MP हाई कोर्ट ने निरस्त की नीट पीजी काउंसलिंग की स्‍टेट मेरिट लिस्‍ट, अब नई सूची बनेगी

Jabalpur News | : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग 2024 के तहत एमडी-एमएस कोर्स में प्रवेश के लिए तैयार की गई राज्य प्रावीण्य सूची को अनुचित मानते हुए इसे निरस्त कर दिया है।

नए निर्देशों के अनुसार: प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने नेशनल एग्जमिनेशन बोर्ड फाॅर मेडिकल साइंस (एनबीईएमएस) को निर्देश दिए हैं कि इन-सर्विस उम्मीदवारों को प्रोत्साहन अंक देते हुए एक नई राज्य प्रावीण्य सूची तैयार की जाए।


राज्य प्रावीण्य सूची में असमानता का मामला

यह मामला तब सामने आया, जब रीवा के डॉक्टर अभिषेक शुक्ला सहित अन्य जिलों के डॉक्टरों ने अधिवक्ता आदित्य संघी के माध्यम से याचिका दायर की। उनकी दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, मैच की शुरुआत के बाद कोई भी नियम नहीं बदला जा सकता।

उनका कहना था कि नीट द्वारा तैयार की गई प्रावीण्य सूची नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का पालन करती हुई जारी की गई थी। लेकिन राज्य शासन ने दूसरी बार नार्मलाइजेशन प्रक्रिया का पालन किया, जो पूरी तरह से अनुचित था।


राज्य सरकार से जवाब की मांग

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नीट की प्रावीण्य सूची में अच्छे अंक प्राप्त करने के बावजूद, प्रदेश की प्रावीण्य सूची में इन-सर्विस उम्मीदवारों के नाम नीचले स्थानों पर आ गए, और इस कारण प्रवेश प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ।


कर्मचारियों में नाराजगी

मध्य प्रदेश शासन द्वारा रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के लिए 70 पदों को समाप्त करने के निर्णय से कर्मचारियों में नाराजगी है। विवि के खुलने के बाद सोमवार को इस मामले को लेकर विवि परिसर में हलचल देखी गई।

कर्मचारी आंदोलन की रणनीति बनाते हुए मंत्री से मुलाकात करने की योजना बना रहे थे। कर्मचारियों ने कुलगुरु से मुलाकात की और शासन के इस फैसले के खिलाफ अपना पक्ष रखा।


निष्कर्ष

इस प्रकार, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नीट पीजी काउंसलिंग के लिए राज्य प्रावीण्य सूची को निरस्त कर दिया है, और अब एक नई सूची तैयार की जाएगी, जो इन-सर्विस उम्मीदवारों को उचित अंक प्रदान करती है।

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