Delhi News | भारत में प्रतिबंधित संगठन Popular Front Of India (PFI) के खिलाफ 2 साल से चल रही ED की जांच में नए खुलासे हुए हैं। ED ने शुक्रवार को बताया कि PFI के Singapore और खाड़ी देशों में 13 हजार से ज्यादा Active Members हैं, जिन्हें करोड़ों रुपए के Fund जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है।
PFI की डिस्ट्रिक्ट कमेटियों का गठन
News Agency ANI के मुताबिक, PFI ने खाड़ी देशों में रह रहे प्रवासी Muslim समुदाय के लिए District Executive Committees बनाई हैं। इन्हीं Committees को Fund जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
ED ने बताया कि विदेशों से जुटाए करोड़ों के Fund को अलग-अलग Banking Channels के साथ-साथ Hawala के माध्यम से भारत भेजा जाता था, ताकि इस Fund को Trace न किया जा सके। यह Fund भारत में PFI के Officials और Terrorists तक आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पहुंचाया जाता था।
सितंबर 2022 की बड़ी कार्रवाई
सितंबर 2022 में देशभर में PFI के ठिकानों पर NIA और ED ने छापेमारी की थी। इस दौरान कई PFI Leaders को Arrest किया गया था। इन पर UAPA के तहत Action लिया गया। छापेमारी के बाद 28 सितंबर 2022 को केंद्र सरकार ने PFI संगठन पर Ban लगा दिया था। तभी से ED PFI के खिलाफ Investigation कर रही है।
ED की जांच में 4 बड़े खुलासे
- PFI के वास्तविक उद्देश्य इसके Constitution में बताए गए उद्देश्यों से बिल्कुल अलग हैं। PFI खुद को Social Movement के रूप में पेश करता है, लेकिन Investigation में पता चला कि इसके असली उद्देश्य जिहाद के माध्यम से Islamic Movement खड़ा करना है।
- PFI ने दावा किया कि वह अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए शांतिपूर्ण और अहिंसक तरीकों का उपयोग करेगा, लेकिन जांच में पाया गया कि Physical Education Classes की आड़ में Members को Punch, Kick, Knife Attacks और Stick Attacks की Violent Training दी जाती थी।
- देश में मौजूद PFI के ठिकानों में से कोई भी PFI के नाम पर Registered नहीं थे। Physical Education Classes की जगह भी Dummy Owners के नाम पर Registered थीं।
- 2013 में Kerala के Kannur जिले में Narath Arms Camp में PFI की Physical Education Class के दौरान Explosives और Violent Weapons की Training दी गई थी। इसका उद्देश्य अलग-अलग Religions के बीच दुश्मनी बढ़ाना और PFI Members को Terrorist Activities के लिए तैयार करना था।
2 दिन में 278 Arrests
22 सितंबर 2022 को NIA छापेमारी के दौरान PFI Members को Arrest करते हुए।
22 और 27 सितंबर को NIA, ED और State Police ने PFI और उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। 2 दिनों में 278 Arrests हुईं और Investigation Agencies को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले थे। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।
PFI पर 5 साल के Ban की 3 मुख्य वजहें
- PFI से खतरा: PFI और इसके संबंधित Organizations Illegal Activities में लिप्त थे। ये Activities देश की Unity, Integrity और Security के लिए खतरा हैं। इनकी गतिविधियां देश की Peace और Religious Harmony के लिए भी खतरनाक साबित हो सकती थीं।
- PFI का Secret Agenda: Criminal और Terror Cases से यह साबित हो चुका है कि PFI ने देश की Constitutional Power का अनादर किया है। बाहर से मिलने वाली Funding और Ideological Support के चलते PFI Internal Security के लिए खतरा बन चुका था।
- PFI की मजबूती की वजह: PFI ने अपने सहयोगी संगठनों और Fronts को तैयार किया, जिससे इसका मकसद Youths, Students, Women, Imams, Lawyers और Weaker Sections के बीच पैठ बढ़ाना था। इसके जरिए यह संगठन Membership, Influence और Fund जुटाने की क्षमता को बढ़ाता रहा।
18 साल पहले बना PFI, 23 राज्यों में फैला
2006 में Manitha Neethi Pasarai (MNP) और National Development Fund (NDF) नामक Organizations ने मिलकर Popular Front of India (PFI) का गठन किया था। यह संगठन शुरुआत में सिर्फ South India तक सीमित था, लेकिन अब यह UP, Bihar समेत 23 States में फैल चुका है।
PFI से जुड़ी खबरें
भारत में प्रतिबंधित PFI के Sleeper Cells तमिलनाडु में सक्रिय हैं। Central Intelligence Agencies के अनुसार, PFI के Members Human Rights Groups की आड़ में Radical Islamic Ideology फैला रहे हैं, जिससे Tamil Nadu Police High Alert पर है।