Mumbai News: बदलापुर रेप केस के आरोपी का ठाणे में Encounter पुलिस की Revolver छीनी, Inspector ने Self Defense में गोली चलाई Family बोली- साजिश है

Mumbai News | महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूल में 2 बच्चियों से रेप के आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस Encounter में मौत हो गई। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि जांच के लिए ले जाते समय आरोपी ने ठाणे में पुलिसकर्मी की Revolver छीनकर फायरिंग की थी। पुलिस ने Self Defense में फायर किया।

पुलिस के अनुसार, 24 साल के अक्षय को जांच के लिए 23 सितंबर की शाम 5:30 बजे तलोजा जेल से बदलापुर लाया गया था। लौटते समय शाम करीब 6:15 बजे ठाणे में मुंब्रा बाईपास पर आरोपी ने Assistant Police Inspector (API) निलेश मोरे की कमर से Revolver छीनकर 3 राउंड फायरिंग की।

एक गोली API मोरे की जांघ पर लगी। उसी समय Senior Inspector संजय शिंदे ने आरोपी अक्षय शिंदे पर गोली चलाई, जो उसके सिर में लगी। अस्पताल में डॉक्टरों ने अक्षय को मृत घोषित कर दिया। अक्षय की मां और चाचा ने कहा कि Encounter एक साजिश है। हम उसका शव नहीं लेंगे। शिवसेना ने Encounter के बाद बदलापुर में मिठाई बांटकर जश्न मनाया।

शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बदलापुर Railway Station पर मिठाई बांटकर जश्न मनाया।

अक्षय शिंदे की मौत पर सरकार और परिवार का बयान

Chief Minister एकनाथ शिंदे: अक्षय शिंदे की पूर्व पत्नी ने उस पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया है। पुलिस उसे जांच के लिए ले गई थी। इस दौरान उसने एक पुलिसकर्मी नीलेश मोरे पर गोली चलाई, जो घायल हो गया। पुलिस ने Self Defense में यह कार्रवाई की। जांच के बाद और जानकारी सामने आएगी।

Deputy CM देवेंद्र फडणवीस: पुलिस वारंट के साथ अक्षय शिंदे को जांच के लिए ले जा रही थी। उसने पुलिस की Pistol छीन ली। उसने पुलिस कर्मियों पर गोली चलाई और हवाई फायरिंग भी की। पुलिस ने आत्मरक्षा में उस पर गोली चलाई। विपक्ष हर बात पर सवाल उठाता है। वही विपक्ष आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहा था। यदि उसने पुलिस पर हमला किया होता तो क्या पुलिस आत्मरक्षा नहीं करती? इसे लेकर कोई भी मुद्दा बनाना गलत है।

आरोपी का परिवार

अक्षय ने हमें बताया था कि उसे पुलिस हिरासत में पीटा जा रहा है और उसने पैसे भेजने के लिए एक चिट भी भेजी थी। पुलिस ने उससे कुछ लिखवाया भी था, लेकिन हमें नहीं पता कि यह क्या है। अक्षय पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से डरता था। फिर पुलिसकर्मियों पर गोली कैसे चला सकता है।

आरोपी अक्षय शिंदे की Encounter के बाद की फोटो।

आरोपी की मौत पर विपक्ष ने क्या कहा

NCP (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले- बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया चौंकाने वाला है। पहले FIR दर्ज करने में देरी हुई और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या कर दी गई। यह कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूरी तरह से पतन है।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी- आरोपी मर चुका है, और POCSO के तहत अन्य सह-आरोपी, जो स्कूल बोर्ड का सदस्य और BJP पदाधिकारी था, वह अभी भी फरार है। अयोग्य सरकार की गोली मारो और भाग जाओ रणनीति बहुत किताबी केस है। जल्द सुनने में आएगा कि किसी ने भी 6 साल के बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया ही नहीं। रीटेन, स्पॉन्सर्ड एंड एग्जीक्यूटेड बाय स्टेट गवर्नमेंट।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले- इस घटना ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बदलापुर अत्याचार मामले में स्कूल ट्रस्टी अभी भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं, वे फरार हैं। उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? क्या इस मामले में फरार आरोपियों को बचाने के लिए मुख्य आरोपी का Encounter कर मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही है? क्या पूरे मामले को दबाने की कोशिश के तहत पुलिस ने आरोपी का Encounter किया है? इस मामले की सच्चाई सामने लाने के लिए हाई कोर्ट के जजों से जांच कराई जानी चाहिए।

