरू कर दिया। आरोप है कि पति, सास, ससुर और देवर ने 2009 में उसका Forced Abortion करा दिया और फिर उसे कमरे में बंद कर मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने की कोशिश की। शोर मचाने पर बाहरी लोग इकट्ठा हो गए। मारपीट के बाद वह अस्पताल में भर्ती रही और दहेज की मांग पूरी न करने पर उसे घर से निकाल दिया गया।