Ujjain News: 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली महाकालेश्वर मंदिर में महिलाएं लगाएंगी भगवान को इत्र, उबटन

Ujjain News | दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिर्विद और पंडितों के अनुसार, 31 अक्टूबर को दोपहर 3.55 बजे Amavasya का संयोग बन रहा है, जो 1 नवंबर को शाम 6.15 बजे तक रहेगा। पंडित आनंदशंकर व्यास के अनुसार, दीपावली का पूजन Pradosh काल में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इसी दिन महाकाल में भी दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा।

महाकाल में Gwalior पंचांग के अनुसार पर्व मनाने की परंपरा है, जैसा कि पं. प्रदीप गुरु ने बताया। इस दिन महाकालेश्वर Jyotirling में देश के पहले दीपावली उत्सव का आयोजन किया जाएगा। पंडे और पुजारी परिवार की महिलाएं इस अवसर पर महाकाल को Ubtan लगाएंगी। गर्भगृह में Annakoot का भोग भी लगाया जाएगा।

जानिए… पांच दिनी पर्व यहां कैसे मनाएंगे

धनतेरस: दीपदान का इस दिन विशेष महत्व है। Skand Purana के अनुसार, यदि दो दिन त्रयोदशी होती है और उस दिन शाम को त्रयोदशी हो, तो वह श्रेयस्कर माना जाता है। इस वर्ष 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी।

रूप चतुर्दशी: निर्णय सिंधु पंचांग के अनुसार, कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को प्रातःकाल सूर्य उदय से पूर्व आकाश में Chandrama दिखने पर अभ्यंग स्नान करना चाहिए। इस वर्ष 31 अक्टूबर की प्रातःकाल यह योग बन रहा है।

दीपावली: महाकालेश्वर में Gwalior पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को दीप पर्व मनाया जाएगा।

गोवर्धन पूजा: Amavasya युक्त और प्रदोष युक्त प्रतिपदा होने पर सुबह की प्रतिपदा में गोवर्धन पूजन का आयोजन श्रेष्ठ है। यह पर्व 1 नवंबर को मनाया जाएगा।

भाईदूज: Yama द्वितीया मध्याह्न व्यापिनी होती है। इस वर्ष यह पर्व 3 नवंबर को मनाया जाएगा, और मध्याह्न काल में प्राप्त द्वितीया पर इसे मनाना चाहिए।

(जानकारी ज्योतिर्विद पंडित आनंदशंकर व्यास, पं. मीतेश पांडे, पं. अजयकृष्ण शंकर व्यास के अनुसार।)

Leave a Reply