Haryana CM Hukum Singh News: हुकम सिंह जेब में इस्तीफा रखकर चलते थे अखबार में पत्नी की गोबर पाथते Photo छपी, बिना Security खेत घूमने निकल जाते

Haryana CM Hukum Singh News | 12 जुलाई 1990, बनारसी दास गुप्ता से इस्तीफा दिलवाकर ओमप्रकाश चौटाला दूसरी बार हरियाणा के Chief Minister बने। तब हरियाणा और केंद्र दोनों जगह जनता दल की Government थी।

वीपी सिंह Prime Minister थे और ओमप्रकाश चौटाला के पिता देवीलाल Deputy Prime Minister। तब ओमप्रकाश चौटाला पर महम कांड के लगे दाग धुले नहीं थे। वीपी सिंह चाहते थे कि जब तक चौटाला आरोपों से घिरे हैं, तब तक उन्हें Chief Minister नहीं रहना चाहिए। दबाव बढ़ा तो 5 दिन बाद ही यानी, 17 जुलाई को चौटाला ने इस्तीफा दे दिया।

देवीलाल और चौटाला Chief Minister की कमान ऐसे व्यक्ति को सौंपना चाहते थे, जो उनके आदेशों पर काम करे। देवीलाल ने हुकम सिंह को Phone मिलाया। हुकम सिंह तब हरियाणा के Deputy CM थे। वे देवीलाल के पुराने साथी थे और सबसे भरोसेमंद भी। हरियाणा के सियासी गलियारों में जब आया राम गया राम पॉपुलर हुआ था और नेता कपड़ों की तरह दल बदल कर रहे थे, तब भी हुकम सिंह ने देवीलाल का साथ नहीं छोड़ा था।

देवीलाल ने हुकम सिंह से पूछा- ‘क्या मैं आपको हरियाणा का Chief Minister बना दूं?’

हुकम सिंह चौंक गए। उन्होंने कहा-

‘Chief Minister का पद मैं संभाल नहीं पाऊंगा। आप किसी और को ये जिम्मेदारी दे दीजिए।’

देवीलाल ने कहा- ‘कोई और विकल्प नहीं है, आपको ही जिम्मेदारी संभालनी पड़ेगी। मैं दिल्ली से चंडीगढ़ आ रहा हूं और आप भी चंडीगढ़ पहुंचिए।’

17 जुलाई को ही हुकम सिंह को Chief Minister पद की शपथ दिलाई गई। हुकम सिंह 22 मार्च 1991 तक Chief Minister रहे। उसके बाद उन्होंने ओमप्रकाश चौटाला को वापस सत्ता सौंप दी। हुकम सिंह को कठपुतली Chief Minister कहा जाता था। उन्होंने खुद मीडिया के सामने यह माना भी था कि वे डमी Chief Minister हैं।

दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज ‘मैं हरियाणा का CM’ के आठवें एपिसोड में मास्टर हुकम सिंह के Chief Minister बनने और उनकी जिंदगी से जुड़े किस्से…

17 जुलाई 1990, Chief Minister पद की शपथ लेते हुए हुकम सिंह।
हुकम सिंह फोगाट का जन्म 28 फरवरी 1926 को चरखी दादरी के एक हिंदू जाट परिवार में हुआ था। उन्होंने चरखी दादरी के सरकारी School से 10वीं क्लास तक पढ़ाई की। इसके बाद वे उसी स्कूल में Teacher बन गए। 3 साल नौकरी करने के बाद उनका ट्रांसफर पंजाब के संगरूर में हो गया। इसलिए हुकम सिंह ने नौकरी छोड़ दी और Farming में लग गए। हुकम सिंह के पास करीब 25 एकड़ जमीन थी।

1960 के दशक की बात है। सोशलिस्ट पार्टी के नेता मनीराम बागड़ी दादरी आया करते थे। वे दादरी में हुकम सिंह के घर में ही रुकते और वहीं Meetings करते थे। हुकम सिंह के घर में बैठकों का दौर चलता रहता था। मनीराम ने ही हुकम सिंह को Politics में आने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद वे सोशलिस्ट पार्टी से जुड़ गए।

19 महीने Jail में रहे, बाहर निकलकर चुनाव में उतरे और विधायक बने 25 अगस्त 1975, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी। विपक्षी पार्टियों के नेताओं को Jail में डाला जाने लगा। इसी बीच हुकम सिंह के घर Police आ पहुंची और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें पहले हिसार Jail में रखा गया, फिर अंबाला Jail भेज दिया।

जनवरी 1977 में हुकम सिंह Jail से बाहर आए। इसके बाद उन्होंने पहली बार दादरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। चुनाव जीतने के बाद उनकी मुलाकात देवीलाल से हुई और वे उनके करीबी लोगों में शुमार हो गए। 1978 में देवीलाल सरकार में उन्हें पंचायत Minister बनाया गया।

मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने दफ्तर में लोगों की समस्याएं सुनते हुकम सिंह।
साल 1979, जनता पार्टी के भीतर सियासी उठापटक शुरू हो चुकी थी। देवीलाल और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था। मोरारजी देसाई, देवीलाल को कुर्सी से हटाना चाहते थे।