1 अगस्त को अक्षय ने स्कूल जॉइन किया था, 12-13 अगस्त को यौन शोषण किया बच्चियों से। रेप का आरोपी अक्षय शिंदे स्कूल में Sweeper का काम करता था। वह 1 अगस्त को ही कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हुआ था। 12 और 13 अगस्त को उसने स्कूल के गर्ल्स वॉशरूम में किंडरगार्टन में पढ़ने वाली 3 और 4 साल की दो बच्चियों का यौन शोषण किया।

घटना के बाद दोनों बच्चियां स्कूल जाने से डर रही थीं।

एक बच्ची के माता-पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटी से पूछताछ की। इसके बाद बच्ची ने सारी बात बताई। फिर उस बच्ची के माता-पिता ने दूसरी बच्ची के पेरेंट से बात की। इसके बाद दोनों बच्चियों का मेडिकल टेस्ट हुआ, जिसमें यौन शोषण का खुलासा हुआ।

आरोपी को दादा बोलती थीं बच्चियां, 17 अगस्त को गिरफ्तार हुआ था। पुलिस पूछताछ में सामने आया था कि बच्ची आरोपी शिंदे को दादा (बड़े भाई के लिए मराठी शब्द) कहकर बुलाती थी। बच्ची के मुताबिक, ‘दादा’ ने उसके कपड़े खोले और गलत तरीके से छुआ। स्कूल में जहां घटना हुई थी, वहां महिला कर्मचारी नहीं थी।

दोनों बच्चियों का परिवार जब केस दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा, तो पुलिस ने भी FIR दर्ज करने में टालमटोल की।

पीड़ित परिवारों ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से मदद मांगी। दो दिन बाद 16 अगस्त की देर रात पुलिस ने शिकायत दर्ज की। पुलिस ने 17 अगस्त को आरोपी को गिरफ्तार किया था।

लोगों ने ट्रेनों को रोका था, पुलिस पर पथराव किया था।

20 अगस्त को प्रदर्शनकारियों ने स्कूल का मेन गेट खुलवाया और अंदर घुसकर तोड़फोड़ की। घटना को लेकर भीड़ ने 20 अगस्त को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक बदलापुर Station पर प्रदर्शन किया था। 10 घंटे से ज्यादा लोकल ट्रेनों की आवाजाही रुकी रही। शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज कर रेलवे ट्रैक खाली कराया। तब पुलिस पर भीड़ ने पत्थरबाजी भी की थी।

Cabinet Minister गिरीश महाजन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए बदलापुर Station पहुंचे, लेकिन उन्हें लौटना पड़ा था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने SIT गठित करने का ऐलान किया। इसके अलावा सरकार ने केस Fast Track Court में चलाने की बात कही थी।

राज्य सरकार ने केस दर्ज करने में देरी के आरोप में बदलापुर थाने के महिला पुलिस निरीक्षक समेत 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था।

साथ ही Principal समेत कुछ स्कूल स्टाफ को भी सस्पेंड किया गया था।

बाल आयोग ने कहा- स्कूल प्रशासन ने केस दबाने की कोशिश की

महाराष्ट्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुसीबेन शाह ने आरोप लगाया था कि स्कूल ने बच्चियों के पेरेंट्स की मदद करने के बजाय अपराध को छिपाया। स्कूल समय पर संज्ञान लेकर शिकायत दर्ज करवाता तो अराजक स्थिति से बचा जा सकता था। मामले को लेकर आयोग CM एकनाथ शिंदे को रिपोर्ट पेश कर चुका है।

Leave a Reply