Jabalpur Private School Fees: मनमानी फीस वसूलने वाले 3 स्कूलों पर 33.78 करोड़ रुपये की वसूली का आदेश, कलेक्टर ने 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया

Jabalpur News | मध्य प्रदेश के जबलपुर में शिक्षा माफियाओं के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। जबलपुर जिला प्रशासन ने तीन निजी स्कूलों को मनमानी फीस वसूली और फीस बढ़ोतरी के लिए 33.78 करोड़ रुपये लौटाने का आदेश दिया है। यह फीस वसूली साल 2017 से 2024 के बीच बिना अनुमति की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप अभिभावकों से अतिरिक्त 34 करोड़ रुपये की वसूली की गई। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने आदेश दिया है कि इन स्कूलों को 30 दिनों के भीतर फीस की अतिरिक्त रकम वापस करनी होगी, साथ ही प्रत्येक स्कूल पर 2-2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

इन स्कूलों पर हुई कार्रवाई

नचिकेता सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विजय नगर: 10,865 छात्रों से 5.85 करोड़ रुपये की वसूली गई फीस वापस करनी होगी।

स्मॉल वंडर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, बलदेव बाग: 18,541 छात्रों से 12.02 करोड़ रुपये की वसूली गई फीस लौटानी होगी।

सेंट जोसेफ कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, रांझी: 18,498 छात्रों से 15.91 करोड़ रुपये की वसूली गई फीस लौटाने के आदेश दिए गए हैं।

ऑनलाइन फीस पोर्टल पर ऑडिट रिपोर्ट की अनिवार्यता

कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार, मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस और संबंधित विषयों का विनियमन अधिनियम 2017 के तहत गठित जिला समिति ने इन स्कूलों में अनियमितताएं पाई हैं। नियम लागू होने के 90 दिनों के भीतर, इन स्कूलों ने फीस का वार्षिक लेखा-जोखा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड नहीं किया था। दिसंबर 2020 में जब नियम लागू हुआ था, तो हर साल की ऑडिट रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जानी थी, लेकिन यह काम स्कूल प्रबंधन ने नहीं किया।

48 हजार छात्रों से 33.78 करोड़ रुपये की अवैध फीस वसूली

यह जानकारी भी सामने आई कि इन स्कूलों ने शैक्षणिक वर्ष 2017-18 से लेकर 2020-21 तक फीस में बढ़ोतरी की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की थी। इसके अलावा, 10 फीसदी तक की फीस वृद्धि की जानकारी भी नहीं दी गई थी। जिला शिक्षा समिति की जांच रिपोर्ट के अनुसार, इन स्कूलों ने कुल 48,000 से अधिक छात्रों से 33.78 करोड़ रुपये की अतिरिक्त फीस वसूली है।

शिक्षा माफियाओं के खिलाफ कलेक्टर का सख्त रुख

जबलपुर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा, “अब तक 28 स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें 219 करोड़ रुपये वापस करने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, हर स्कूल पर 2 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। एक दर्जन स्कूल प्रबंधन से जुड़े 84 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं। यह कार्रवाई मध्य प्रदेश निजी विद्यालय अधिनियम के तहत की गई है। अन्य स्कूलों की भी जांच की जा रही है, और जल्द ही और दोषी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद है।”

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