Bhopal News | (MPPSC Exam 2025)। मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में 562 से अधिक पद खाली हैं, जिनमें अधिकांश प्राध्यापक के पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। इस बीच, मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने इन कॉलेजों में रिक्त सहायक प्राध्यापक पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें से गेस्ट लेक्चरर्स के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी गई हैं।
गेस्ट लेक्चरर्स को मिलेगा आरक्षण का लाभ
इसके साथ ही, गेस्ट लेक्चरर्स को आयु सीमा में एक से 10 वर्ष तक की छूट भी दी गई है। हालांकि, इसके लिए यह जरूरी है कि उन्होंने एक शैक्षणिक सत्र में अध्यापन किया हो या चार अंक अर्जित किए हों। यह आरक्षण का लाभ गेस्ट लेक्चरर्स को केवल अगले तीन भर्तियों तक मिलेगा।
1923 पदों के लिए होगी परीक्षा
इस बार दो अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी – एक मई में और दूसरी अक्टूबर में। इन दोनों परीक्षाओं के माध्यम से कुल 1923 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने मध्य प्रदेश शैक्षणिक सेवा (महाविद्यालयीन शाखा) सेवा भर्ती नियम 1990 में संशोधन किया है। राज्य में फिलहाल लगभग 4500 गेस्ट लेक्चरर्स काम कर रहे हैं, जिनमें से करीब 500 गेस्ट लेक्चरर्स के लिए आरक्षित पद होंगे।
गेस्ट लेक्चरर्स की संख्या में वृद्धि
वर्तमान में प्रदेश में प्राध्यापक के 457 और सहायक प्राध्यापक के 3675 पद रिक्त हैं। अतिथि विद्वान संघ के अध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह के अनुसार, 25 प्रतिशत आरक्षण मिलने से 1100 से अधिक गेस्ट लेक्चरर्स को इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, कई गेस्ट लेक्चरर्स की उम्र सीमा पार हो चुकी है, और उन्हें भी अवसर मिलना चाहिए। इसके लिए आयु सीमा में और छूट दी जानी चाहिए।
परीक्षा में शामिल होने वाले विषय
सहायक प्राध्यापक पदों के लिए मई में जिन विषयों की परीक्षा आयोजित होगी, उनमें क्रीड़ा अधिकारी, प्राणी शास्त्र, भौतिक शास्त्र, राजनीति शास्त्र, गणित, हिंदी, भूगोल, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, भौतिक रसायन, वाणिज्य रसायन शास्त्र, इतिहास, समाज शास्त्र, और कंप्यूटर विज्ञान शामिल हैं। वहीं, अक्टूबर में यौगिक विज्ञान केंद्र, उर्दू, सांख्यिकी, संस्कृत, व्याकरण, संस्कृत साहित्य, संस्कृत प्राच्य, संस्कृत ज्योतिष, संगीत, कंप्यूटर एप्लीकेशन, मराठी, भूगर्भ शास्त्र के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी।
2017 के बाद पहली बार होगी परीक्षा
2017 में हुई परीक्षा के बाद, अब इतने सालों के बाद एक बार फिर यह परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसके कारण कई गेस्ट लेक्चरर्स ओवर एज हो सकते हैं और वे भविष्य में नियमित नहीं हो पाएंगे। अतः, उम्र सीमा में और राहत मिलनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक गेस्ट लेक्चरर्स इस अवसर का लाभ उठा सकें।