Kerala News l सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने जाति जनगणना के मुद्दे पर कहा कि यह जनता के Welfare के लिए जरूरी है, लेकिन इसे Election Campaign के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने समन्वय बैठक के बाद एक Press Conference की, जिसमें उन्होंने यह बात कही कि सरकार को केवल Data के लिए जाति जनगणना करानी चाहिए।
RSS की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हर साल होती है। इस वर्ष यह 31 अगस्त से 2 सितंबर तक केरल के Palakkad में आयोजित हुई। इस बैठक में कोलकाता Rape-Murder केस और Uniform Civil Code पर भी चर्चा हुई।
3 दिन चली इस बैठक में RSS चीफ मोहन भागवत और सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी उपस्थित थे।
बैठक में चर्चा किए गए बड़े मुद्दे:
जाति जनगणना पर: आंबेकर ने कहा कि हमारे Hindu समाज में जाति एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है। जनगणना हमारी National Unity और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। इसे गंभीरता के साथ करना चाहिए। सरकार को जाति या समुदाय की भलाई के लिए आंकड़ों की आवश्यकता होती है। ऐसा पहले भी किया गया है। हालांकि, इसका उपयोग केवल समाज की भलाई के लिए होना चाहिए, न कि Elections का Political Tool बनाने के लिए।
कोलकाता रेप-मर्डर केस: आंबेकर ने कोलकाता Rape-Murder को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि देश में ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। इस मुद्दे पर सरकार की भूमिका, आधिकारिक तंत्र, कानून और सजा के विषय पर चर्चा की गई। सभी का मत था कि ऐसे मामलों में दोबारा विचार करने की आवश्यकता है, ताकि हम Fast Track जैसी प्रक्रिया अपनाकर पीड़ित को न्याय दिला सकें।
Uniform Civil Code पर: आंबेकर ने कहा कि UCC का Model पहले से ही Public Domain में है। उत्तराखंड में UCC को लागू करने से पहले इसे Public Domain में रखा गया था। इसके बाद लगभग 2 लाख से अधिक Applications प्राप्त हुए, जिन पर चर्चा की गई। अब जब यह Public Domain में है, तो इस पर आगे चर्चा हो सकती है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात पर: सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान कई संगठनों ने बांग्लादेश के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की स्थिति पर Detailed Report पेश की। इस पर सभी ने चिंता जताई। संघ ने सरकार से अनुरोध किया कि वह बांग्लादेश सरकार के साथ बातचीत कर वहां के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
पिछली बैठक में भाजपा को सलाह: सितंबर 2023 में हुई RSS की समन्वय बैठक में भाजपा को संघ ने सलाह दी थी कि विरोधी दलों के गठबंधन से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन काम में लापरवाही भी नहीं होनी चाहिए। इस बैठक का आरंभ सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भारत माता की पूजा के साथ किया था। इस बैठक में संघ के 36 संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए थे।
लोकसभा चुनाव के बाद RSS की पहली बड़ी बैठक: केरल के Palakkad में आयोजित RSS की अखिल भारतीय समन्वय बैठक में संघ से जुड़े 32 संगठनों के करीब 320 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। RSS में यह परंपरा है कि वर्तमान संघ प्रमुख ही अगले संघ प्रमुख का नाम तय करते हैं। RSS कैसे कार्य करता है, संघ प्रमुख का Election क्यों नहीं होता, और कौन-कौन से संगठन इससे जुड़े हैं, इन विषयों पर भी चर्चा हुई।