जिले में गौशाला निर्माण पर 90 करोड़ खर्च, फिर भी सड़क पर Livestock की मौत

शिवपुरी। जिले में गौशाला निर्माण पर 90.15 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, इसके बावजूद Highway पर बैठने वाले Livestock की मौत हर रात हो रही है। मृत Animals को उठाने में National Highway के Crane Vehicles भी थकने लगे हैं। यह स्थिति तब है जब गोशालाओं के संचालन के लिए Government हर माह 18 लाख रुपए का Chara-Bhusa खर्च देती है।

शासन की करोड़ों की राशि के बावजूद स्थिति

Government द्वारा करोड़ों की राशि खर्च किए जाने के बावजूद Highway पर Livestock और वहां से गुजरने वाले Vehicle Drivers की जान खतरे में बनी हुई है। शहर में भी आवारा Livestock परेशानी का कारण बन गया है, जो सड़क पर बैठकर Traffic को बाधित कर देता है।

गोशालाओं को मिलने वाला खर्च

जिले में गौशालाओं के निर्माण पर 75.15 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। एक Cow के लिए रोजाना 20 रुपए Chara-Bhusa के लिए मिलते हैं, और वर्तमान में लगभग 3 हजार Cows के लिए यह राशि जारी की जा रही है। 30 दिनों के महीने में 18 लाख रुपए तथा 31 दिनों के माह में 18.60 लाख रुपए खर्च हो रहे हैं। यह राशि भी Animal Husbandry Department द्वारा अपना हिस्सा काटकर Panchayat को दी जाती है, जिसमें से कटौती करके गोशाला संचालन Committee को दिया जाता है।

जिले में गौशाला कितनी पूरी, कितनी अधूरी

शिवपुरी जिले में वर्तमान में 42 गौशालाएं बनी हैं, और प्रत्येक गोशाला का निर्माण 37 लाख रुपए में किया गया है। इनमें से 34 संचालित हैं और 12 को Private Agency चला रही हैं, जबकि शेष का संचालन Self-Help Groups की महिलाएं कर रही हैं। जिले में 40 लाख रुपए प्रति गोशाला के मान से 149 अन्य गोशालाएं भी लगभग पूरी हो चुकी हैं, और जल्द ही उनका संचालन भी शुरू होगा। इनमें से कई गोशालाएं पूरी हो चुकी हैं, लेकिन गायों को शिफ्ट नहीं किया गया है।

चरनोई पर हुए कब्जे, शहर में घूम रहे मवेशी

Highway सहित शिवपुरी शहर में परेशानी बन चुके आवारा Livestock की इस परेशानी का एक बड़ा कारण चरनोई भूमि पर हुए कब्जे भी हैं। जिले के हर गांव में Livestock के चरने के लिए चरनोई भूमि रिकॉर्ड में दर्ज है, लेकिन प्रभावशालियों ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया है, जिसके कारण अब ये Livestock जब चरने को जगह नहीं पाते तो शहर की ओर रुख करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में चरनोई पर कब्जे के कारण ग्रामीण क्षेत्र के Livestock Highway पर बैठते हैं और दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।

हर रात दर्जन भर Livestock की मौत

शिवपुरी जिले से दो Highways ग्वालियर-देवास और कोटा-झांसी फोरलेन Highways गुजरते हैं। इन दोनों Highways पर हर रात सैकड़ों की संख्या में Livestock सड़क पर बैठते हैं, और बारिश के बाद ये सूखी सड़क पर बीच में बैठ जाते हैं। जिससे तेज रफ्तार ट्रक इन Livestock को रौंदते हुए निकल जाते हैं, और हर सुबह एक-दो नहीं बल्कि एक दर्जन से अधिक Livestock Highway पर मृत पाए जाते हैं। यदि इन Livestock को आसपास की गौशालाओं में शिफ्ट कर दिया जाए, तो उनकी जान बचाई जा सकती है।

पशु उप संचालक का बयान

Animal Husbandry Officer Dr. M.C. Tamori ने बताया कि शिवपुरी जिले में 157 गोशालाओं का टारगेट था, जिसमें से 133 पूर्ण हो चुकी हैं, लेकिन इनमें से 43 ही चालू हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि शेष गोशालाओं में Water और Electricity की व्यवस्था नहीं है, और Manrega Funds से बनी इन गोशालाओं में District Panchayat और Village Panchayat को 15th Finance Commission Funds से यह व्यवस्था करनी है।

साथ ही संचालन में भी रुचि कम है, इसलिए भी गोशाला नहीं चल पा रही हैं। पहले 20 रुपए प्रति दिन प्रति Animal के मान से राशि आती थी, लेकिन अगली बार दोगुनी यानी 40 रुपए प्रति Animal प्रति दिन के Rate से राशि आएगी। तो संभवतः गोशाला संचालन में लोगों की रुचि बढ़ेगी।

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