इंदौर: टैंकर से अमोनिया गैस का रिसाव, रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौती

टैंकर पलटने के बाद गैस का रिसाव, लिया गया अहम निर्णय

Indore News | इंदौर के बायपास पर एक टैंकर से गैस रिसाव की सूचना मिलते ही प्रशासन सतर्क हो गया। टैंकर में भरी अमोनिया Gas को रोकने या दूसरी जगह रिफिल करने का विकल्प मौजूद नहीं था। तहसीलदार नारायण नांदेड़ा ने बताया कि टैंकर में लगभग 5000 लीटर अमोनिया Gas थी, जिसमें 70% Ammonia Gas और 30% पानी शामिल था।

फायर ब्रिगेड की मदद से शुरू हुआ ऑपरेशन

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान फायर ब्रिगेड की सहायता ली गई। Industrial Health & Safety के एडिशनल डायरेक्टर भी मौके पर पहुंचे। चूंकि Ammonia Gas ज्वलनशील नहीं होती, इसलिए टैंकर से रिसने वाली Gas पर पानी की बौछारें शुरू की गईं। आसपास मौजूद पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने मास्क और गीले रुमाल का इस्तेमाल किया, क्योंकि Gas की तेज दुर्गंध और आंखों में जलन से स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई थी।

घटना का टाइमलाइन

  • 3:20 बजे: टैंकर का वाल्व टूटने से गैस का रिसाव शुरू।
  • 3:35 बजे: बायपास पुल पर ट्रैफिक बंद कर दिया गया।
  • 3:50 बजे: फायर ब्रिगेड के वाहन पहुंचे और पानी की बौछार शुरू हुई।
  • 4:00 बजे: एसडीईआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची।
  • 4:15 बजे: 7 एंबुलेंस को मौके पर भेजा गया।
  • 5:30 बजे: टैंकर का दूसरा वाल्व खोला गया।
  • 6:30 बजे: टैंकर पूरी तरह से खाली हुआ और क्रेन की सहायता से उसे हटाया गया।

रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान स्वास्थ्य समस्या

गैस रिसाव के दौरान, 15 पुलिसकर्मी और वाहन चालक आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई के कारण अस्पताल में भर्ती कराए गए। डॉक्टरों ने बताया कि Ammonia Gas की वजह से नाक, गले और फेफड़ों में जलन के साथ निमोनिया या सांस फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।

रेफ्रिजरेटर और एसी में उपयोगी Ammonia Gas

यह Gas मुख्य रूप से Refrigeration और AC Systems के साथ सफाई कार्यों में उपयोग की जाती है। राहत की बात यह थी कि घटना स्थल के पास कोई रहवासी इलाका नहीं था। केवल SEZ University आसपास थी, जिसे समय रहते सुरक्षित किया गया।

पुलिस की सूझबूझ ने टाला बड़ा हादसा

पुलिस ने ट्रैफिक डायवर्ट कर घटनास्थल को चारों ओर से सुरक्षित किया। VIP प्रोटोकॉल जैसी व्यवस्था करते हुए पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई। रील बनाने वाले युवाओं को घटनास्थल से हटाया गया। पीथमपुर से बुलाए गए मैकेनिकों की मदद से वाल्व खोलकर पानी के साथ Gas को बहाया गया।

डॉक्टरों की राय में अमोनिया का असर

श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. सलिल भार्गव ने बताया कि Ammonia के संपर्क में आने से आंखों और सांस तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि Gas फेफड़ों तक पहुंच जाए, तो यह घातक हो सकता है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में पुलिस और डॉक्टरों का योगदान

रेस्क्यू ऑपरेशन में एसीपी रुबिका मिजवानी के नेतृत्व में टीम ने सूझबूझ से कार्य किया। डीसीपी के अनुसार, गैस का प्रभाव 500 मीटर तक फैल चुका था। क्रेन की मदद से टैंकर को हटाने और रास्ता साफ करने के बाद स्थिति नियंत्रण में लाई गई।

इस ऑपरेशन ने साबित किया कि चुनौतियों के बावजूद, प्रशासन ने त्वरित निर्णय लेकर स्थिति को गंभीर होने से रोका।

Leave a Reply