Jammu Kashmir News: कश्मीर की लड़की को Night में लेने आया था आतंकी रुखसाना ने लश्कर-ए-तैयबा Commander की पहले गर्दन काटी, AK-47 से किए 30 Fire

Jammu Kashmir News | 27 सितंबर, साल 2009

राजौरी का शाहदरा शरीफ Village

Village की सबसे ऊंची पहाड़ी पर नूर हुसैन का Home है। Home के बाहर और छत से दिखने वाला वादियों का View खूबसूरत और दिल को सुकून देने वाला है। बात 15 साल पुरानी, सितंबर की ही है। रात के करीब आठ बज रहे होंगे। रशीदा बेगम ने शौहर नूर, बेटे एजाज अहमद और बेटी रुखसाना को आवाज देकर खाने के लिए बुलाया।

सभी लोग Dinner के चारों तरफ बैठ गए। खाना खाने के बाद सब अपने-अपने काम में लग गए। रात के 9.30 बजे होंगे, अभी तक कोई सोया नहीं था। तभी दरवाजे पर किसी ने Knock किया। तीन-चार लोग दरवाजा खोलने के लिए आवाज दे रहे थे। नूर हुसैन समझ गए कि दरवाजे पर आतंकी हैं। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला।

थोड़ी देर बाद आतंकी पास ही में रहने वाले नूर हुसैन के छोटे भाई को पकड़ लाए। इस बार उन्होंने दरवाजा नहीं खोलने पर भाई को मारने की Threat दी। भाई की जान की खातिर नूर हुसैन ने दरवाजा खोल दिया। घर में चार-पांच आतंकी घुस आए। लश्कर-ए-तैयबा Commander अबू ओसामा ने 20 साल की रुखसाना के बारे में पूछा, उसने रुखसाना को अपने साथ ले जाने की बात कही। नूर हुसैन और रशीदा उसके आगे गिड़गिड़ा रहे थे, लेकिन अबू ओसामा ने उन्हें इतना पीटा कि दोनों के हाथ-पैर और मुंह से Blood निकलने लगा।

दूसरे कमरे में छिपी रुखसाना समझ गई कि अगर वो बाहर नहीं आई, तो उसके अम्मी-अब्बू मारे जाएंगे। जान की परवाह किए बगैर रुखसाना आतंकी अबू ओसामा के सामने आ गई। आतंकी ने उसके गाल पर जोर से Slap मारा। जैसे ही उसने रुखसाना की ओर पीठ की, रुखसाना ने पास रखी कुल्हाड़ी उठाई और अबू ओसामा की गर्दन पर मार दी। वो वहीं गिर पड़ा।

इसके बाद रुखसाना ने अबू ओसामा की AK-47 उठाकर उसके ऊपर गोलियों की बौछार कर दी। उसके पेट में एक साथ 30 Bullets घुस गईं। अबू ओसामा वहीं मर गया। इसके बाद पूरा परिवार Police Station गया। पूरी घटना के बारे में DG कुलदीप हुड्‌डा को बताया। उन्होंने अबू ओसामा की AK-47 और कुल्हाड़ी थाने में जमा करा ली।

लश्कर-ए-तैयबा का Commander अबू ओसामा फौज और J&K Police के लिए मोस्ट वांटेड आतंकी था। उसने फौज और पुलिस के कई अधिकारियों को मौत के घाट उतारा था।

ससुराल वाले घर में Gun लिए रुखसाना कौसर, उनसे बात करतीं भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला।
दैनिक भास्कर की सीरीज ‘कश्मीर के लोग’ में रुखसाना कौसर की कहानी जानने के लिए मैं मनीषा भल्ला रुखसाना से मिलने कश्मीर आई हूं। शाम के करीब 7 बजे हैं।

राजौरी सिटी से लगभग 35 किलोमीटर दूर कालाकोट का Forest पार करते हुए उनकी ससुराल वाले गांव खदिया जा रही हूं। सिटी से बाहर आते ही शहरी Noise थम गया। इक्का-दुक्का लोग ही सड़क पर नजर आ रहे हैं। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर घने Trees के अलावा दूर-दूर तक कोई घर नजर नहीं आ रहा है।

कालाकोट के Forest से ही लगा हुआ है केसरगला नाम का जंगल। पाकिस्तान से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने वाले आतंकी राजौरी के इसी जंगल को अपने लिए Safe मानते हैं। देखते ही देखते River और जंगल पार कर मैं रुखसाना की ससुराल पहुंच गई।

वह मुझे लेने ऊपरी मंजिल से नीचे आईं। हम दोनों करीब 50 Stairs चढ़कर ऊपर के कमरे में आ गए।

अब तक अंधेरा हो चुका था। रुखसाना ने मुझे Carpet बिछे कमरे में बैठाया। वह पहले से वहां अपनी Gun साफ कर रही थीं।

मैंने पूछा, इस वक्त Gun की सफाई क्यों, कहने लगीं मैं और मेरे शौहर दोनों आतंकियों की Hit List में हैं। खुद की सुरक्षा के लिए गांव में मेरे पास Gun है और जब मैं राजौरी में अपने पुलिस लाइन वाले घर पर होती हूं, तो वहां मेरे पास Pistol रहती है।

