Dindori News | मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 15 जुलाई को झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद कई जिलों में इस पर कार्रवाई भी शुरू हुई, लेकिन बालाघाट जिले के लांजी विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजकुमार कर्राहे ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर गांव-गांव में लाखों Lives बचा रहे हैं।
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विधायक के इस बयान के बाद दैनिक भास्कर ने यूपी और छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे तीन जिलों—बालाघाट, डिंडौरी और सिंगरौली में झोलाछाप डॉक्टरों के प्रभाव और असर की पड़ताल की। इस दौरान छह प्रमुख Pictures देखने को मिलीं।
कमरों में इलाज: डिग्री और रजिस्ट्रेशन का कोई प्रमाण नहीं
हर जिले में कम से कम 100 से ज्यादा Doctors हैं, जिनके पास Medical Practice के लिए कोई मान्यता प्राप्त Degree या Registration नहीं है। इनमें से कई के पास Bachelor of Pharmacy (बी फार्मा) की Degree है, लेकिन वे गांव-कस्बों में Medical Store खोलकर साथ में Clinic भी चला रहे हैं। कई के पास Pharmacy की Degree भी नहीं है, फिर भी उन्होंने Clinic खोल रखा है।