Ujjain News: महाकाल मंदिर समिति को HC की चेतावनी प्रसादी के पैकेट से 10 दिन में “Om” और शिखर का फोटो नहीं हटाया, तो कोर्ट में फिर से जाना पड़ेगा

Ujjain News | उज्जैन महाकाल मंदिर से जुड़ी एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जहां High Court ने मंदिर प्रबंध समिति को चेतावनी दी है। कोर्ट का कहना है कि अगर 10 दिनों के भीतर प्रसादी के पैकेट से “Om” और मंदिर के शिखर का फोटो नहीं हटाया गया, तो अदालत में दोबारा जाना पड़ेगा।

High Court का आदेश और मंदिर समिति का निवेदन

24 अप्रैल 2024 को High Court (Indore Bench) ने आदेश दिया था कि मंदिर प्रबंध समिति को 90 दिनों यानी 3 महीनों के अंदर प्रसादी के पैकेट से “Om” और फोटो हटा लेने चाहिए। उस समय मंदिर समिति ने कोर्ट से Extension मांगी थी और कहा था कि पुराने पैकेट खत्म हो जाने दीजिए। नए पैकेट में इनका ध्यान रखा जाएगा। हालांकि, चार महीने का समय बीत चुका है और प्रसादी के पैकेट के डिजाइन में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

High Court की अवमानना की जानकारी

इस मामले में Mahant के द्वारा याचिका दायर करने वाले Lawyer अभीष्ट मिश्र ने इसे कोर्ट की अवमानना बताया है। अभीष्ट का कहना है कि प्रसादी के पैकेटों से अब तक फोटो क्यों नहीं हटाया गया।

उनका कहना है कि ऐसा कौन सा Interest इसके पीछे है, जिसकी वजह से इसे बदल नहीं पा रहे हैं। ऐसी कौन सी Design है, जो कि 4 महीनों में भी तैयार नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि समिति लगातार पैकेटों को Order देकर शहर के Kshir Sagar स्थित Poly Pack Factory से बनवा रही है।

समिति के कर्मचारियों का तर्क

वहीं, समिति के कर्मचारियों का कहना है कि पैकेट रोज Order देकर बनाए जाते हैं। ज्यादा Stock नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि Fungus और Dust से पैकेट खराब हो जाते हैं।

Court में दायर की गई याचिका

Lawyer अभीष्ट मिश्र ने 19 अप्रैल 2024 को High Court (Indore Bench) में Mahant Sukhdevanand Brahmachari, Guru Shreemahant Yoganand Ji, Chhatri Bagh, Brahmachari Shambhu Panch Agni Akhada, Guru Swami Radhakantacharya Ji Maharaj Shree Durgashakti Peeth, Indore और Pandit Sharad Kumar Mishra, Mahu District Indore की तरफ से याचिका दायर की थी।

कचरे में फेंके जाने वाले पैकेट और सनातन का अपमान

अभीष्ट की मानें तो प्रसादी के खाली पैकेटों को श्रद्धालु Dustbin या कचरे के ढेर पर फेंक देते हैं। इससे सनातन धर्म का अपमान होता है। इसे लेकर हमने 2 बार मंदिर की प्रबंध समिति को आवेदन दिए हैं, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके बाद अप्रैल 2024 में महंतों ने Administrative Officers से मुलाकात की, लेकिन वहां से भी सिर्फ Assurance ही मिला। फिर हमने High Court में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने सही माना।

लेटर में दिए गए निर्देश

मंदिर समिति को भेजे गए Letter में कहा गया है कि प्रसादी के पैकेट में “Shree Prasad” लिखा जा सकता है। Design की जरूरत नहीं है। Design तैयार करवाने का तथ्य जानबूझकर आस्था से खिलवाड़ है।

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