Bhopal News | नर्वदाप्रसाद, जो ग्राम गरेठिया दांगी का निवासी है, ने मंगलवार को कलेक्टोरेट में अपनी समस्या Collector कौशलेंद्र विक्रम सिंह के सामने रखी। उन्होंने बताया, “मैंने वर्ष 2008 में State Bank ऑफ इंडिया (SBI) से 9.86 लाख रुपए का Loan लिया था, जिसमें से मैंने 3 लाख रुपए चुका भी दिए। लेकिन गंभीर बीमारी के कारण मैं 6 लाख रुपए चुकाने में असमर्थ रहा। अब Bank ने इतना Overdue निकाल दिया है कि 6 लाख के बदले 28 एकड़ Land की नीलामी कर रहा है। इस Land की Market Value 6 करोड़ रुपए है। मुझे Justice मिलना चाहिए।”
नर्वदाप्रसाद ने बताया कि उन्होंने इस मामले में Chief Minister और Collector को कई बार Complaint की, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि Bank के अधिकारी Land Mafia के साथ मिलकर Conspiracy कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि नीलामी की प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए, और वे बचे हुए रुपए और Penalty चुकाने के लिए तैयार हैं।
वर्ष 2012 से 2018 तक बीमार रहा
नर्वदाप्रसाद ने बताया कि उनके Heart और Brain Operation के कारण वह 2012 से 2018 तक Loan की राशि नहीं चुका पाए। उन्होंने कहा कि बाद में यह मामला जबलपुर Court में भेजा गया, और नीलामी की जानकारी उनसे छिपाई गई। जब 11 जुलाई को नीलामी की जानकारी की Order Copy उन्हें मिली, तब उन्हें इस बारे में पता चला।
गौरव नगर के लोग बोले- कॉलोनी में ढेरों समस्याएं, दूर की जाएं
जनसुनवाई के दौरान कोलार स्थित गौरव नगर के निवासियों ने अपनी कॉलोनी में अनेक समस्याओं का उल्लेख किया। आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ रहवासी कलेक्टोरेट पहुंचे। जिलाध्यक्ष रीना सक्सेना ने कहा, “हम कोलार के Ward नंबर 81 के निवासियों की समस्याओं के लिए यहां आए हैं। लोग बहुत परेशान हैं। सोसाइटी के अध्यक्ष गौतम श्री ने कई बार जनसुनवाई में Application दिए हैं। उनकी मांग है कि हमें Community Hall दिया जाए, सीवेज की समस्या को हल किया जाए, Criminal किस्म के किरायेदारों को निकाला जाए, और Water की समस्या का समाधान भी किया जाए।”
कर्मचारी पर पैसे मांगने का आरोप, कई लोगों ने दिए आवेदन
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मंगलवार को जनसुनवाई की। इस दौरान कुल 114 लोगों ने अपनी समस्याओं के लिए Application किए। एक व्यक्ति ने कलेक्टोरेट के एक कर्मचारी पर Money मांगने का आरोप लगाया, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि उस व्यक्ति को रेडक्रास के माध्यम से उसके इलाज के लिए पहले ही हजारों रुपए दिए जा चुके हैं।