Dhaka News : ढाका की दीवारों पर लिखी गई बातें: Haseena के खिलाफ आंदोलन, 560 मौतों के बाद Bangladesh की स्थिति में बदलाव

Dhaka News | 5 अगस्त को Bangladesh की राजधानी Dhaka में भारी हिंसा हुई। Parliament भवन की छत पर चढ़े लोग, Prime Minister आवास में घुसी भीड़, सामान चुराते लोग, मूर्तियां तोड़ते और Museum में आग लगाते लोग। ये दृश्य आपने जरूर देखे होंगे।

ये घटनाएं Prime Minister Sheikh Hasina के खिलाफ हुए आंदोलन की पहचान बन गईं। अंततः Sheikh Hasina को इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़ना पड़ा। अब Bangladesh में एक नई Interim Government है, जिसे Nobel विजेता Mohammed Yunus चला रहे हैं, जिन्हें गरीबों के Banker भी कहा जाता है।

5 अगस्त के घटनाक्रम ने Bangladesh की दिशा बदल दी है। छात्रों के आंदोलन का परिणाम दुनिया को चौंका ही नहीं बल्कि डरा भी दिया है।

Parliament भवन: चोरी किया सामान वापस करने की अपील

5 अगस्त को Bangladesh की Parliament में हजारों की भीड़ घुस गई थी। तोड़-फोड़ और लूटपाट हुई। अंदर लगे Fans, Lights और Chairs, जो भी हाथ आया, लोग सब चुराकर ले गए। हिंसक भीड़ का उन्माद ऐसा था कि लगा जैसे Bangladesh के हालात अब काबू में नहीं आएंगे।

4 दिन बाद जब मैंने Parliament भवन के सामने जाकर देखा, तो नजारा बिल्कुल अलग था। Parliament का Gate बंद था, लेकिन सामने की सड़क पर अच्छा-खासा Traffic था। हर तरफ चहल-पहल थी। Parliament के सामने एक Board लगा था, जिस पर लिखा था- “जो सामान घर ले गए हैं, यहां आकर लौटा दें।”

यहां Rabi Shahriar मिले, जो 12वीं में पढ़ते हैं। माथे पर Bangladesh का Flag बांधे हुए हैं। Rabi भी एक Board लेकर खड़े हैं, जिस पर लिखा है- “Gonbhavan और Parliament का सामान वापस करें।” वे कहते हैं, “Sheikh Hasina ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं। यह हमारी Students की जीत है। फिर भी मुझे बुरा लगा कि भीड़ ने इतना उत्पात मचाया और लूटपाट की।”

Rabi जिस जगह खड़े हैं, वहां कुछ Fans, Lights और बाकी सामान रखा है। यह सामान लोग लूटकर ले गए थे, लेकिन बाद में लौटा दिया। Rabi के साथ खड़े Student Rizabul Haque कहते हैं, “अब हमें Bangladesh 2.0 बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि आंदोलन के दौरान जो भी गलत हुआ है, उसे ठीक करें।”

Parliament के बाहर आमतौर पर भारी Security होती है, लेकिन हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी घटना के 4 दिन बाद यहां कोई Security नहीं थी। Security से लेकर सारी व्यवस्थाएं Students ही देख रहे हैं। वे सड़कों पर Traffic Control कर रहे हैं। गाड़ियां एक लाइन में चलें, यह भी देख रहे हैं। इनमें College के साथ School के Students भी शामिल हैं।

फुटपाथ पर चलते समय एक Student ने मुझे भी टोका। कहा कि फुटपाथ के बीच में मत चलिए, बाईं तरफ चलना है। Students गाड़ियां रोक-रोककर लोगों से Seat Belt बांधने के लिए कह रहे हैं। फिलहाल पूरा Dhaka शहर बिना Traffic Police और Security कर्मियों के चल रहा है।

Bijoysharani चौक: मुजीब स्टैच्यू की तोड़फोड़ और दीवारों पर लिखी बातें

Dhaka के Bijoysharani चौक पर Sheikh Mujibur Rahman की स्टैच्यू थी। 5 अगस्त को प्रदर्शन कर रही भीड़ से कुछ लोग निकले और स्टैच्यू पर चढ़ गए। Hammer से स्टैच्यू तोड़कर धराशायी कर दी। अब भी स्मारक के आसपास आगजनी के निशान दिखते हैं।

जब मैं वहां पहुंचा, तो स्टैच्यू का मलबा तक नहीं था। Sheikh Mujib की याद में बने इस स्मारक की दीवारों पर प्रदर्शनकारियों ने लिख दिया- “Killer Hasina”, “Student Power”, “We Love Bangladesh।” यहां मौजूद Students ने बताया कि इस जगह गिरा मलबा हमने खुद साफ किया है।

मुझे स्मारक की तरफ बढ़ते देख एक लड़के ने मेरे हाथ में Mic देखा। Mic पर हिंदी में Daily Bhaskar लिखा था। इसे देखकर लड़का बोला- “I Hate Indians” और भाग गया। यह देखकर पास में खड़ा एक व्यक्ति तुरंत आया और बोला- “आप बुरा मत मानिए, मैं उस लड़के की तरफ से माफी मांगता हूं।”

