Highway निर्माण में काटे गए करोड़ों के Trees: पर्यावरणीय भरपाई पर High Court की नजर

Jabalpur News | Highway निर्माण में बहुमूल्य Trees की कटाई मध्य प्रदेश High Court की Jabalpur Principal पीठ में Chief Justice Suresh Kumar Kait और Justice Vivek Jain की Double Bench ने Center और राज्य Government को Notice जारी कर पूछा है कि National Highway निर्माण के दौरान काटे गए बहुमूल्य इमारती लकड़ी के Trees की भरपाई के लिए Plantation कहां किया गया है। यह Notice एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया है, जिसमें सवाल उठाया गया है कि लाखों Trees काटने के बावजूद उनके बदले Environmental Balance के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए।

Court का सख्त रुख: Plantation के लिए स्पष्ट योजना की मांग Highway निर्माण के दौरान काटे गए Trees की भरपाई के लिए सिर्फ रस्मअदायगी न करते हुए आवश्यक Plantation का निर्देश देने के लिए Court ने Central Road Transport एवं National Highway Authority के Secretary, मध्य प्रदेश Road Development Authority के General Manager और Forest Department के प्रमुख Secretary को Notice जारी कर जवाब तलब किया है।

याचिका का आधार: सजावटी Plants से की गई भरपाई Social & Environmental Activist नीरज गर्ग द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि Highway निर्माण में बड़े एवं वर्षों पुराने Trees को काटकर Environment का Balance बिगाड़ा गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने Court में बताया कि निर्माण कार्य में Plantation की शर्त रखी गई थी, लेकिन भरपूर Oxygen देने वाले Trees की कटाई के बदले महज रस्मअदायगी के लिए केवल सजावटी Plants लगाए गए हैं। इन Plants से अपेक्षित Oxygen की मात्रा नहीं मिल रही है, जिससे Highway के आस-पास का वातावरण और भी अधिक प्रदूषित हो गया है।

Wildlife पर प्रभाव: खाद्य संसाधनों की कमी याचिकाकर्ता के अनुसार, Highway निर्माण के दौरान काटे गए फलदार Trees की कमी से Birds एवं Animals को पोषण नहीं मिल रहा है। याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि Highway के दोनों ओर Fencing कार्य किया जाना था, जो अब तक शुरू नहीं किया गया है, जिससे पर्यावरण एवं सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

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