Guna News: बेटी को जन्म से ही उपेक्षित किया, बड़ी होने पर पीटा 2 साल मामा के घर रही लौटने पर नफरती पिता ने रेप कर हत्या कर दी

Guna News | इसी सितंबर की 4 तारीख को नर्मदापुरम जिले की सोहागपुर Court ने एक रेप-मर्डर केस में दोषी को फांसी की सजा सुनाई। सोहागपुर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार चौबे ने निर्णय सुनाते समय श्रीरामचरितमानस का एक प्रसिद्ध Doha पढ़ा था।

इसका मतलब है- छोटे भाई की Wife, बहन, पुत्र की Wife (बहू) और Daughter, ये चारों समान हैं। जो कोई इनकी बुराई करता है, उसे दंड देने में कोई पाप नहीं होता। गुना की इस खबर को पढ़कर आप भी यही सोचेंगे कि दोषी को फांसी से कम सजा नहीं मिलनी चाहिए।

घटना की शुरुआत

मामला गुना जिले के चांचौड़ा का है। यहां के एक गांव में 36 साल के एक व्यक्ति ने अपनी 8 साल की बेटी की हत्या कर दी क्योंकि उसे बेटी का जन्म पसंद नहीं था। जन्म के समय से ही उसने बेटी को Neglect करना शुरू कर दिया और बड़ी होने पर उसे पीटना भी शुरू कर दिया।

बच्ची को पिता की नफरत से बचाने के लिए, परिजनों ने उसे 2 साल तक मामा के घर भेजा। इसी साल, उसकी मां ने उसे वापस लाया और गांव में तीसरी क्लास में Admission कराया। हालांकि, पिता की नफरत कम नहीं हुई।

हत्या की घटना

11 सितंबर को आरोपी अपने बेटे और बेटी के साथ खेत पर था। थोड़ी देर बाद, उसके पिता (बच्चों के दादा) भी खेत पर आ गए। जब वे वापस लौटे, तो बेटा दादा के साथ घर चला गया, जबकि आरोपी और उसकी बेटी खेत में रह गए। आरोपी ने बेटी को टॉफी का लालच देकर रोक लिया था।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने पहले मक्के के खेत में बेटी के साथ Rape किया। इसके बाद, उसने सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। शव को अपने खेत से लगे दूसरे खेत के Well में 5 किलो के पत्थर के साथ फेंक दिया। हत्या में इस्तेमाल किया गया पत्थर भी कुएं में फेंक दिया गया।

पुलिस की खोज और आरोपी की कोशिशें

आरोपी के घर लौटने के बाद, बेटी काफी देर तक घर नहीं लौटी। पत्नी ने उससे पूछा कि बेटी कहां है? आरोपी ने कहा- मुझे नहीं पता। बाकी परिवार वाले बच्ची को ढूंढ़ने लगे। पुलिस के पास भी गए। आरोपी घर में ही पड़ा रहा और उसने एक बार भी बच्ची को ढूंढ़ने की कोशिश नहीं की।

पुलिस जब 12 सितंबर को उसके घर पहुंची, तब भी वह घर में ही पड़ा हुआ था और सोने का नाटक कर रहा था। यहीं से ही पुलिस को उस पर शक हो गया था। पुलिस ने उसकी हरकतों पर नजर रखना शुरू किया।

चांचौड़ा थाना प्रभारी मचल सिंह मंडेलिया ने बताया कि आरोपी ने पुलिस को शुरू से ही गुमराह किया। उसने ही पुलिस को बताया कि बच्ची शायद River में बह गई होगी। गांव से निकली यह सहायक नदी आगे जाकर पार्वती नदी में मिलती है। आरोपी को यही लगा कि पुलिस कुछ दिन नदी में Search करेगी और फिर Search बंद हो जाएगी, क्योंकि पार्वती में इस समय काफी पानी है।

शव की खोज

14 सितंबर को कुएं में बच्ची का शव दिखाई दिया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस और एसडीईआरएफ की टीम 12 सितंबर से नदी में बच्ची को Search कर रही थी। 14 सितंबर की शाम कुएं में बच्ची का शव नजर आया। 5 किलो का पत्थर भी शव को पानी से ऊपर आने से नहीं रोक पाया, क्योंकि पानी भरने से बॉडी फूल गई थी। इससे वजन बढ़ गया था। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और एसडीईआरएफ टीम ने शव को बाहर निकाला।

गिरफ्तारी और पूछताछ

चांचौड़ा थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस बच्ची के अंतिम संस्कार का इंतजार कर रही थी। रविवार (15 सितंबर) सुबह जैसे ही शव का अंतिम संस्कार हुआ, पुलिस ने सबसे पहले बच्ची के पिता को ही हिरासत में लेकर पूछताछ की। थाना प्रभारी के मुताबिक, एक दिन आरोपी ने भागने और जान देने की भी कोशिश की।

उसने गांव में किसी से कहा कि ऐसा-ऐसा हो गया है और अब मैं तो मर रहा हूं। वह जा भी रहा था। उसके पिता ने उसे वापस लौटा कर लाया। जिस व्यक्ति से उसने यह बात कही, उसने पुलिस को बता दिया। इस पर पुलिस का शक और पुख्ता हो गया था।


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