डिजिटल डेस्क, इंदौर
Indore News | हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स के लिए एक बड़ी घोषणा की। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में पैन 2.0 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए 1435 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इस नई योजना के तहत पैन कार्ड का एक नया, अपग्रेडेड वर्जन जारी किया जाएगा, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए डिजिटल सेवाएं और भी बेहतर होंगी।
PAN 2.0 क्या है? समझें इसके बारे में
पैन 2.0 प्रोजेक्ट पैन कार्ड 1.0 का एक उन्नत संस्करण है। इसके तहत पैन कार्ड अब एक क्यूआर कोड के साथ जारी किया जाएगा, जो टैक्सपेयर्स की कई समस्याओं का समाधान करेगा। इस प्रक्रिया में टैक्सपेयर्स को नया पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और न ही उन्हें अपने नजदीकी कार्यालय जाने की आवश्यकता पड़ेगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और मुफ्त होगी।
व्यापार जगत के दृष्टिकोण से यह क्या बदलाव लाएगा?
व्यापार जगत में एकल पहचानकर्ता की आवश्यकता महसूस हो रही थी, जिससे कई अन्य पहचानकर्ताओं जैसे पैन, टैन आदि की जगह एक ही आइडेंटिफायर का इस्तेमाल हो सके। इस दिशा में सरकार ने कदम उठाते हुए पैन और टैन को एकीकृत करने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही, पैन डेटा वाल्ट सिस्टम को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे व्यापारी और टैक्सपेयर्स के लिए प्रक्रियाएं और भी सरल और सुरक्षित हो जाएंगी। यह कदम डिजिटल पहचान प्रणाली को बेहतर बनाने में एक अहम सुधार साबित होगा।
PAN 2.0 के फायदे
इस पैन 2.0 प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स के लिए सेवाओं को और भी सरल और तेज बनाना है। इसमें रजिस्ट्रेशन और अन्य प्रक्रियाओं को अधिक सहज और त्वरित बनाया जाएगा, जिससे समय की बचत होगी।
इसके अलावा, डेटा कंसिस्टेंसी में सुधार होगा और सभी जानकारी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी, जिससे टैक्सपेयर्स को अलग-अलग स्थानों से डेटा प्राप्त करने में आसानी होगी।
इकोफ्रेंडली अप्रोच को ध्यान में रखते हुए पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे कागज का उपयोग कम होगा और लागत में भी कमी आएगी।
सुरक्षा को लेकर भी नई व्यवस्था की जाएगी, और बेहतर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा, जिससे पैन कार्ड की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।