North America News l अमेरिका ने भारत को एंटी-Submarine उपकरण Sonobuoy की बिक्री की मंजूरी दे दी है, जिससे भारतीय समुद्री शक्ति में वृद्धि होगी। इस उपकरण की अनुमानित लागत लगभग 52.8 Million डॉलर है और इसकी मंजूरी अमेरिका के Secretary of State एंटनी ब्लिंकन ने दी है। Sonobuoy के माध्यम से भारत अपने समुद्री क्षेत्र में छिपी Submarines का पता लगाने में सक्षम होगा। चलिए, जानते हैं कि यह Sonobuoy कैसे भारतीय Navy की क्षमताओं को बढ़ाएगा।
अमेरिका ने दिया बिक्री को हरी झंडी
अमेरिकी Defense Security Cooperation Agency ने जानकारी दी है कि भारत को होने वाली इस बिक्री के बारे में अमेरिकी Congress को सूचित किया गया है। Defense Minister राजनाथ सिंह के अमेरिकी दौरे के दौरान यह सफलता मिली है। उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष Lloyd Austin के साथ भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए Pentagon में खास बातचीत की। इस दौरान Defense Cooperation, Regional Security, Industrial Cooperation, Indo-Pacific Region और अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद ही Anti-Submarine Warfare Sonobuoy का सौदा सामने आया।
पोर्टेबल Sonar सिस्टम है Sonobuoy
वास्तव में Sonobuoy एक Portable Sonar System है। Sonar यानी Sound Navigation And Ranging System की मदद से दूर किसी वस्तु की मौजूदगी, स्थिति, दूरी और दिशा की जानकारी हासिल की जाती है। इसके लिए Sound Waves का सहारा लिया जाता है। इस सिस्टम से पानी में Sound Waves छोड़ी जाती हैं। अगर इनके रास्ते में कोई वस्तु आती है तो उससे टकराकर इनकी Echo (प्रतिध्वनि) आती है। इसके आने-जाने में लगने वाले समय के हिसाब से उस वस्तु की दूरी का पता लगाया जाता है।
पनडुब्बी से लेकर हेलीकॉप्टर तक से लॉन्च किया जा सकता
Sonobuoy करीब तीन फुट लंबा और पांच इंच व्यास का Sonar System है। इसकी विशेषता यह है कि Submarines का पता लगाने के लिए इसे पानी के जहाजों, Helicopters, Airplanes से लेकर Warships और Submarines से सागर में गिराया जा सकता है। Sonobuoy Active, Passive और Special Purpose यानी तीन तरह के होते हैं.
समुद्र में धीमी से धीमी आवाज सुनने में सक्षम
अमेरिका की ओर से जो आधिकारिक बयान आया है, उसके अनुसार Sonobuoy अमेरिकी तकनीक पर आधारित MH-60R Helicopters के जरिए Submarine Warfare संचालन की भारतीय Navy की क्षमता में सुधार करेगा। भारतीय Navy को इस सिस्टम से लैस करने में कोई परेशानी भी सामने नहीं आएगी। यह Portable Sonar System Acoustic Sensors से लैस है। इससे लैस होने के बाद भारतीय Navy समुद्र के भीतर मौजूद दुश्मन की Submarine की धीमी से धीमी आवाजों को भी काफी बेहतर तरीके से सुन सकेगी। इससे युद्ध के दौरान दुश्मन की Submarine को खत्म करने में भारतीय Navy को आसानी होगी।
भारत बना चुका MH-60R Helicopters का पहला Squadron
बताते चलें कि भारत ने MH-60R Helicopters का अपना पहला Squadron बना लिया है। इसमें वे छह Helicopters शामिल हैं, जिनकी आपूर्ति अमेरिका से की जा चुकी है। यह बेड़ा इसी साल मार्च में तैयार किया गया है। दरअसल, भारत अपने पुराने Naval Helicopter बेड़े को आधुनिक बना रहा है। इसके लिए उसने साल 2020 में अमेरिका से 24 Lockheed Martin Sikorsky Multi-Purpose Helicopters यानी MH-60R Helicopters खरीदने का सौदा किया था। इस सौदे की लागत करीब 17,500 करोड़ रुपये है। उम्मीद है कि अमेरिका ये सभी Helicopters साल 2025 तक भारत के हवाले कर देगा।
चीन और पाकिस्तान के उड़े होश
अमेरिकी Anti-Submarine Warfare Sonobuoy के सौदे से चीन और पाकिस्तान के होश उड़ चुके हैं। अब इस उपकरण की मदद से भारत अपने समुद्री इलाके में खासतौर से चीन और पाकिस्तान की Navy की Submarines को पलक झपकते खत्म कर सकेगा। इसलिए चीन और पाकिस्तान इस सौदे के बाद चिंतित हैं। खासकर तब जब चीन ने हाल ही में अपनी अत्याधुनिक Submarine समुद्र में लॉन्च की है।