Tirupati Laddu Controversy News: तिरुपति मंदिर लड्डू विवाद जगद्गुरु शंकराचार्य का बड़ा बयान

Tirupati Laddu Controversy News | तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू Prasadam में कथित मिलावट का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे पर देशभर में Discussion जारी है। इस बीच, द्वारका शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री सदानंद सरस्वती ने अपनी चिंता व्यक्त की है।

स्वामी सदानंद सरस्वती ने मिलावट पर जताया दुख

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर के महाप्रसाद ‘श्रीवारी लड्‌डू’ में मिलावट के बारे में स्वामी सदानंद सरस्वती ने गंभीर टिप्पणी की। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में उन्होंने कहा कि तिरुपति बालाजी मंदिर के Prasadam में चर्बी की मिलावट की खबर बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि यह Prasadam हमारी सांस्कृतिक Heritage है, और इसकी पवित्रता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

नकली Products की जांच होनी चाहिए

स्वामी सदानंद सरस्वती ने आगे कहा, “महाप्रसादम में मिलावट की उचित जांच होनी चाहिए, और नकली दूध, नकली घी के साथ-साथ नकली Hindus की भी पहचान आवश्यक है। तिरुपति मंदिर के प्रबंधकों को तुरंत इस गलती को सुधारना चाहिए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।”

सरकार का मंदिर संचालन में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए

जगद्गुरु शंकराचार्य ने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर का संचालन सरकार का कार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “हमारे शास्त्रों में विभिन्न क्षेत्रों के लिए वर्ण व्यवस्था निर्धारित है। आश्रम व्यवस्था और अधिकार व्यवस्था है। मंदिरों का संचालन राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए। यदि तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रबंधन किसी धर्माचार्य, सम्प्रदाय या परंपरा के आचार्य के पास होता, तो यह गलती न होती।”

भगवान के Naivedya की व्यवस्था धर्माचार्य करेंगे तय

उन्होंने यह भी बताया कि भगवान के Naivedya की व्यवस्था सरकार नहीं, बल्कि धर्माचार्य तय करेंगे। “हमें असली दूध, नकली दूध, असली घी, नकली घी की पहचान करनी होगी। इसके साथ ही असली Hindu और नकली Hindu की पहचान भी जरूरी है। प्रबंधन को अपनी गलती सुधारनी चाहिए और जो मिलावट के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए।”

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