Ujjain News | महाकाल मंदिर के Security Guard की हत्या के मामले में तीन साल बाद Court का निर्णय आया है। जिला Court ने महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र के पूर्व प्रभारी निनाद काले, सुरक्षाकर्मी भावना खेड़वनकर, और सुनील शर्मा को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। एक आरोपी को बरी कर दिया गया है।
इस प्रकरण में आरोपियों को सजा दिलाने में DNA रिपोर्ट महत्वपूर्ण साबित हुई। चाकू से वार करते समय Security Guard के हाथ में सुनील के बाल मिले थे। पुलिस ने इन्हीं बालों के आधार पर तीनों को उम्रकैद की सजा दिलवाई।
घर के पास चाकू से की गई थी Murder
22 अक्टूबर 2021 की रात लगभग 11 बजे महाकाल थाना पुलिस को सूचना मिली कि महाकाल मंदिर के Security Guard दिनेश मराठा (41) की दो बदमाशों ने चाकू मारकर हत्या कर दी। यह घटना नृसिंह घाट के पास गोंड बस्ती में दिनेश के घर के निकट हुई थी। दिनेश और उसकी पत्नी भावना महाकाल मंदिर में Security Agency के कर्मचारी थे। पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने के लिए कई लोगों से पूछताछ की। अंततः DNA रिपोर्ट और कॉल रिकॉर्डिंग से सच सामने आया।
दरअसल, अवैध संबंध के चलते Security Guard की हत्या करवाई गई थी। पुलिस ने मृतक की पत्नी भावना, उसके प्रेमी निनाद काले (महाकाल मंदिर अन्न क्षेत्र का प्रभारी), सुनील शर्मा और रोहित सिंह को गिरफ्तार किया था। करीब तीन साल चले Case में अवैध संबंध के चलते हत्या साबित होने पर Court ने गुरुवार को निनाद काले, भावना, और सुनील शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि रोहित सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
25 हजार रुपए में हायर किए गए थे 2 बदमाश
मामले का खुलासा करते हुए तत्कालीन CSP पल्लवी शुक्ला ने बताया था कि घटना के बाद निनाद काले ने दिनेश को उसके घर के पास छोड़ा था। इसी आधार पर पुलिस ने 24 घंटे के भीतर हत्याकांड की गुत्थी सुलझा दी थी। भावना और निनाद ने मिलकर दिनेश को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। निनाद ने 25 हजार रुपए में सुनील शर्मा और रोहित सिंह को हायर किया।
परिवार को नए नूतन स्कूल के पीछे दिनेश को चाकू मारे जाने की सूचना मिली। जब परिजन पहुंचे, तो दिनेश सड़क पर पड़ा था। उसकी बांई पसली और पैर से खून बह रहा था। पिता दयाराम और अन्य लोग दिनेश को ऑटो में लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
Court में नहीं साबित कर पाए बेगुनाही
दिनेश ने पत्नी भावना और अन्न क्षेत्र प्रभारी निनाद काले को कई बार साथ देखा था और फोन पर बातचीत करते हुए पकड़ा था, जिस पर उसने आपत्ति जताई। दोनों के बीच लगातार फोन पर बात होती थी। दोनों की बातचीत की Recording Court में पेश की गई। आरोपियों के वकील ने तर्क दिया कि निनाद काले कोरोना काल में भावना के बच्चों को Tuition पढ़ाता था। लेकिन वे यह साबित नहीं कर पाए कि Tuition में कौन सा विषय पढ़ाया जाता था। Court में बच्चों ने भी मोबाइल पर Tuition पढ़ने की बात को नकार दिया।