हाल ही में स्कूल की पढ़ाई पूरी करने वाली Shifa स्मारक के सामने की दीवार पर Painting कर रही थीं। उनके साथ पूरा Group है। Shifa कहती हैं कि दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि हम तोड़ने वाला नहीं, जोड़ने वाला Bangladesh बनाना चाहते हैं। जिस नेता ने जुल्म किया, उसे सजा मिल गई है। अब हमें खुद हाथ से हाथ जोड़कर काम करना होगा। इसलिए मैं College छोड़कर यहां आई हूं।”

Sheikh Hasina का ऑफिस: अवामी लीग की मीटिंग स्थल अब केवल राख

5 अगस्त को Sheikh Hasina के इस्तीफे और देश छोड़ने की खबरें मिलने के बाद भीड़ हिंसक हो गई। प्रदर्शन कर रहे लोग Awami League की Chairperson Sheikh Hasina के Office में घुस गए और यहां आग लगा दी। यह Office Dhanmondi एरिया में स्थित है।

Office के बगल वाली Building में Poet और Writer Yusuf Banna रहते हैं। वे कहते हैं, “देश में ऐसा माहौल इससे पहले कभी नहीं देखा था। मेरी आंखों के सामने करीब 2 हजार लोगों की भीड़ Sheikh Hasina के Office में घुस गई। इसे आग के हवाले कर दिया।”

“वे जोर-जोर से नारे लगा रहे थे। कह रहे थे Dictator Hasina को जला डालो। यह वही Building है, जहां Sheikh Hasina पार्टी की Meetings लिया करती थीं। अब यहां राख के सिवाय कुछ नहीं बचा।”

Bengal Bhavan यानी पूर्व PM Sheikh Hasina का घर: PM House के बाहर का रास्ता ब्लॉक

Sheikh Hasina के Helicopter से जाने की तस्वीरें सामने आई थीं, तब सभी को यही लगा था कि Bangladesh में कुछ बड़ा हो चुका है। इसके बाद भीड़ Bengal Bhavan, यानी PM House का Gate तोड़ते हुए अंदर घुस गई। अंदर लूटपाट और आगजनी की गई। जब मैं Bengal Bhavan पहुंचा, वहां जाने वाला रास्ता ब्लॉक था।

Bengal Bhavan की ओर जाने वाले रास्ते पर Students Volunteers ही Traffic Manage कर रहे हैं। इस पॉइंट से आगे जाने की Permission नहीं है।

Sheikh Mujibur Rahman Museum: आगजनी के निशान और लोगों की प्रतिक्रिया

Bongobondhu Sheikh Mujibur Rahman जिस घर में रहते थे, उसे बाद में Museum बना दिया गया था। 5 अगस्त को इस Museum में भी तोड़फोड़ की गई। भीड़ ने इसे भी जला दिया। जब मैं यहां पहुंचा, तो Volunteers Museum की सफाई कर रहे थे। वे यहां से हिंसा के निशान मिटा रहे हैं।

Volunteer के तौर पर काम कर रहे Ahnan और Tahseena Anjum भाई-बहन हैं। दोनों Museum की दीवारें साफ कर रहे हैं। यहां प्रदर्शनकारियों ने आपत्तिजनक नारे लिख दिए थे। Volunteers तोड़फोड़ के बाद जमा मलबा भी हटा रहे हैं। Tahseena कहती हैं, “हम ये धब्बे हटाने की कोशिश कर रहे हैं।”

Bongobondhu Museum की सफाई की जिम्मेदारी Volunteers ने ली है। ये School में पढ़ने वाले बच्चे हैं। सभी दीवारों पर लिखे नारे मिटा रहे हैं।

हमें Bongobondhu Museum के Curator NI Khan मिले। वे कहते हैं, “हमारी राष्ट्रीय धरोहर कुछ लोगों की नासमझी की वजह से तोड़ी जा रही थी। तब मैं कैसा महसूस कर रहा था, उसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता।”

Bongobondhu Museum के Curator NI Khan Museum को नुकसान पहुंचाए जाने से दुखी हैं। वे कहते हैं, “मुझे यह बात समझ नहीं आ रही कि अगर राष्ट्र अपना इतिहास खुद मिटा देगा, तो पुनर्निर्माण कैसे करेगा।”

अब लोग बर्बाद हुए Museum को देखने के लिए आ रहे हैं। Mahua Sultana भी इनमें शामिल हैं। वे कहती हैं, “माना कि Hasina तानाशाह थी, लेकिन लोग हमारे ऐतिहासिक Museum को क्यों बर्बाद कर रहे हैं। आखिर ऐसा करके क्या हासिल होगा।”

Dhaka की सड़कें: मलबा हटाकर दीवारों पर Art उकेरी जा रही है

शाम से लेकर रात तक मैं Dhaka के अलग-अलग इलाकों, Dhanmondi से लेकर Mirpur Road और Central Dhaka तक गया। जिन सड़कों पर गोलियां और Smoke Bomb चले थे, वहां अब इनके निशान मिटाए जा रहे हैं। Students अलग-अलग तरह की Paintings और Art बना रहे हैं।

सेना की मदद से खुल रहे Police Stations Government विरोधी आंदोलन के दौरान भीड़ ने कई Police Stations में आग लगा दी थी। हमले की वजह से Police वाले थाना छोड़कर भाग गए थे। इसके बाद भीड़ ने सब लूट लिया। तभी से Police Stations खाली पड़े थे। अब सेना की मदद से धीरे-धीरे इन्हें दोबारा खोला जा रहा है। अब तक 29 Police Stations खोले जा चुके हैं।

Protest के दौरान 4 दिन में ही 400 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें कई Police वाले भी शामिल

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