मुझ पर कई बार जानलेवा Attack हो चुका है। पहले मुझे Police Security मिली हुई थी, लेकिन जब से मुझे पुलिस लाइन में सरकारी क्वार्टर मिला है, तब से सुरक्षा हटा ली गई है।

रुखसाना से दो दिन में ये मेरी दूसरी मुलाकात है। इससे एक दिन पहले मैंने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने मुझे पुलिस लाइन वाले अपने सरकारी मकान पर बुलाया था, लेकिन मुझे वहां अंदर नहीं जाने दिया गया।

दरअसल, पुलिस के सख्त निर्देश हैं कि रुखसाना हर किसी से नहीं मिल सकतीं। मैंने उन्हें फोन पर कहा कि मुझे आपसे मिलने के लिए अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। पुलिस वाले कह रहे हैं कि आपसे मिलने की मनाही है।

मेरी बात सुनते ही रुखसाना ने कहा- ठीक है मैं आपसे मिलने थोड़ी देर में Hotel पहुंच रही हूं, आप किस Hotel में ठहरी हुई हैं। मैंने उन्हें होटल का नाम और पता बता दिया। मैं जिस Reference से रुखसाना से बात कर रही थी, वह फोन उन्हें दिल्ली से किया गया था।

थोड़ी देर बाद रुखसाना अकेली Hotel आ गईं। मैंने उन्हें पानी देते हुए उनका हाल-चाल पूछा। वे अपनी 15 साल पुरानी खौफनाक कहानी शुरू करने ही वाली थीं कि उसी समय उनका Mobile बजा।

रुखसाना ने मेरी तरफ देखते हुए मुंह पर उंगली रख चुप रहने का इशारा करते हुए कहा, SSP ऑफिस से फोन है।

फोन पर रुखसाना सिर्फ जी…. जी कह रही हैं।

फोन कटते ही उन्होंने मुझसे कहा- पुलिस लाइन से मेरे इस तरह बाहर निकलने पर रोक है। मुझे तुरंत वापस आने का Order मिला है।

जल्दी-जल्दी में थोड़ी सी बात कर रुखसाना ने मुझसे अगले दिन गांव में अपनी ससुराल आने को कहा। मेरी कहानी, शुरुआत में अटक सी गई थी। खैर मैं अगले दिन का इंतजार करने लगी।

पहली मुलाकात में वह मुझे खोई-खोई सी लगीं। जब वो होटल आई थीं तो कह रही थीं- मुझे बहुत कुछ कहना है, मेरी जान खतरे में है, लेकिन वक्त आने पर कहेंगी।

आज मैं उसके ससुराल पहुंची हूं। राजौरी के मेरे Sources लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने मुझे चेताया कि जल्द से जल्द लौटना है, क्योंकि रुखसाना पर आतंकियों की निगाहें हैं। चार बेटियों की मां रुखसाना सबसे छोटी बेटी को दूध पिलाते हुए कहती हैं, हीरे जैसी बेटियां हैं मेरी, इन्हें कौन देखेगा, बस चिंता इसी बात की है।

रुखसाना कहती हैं- शाहदरा शरीफ में हमारा घर Hill Top पर है। मेरा जन्म इसी घर में हुआ था। माता-पिता और भाई हम सब वहीं रहते थे। पिता Mistry थे। पड़ोस में चाचा रहते थे।

गश्त करते हुए थक जाने पर पुलिस और Army वाले हमारे घर के बाहर ही सुस्ताते। बातों-बातों में वे माता-पिता से आतंकियों के मूवमेंट की टोह भी ले लेते।

जब ये बात आतंकियों को पता लगती कि फौज हमारे घर आई थी, तो वे भी आ धमकते। कहते थे, फौज के लोग क्या करने आते हैं। आतंकी अपनी तीमारदारी कराते। खूब सारा खाना बनवाते और खाते। मना करने पर मार-पीट करते। घर पर फौजियों और आतंकियों के आने की वजह से परिवार दोनों ओर से पिस रहा था।

कभी-कभार लश्कर-ए-तैयबा का Commander अबू ओसामा भी रात में आता था। वो चाहता था कि उसके लिए घर में एक Bunker बनाया जाए, लेकिन मेरे अब्बू बंकर नहीं बना रहे थे। एक दिन अबू ओसामा ने उनके मुंह पर रुपयों की गड्‌डी फेंकी और कहा कि अब बंकर बनाओ।

मुझसे पिता की बेइज्जती देखी नहीं गई। मैंने रुपयों की गड्‌डी उसके मुंह पर मार दी। आतंकियों को घर से निकल जाने के लिए कहा। उस वक्त तो आतंकी चले गए, लेकिन आखिरकार वही हुआ जिसका सभी को अंदेशा था।

ससुराल वाले गांव में रुखसाना कौसर अकेली ऐसी महिला हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर Police ने Gun दी हुई है।
रुखसाना कहती हैं, वो 27 सितंबर 2009 की रात थी।

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