Bhopal News | 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोटों की बंदी के ऐलान के बाद पूरे देश में हलचल मच गई थी। इस फैसले के आठ साल पूरे होने पर, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता Kamal Nath ने इसे भारत के इतिहास का काला दिन बताया है। आइये जानते हैं, आखिर Kamal Nath ने इस पर क्या कहा।
नोटबंदी के 8 साल पर Kamal Nath का बड़ा बयान
कांग्रेस नेता Kamal Nath ने नोटबंदी के आठ साल पूरे होने पर इसे भारतीय इतिहास का काला दिन करार दिया। Kamal Nath ने Social Media Platform X पर लिखा, “आज का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था के काले दिन के रूप में इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। 8 नवंबर 2016 को Narendra Modi सरकार ने नोटबंदी लागू की और देश की अर्थव्यवस्था को झटका दिया। आज तक देश नोटबंदी के प्रभाव से उबर नहीं पाया है। जिन कारणों से नोटबंदी की गई थी, उनका कोई भी परिणाम अब तक नहीं मिला।”
काला धन पर वार का दावा झूठा- Kamal Nath
Kamal Nath ने आगे लिखा, “एक रिपोर्ट के अनुसार नोटबंदी के बाद लगभग 99 फीसदी पैसा बैंकों में वापस आ गया, जो यह साबित करता है कि Black Money पर वार करने का सरकार का दावा झूठा था। Terrorism के खिलाफ लड़ाई का भी दावा किया गया था, लेकिन असलियत यह है कि नोटबंदी के बाद भी देश में आतंकी घटनाएं जारी हैं।”
नोटबंदी से सिर्फ़ गरीबों की जेब पर असर- Kamal Nath
Kamal Nath ने कहा, “नोटबंदी से केवल गरीबों की जेब पर हमला किया गया और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ। गरीबों की छोटी-छोटी बचतें समाप्त हो गईं, सैकड़ों लोग कतारों में जान गंवा बैठे, और कई शादियां टूट गईं। इस सरकार के पास नोटबंदी की सफलता के बारे में सिर्फ False Claims और आंकड़े हैं।”
आज का दिन भारतीय अर्थव्यवस्था का काला दिन- Kamal Nath
Kamal Nath ने कहा, “500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करके 2000 रुपये के नोट को चलन में लाया गया था। फिर यह कहा गया कि बड़े नोट भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बंद किए गए थे, जो सरकार का हास्यास्पद तर्क था। 2000 रुपये के नोट को क्यों लाया गया था और फिर क्यों वापस लिया गया, इसका कोई भी स्पष्ट और संतोषजनक जवाब नहीं मिला। आज का दिन हमेशा भारतीय अर्थव्यवस्था के काले दिन के रूप में इतिहास में दर्ज रहेगा।”
निष्कर्ष
Kamal Nath के बयान ने नोटबंदी के बाद के समय में उसकी वास्तविकता पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता का कहना है कि इस फैसले ने न केवल गरीबों को परेशानी में डाला बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर डाला।