देवीलाल के Political Advisor और हरियाणा के वित्त मंत्री रह चुके प्रोफेसर संपत सिंह बताते हैं, ‘1979 में तब के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के घर एक मीटिंग हुई। मीटिंग में देवीलाल को हटाकर भजनलाल को Chief Minister बनाने का फैसला लिया गया। जब देवीवाल को यह पता चला, तो वे गुस्से में सीधे मोरारजी देसाई के कमरे में पहुंच गए।

देवीलाल ने मोरारजी से कहा-

‘तुमने मेरी झोपड़ी में आग लगाई है। मैं तुझे भी महल में रहने नहीं दूंगा।’

6 जून 1979, Chief Minister देवीलाल हिसार और सिरसा के दौरे पर थे। उन्हें खबर मिली कि उनके चार मंत्रियों ने बगावत कर दी है। देवीलाल ने फौरन विधायक बचाने की कवायद शुरू कर दी। कई दिनों तक उन्होंने विधायकों को अपने तेजाखेड़ा फार्म में किलेनुमा कोठरी में रखा, लेकिन वे बहुमत नहीं जुटा पाए।

26 जून 1977, देवीलाल को बहुमत साबित करना था। एक दिन पहले ही देवीलाल ने इस्तीफा दे दिया। चौधरी भजनलाल हरियाणा के Chief Minister बने। कहा जाता है कि भजनलाल ने तब हुकम सिंह से कहा था कि वो देवीलाल का साथ छोड़कर उनके साथ आ जाएं। वे उन्हें Minister बनाए रखेंगे, लेकिन हुकम सिंह ने देवीलाल का साथ नहीं छोड़ा।

इधर सत्ता गंवाने के बाद देवीलाल ने मोरारजी के खिलाफ खेमेबंदी शुरू की, जिसकी अगुआई चौधरी चरण सिंह कर रहे थे। 28 जुलाई 1979 को मोरारजी देसाई की प्रधानमंत्री की कुर्सी चली गई। चौधरी चरण सिंह देश के Prime Minister बने। सितंबर 1979 में चौधरी चरण सिंह ने लोकदल की नींव रखी तो देवीलाल के साथ हुकम सिंह भी इसमें शामिल हो गए।

1982 में हुकम सिंह दोबारा विधायक चुने गए। उनकी पार्टी लोकदल और BJP ने साथ मिलकर 37 सीटें हासिल कीं। देवीलाल ने Chief Minister बनने का दावा ठोंका, लेकिन राज्यपाल ने भजनलाल को Chief Minister पद की शपथ दिला दी। नाराज देवीलाल ने राज्यपाल को थप्पड़ तक जड़ दिया।

इसके बाद 1987 में फिर से हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए। लोकदल को बहुमत मिला और देवीलाल Chief Minister बने। इस बार देवीलाल ने हुकम सिंह को अपनी सरकार में Deputy CM बनवाया।

1990-91 की तस्वीर। हरियाणा के एक गांव में आमसभा के दौरान Chief Minister हुकम सिंह।
जेब में इस्तीफा लेकर चलता हूं, देवीलाल जब कहेंगे Chief Minister की कुर्सी छोड़ दूंगा 1989 में देवीलाल उप प्रधानमंत्री बने और हरियाणा की कमान अपने बेटे ओमप्रकाश चौटाला को सौंप दी। हालांकि, महम कांड की वजह से चौटाला को लगातार दो बार इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद देवीलाल ने हुकम सिंह को Chief Minister बनवाया। कहा जाता है कि हुकम सिंह भले ही Chief Minister थे, लेकिन सारे फैसले चौटाला ही लेते थे। वे खुद चौटाला के घर जाते थे और उनकी मंजूरी के बाद ही कोई बड़ा फैसला लेते थे।

वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र कंवारी बताते हैं- ‘तब धनिकलाल मंडल हरियाणा के राज्यपाल थे। हुकम सिंह से उनकी अच्छी दोस्ती थी। एक बार धनिकलाल ने हुकम सिंह से कहा कि कोई आपके ऊपर इस्तीफे का दबाव बनाए, तो पद मत छोड़ना। 6 महीने तक तो मैं आपको अल्पमत में भी Chief Minister बनाए रख सकता हूं।

इस पर हुकम सिंह ने दो टूक जवाब दिया कि मुझे कुर्सी का लालच नहीं है। मैंने तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि Chief Minister बनूंगा। ये तो देवीलाल का अपनापन है कि उन्होंने मुझे Chief Minister बनाया। मैं अपनी जेब में इस्तीफा लेकर चलता हूं। जब देवीलाल कहेंगे, Chief Minister की कुर्सी छोड़ दूंगा।’

केंद्र में वीपी सिंह की सरकार गिरी, देवीलाल ने हुकम सिंह को हटाकर बेटे को CM बनवाया
23 अक्टूबर 1990, राम मंदिर निर्माण के लिए रथ यात्रा पर निकले BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी को बिहार के समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया गया।

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