Shivpuri News | एक पीड़ित ने जिले के पिछोर थाना क्षेत्र के विरौली गांव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का Letter लेकर जनसुनवाई में भाग लिया। उसने झूठे STSC एक्ट की जांच की मांग की।
सामिलात ने बताया कि उसकी जमीन पर तालाब निर्माण के विवाद के चलते एक पक्ष ने उसकी संपत्ति हड़पने के लिए झूठा हरिजन एक्ट दर्ज करवाया है। इस संबंध में उसने केंद्रीय मंत्री सिंधिया को Complaint की थी, जिन्होंने कलेक्टर को मामले की जांच कर उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
बालकिशन पाल ने स्पष्ट किया कि उनकी खाते की भूमि Survey नंबर 740, 749, 750, 752, 1274 में कुल 1.3200 हेक्टेयर थी। यह संपत्ति उनकी पत्नी रामकली पान और नरेश विशाल, विकेंद्र पुत्र हरिशंकर भट्ट की साझा थी। नरेश विशाल और विकेंद्र ने उनकी पत्नी की अनुमति के बिना पंचायत सहायक Secretary सुनील और Secretary फिरोज खान के साथ मिलकर एक फर्जी Affidavit तैयार किया और मछली पालन के लिए तालाब निर्माण का कार्य आरंभ कर दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो तालाब निर्माण पर रोक लगा दी गई।
इससे नाराज होकर नरेश, विशाल और विकेंद्र ने पिछोर थाने में झूठा हरिजन एक्ट का मामला दर्ज करवा दिया। हरिजन एक्ट की FIR के दिन वह दिल्ली में मौजूद था, और इसके प्रमाण उसके पास हैं। उन्होंने इस मामले की शिकायत Police अधीक्षक और कलेक्टर से भी की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद, वह केंद्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद सिंधिया के पास अपनी समस्या लेकर गया। सांसद ने उसे 11 सितंबर को एक Letter दिया, जिसमें जिला कलेक्टर को रिश्वत लेकर फर्जी तरीके से लगाए गए हरिजन एक्ट की जांच के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद, उसकी सुनवाई नहीं हुई। आज, वह एक बार फिर सांसद के Letter के साथ शिकायत लेकर पहुंचा है और जांच कर उचित कार्रवाई की मांग कर रहा है।