BRICS Summit 2024 Agenda Explained News: क्या BRICS में पुतिन सुधारेंगे भारत-चीन के रिश्ते?

BRICS Summit 2024 Agenda Explained News | दुनिया की तेजी से विकसित होती Economies के समूह BRICS की 16वीं Summit कजान, रूस में हो रही है। इसमें 28 देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल हुए हैं, जिनमें रूस, चीन, ब्राजील और South Africa शामिल हैं। इस साल Summit की अध्यक्षता रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin कर रहे हैं, और PM मोदी आज यहां अपने विचार साझा करेंगे।

BRICS की ताकत और ग्लोबल स्थिति

BRICS अब European Union (EU) को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली Economic Organization बन चुका है। Global GDP में EU के देशों की हिस्सेदारी 14% है, जबकि BRICS देशों का हिस्सा 27% है। BRICS का एक अलग Bank भी है, जिसे New Development Bank के नाम से जाना जाता है। इसका मुख्यालय चीन के Shanghai में स्थित है, और यह सदस्य देशों को Government या Private Projects के लिए Loans प्रदान करता है।

नए सदस्य और संगठन की वृद्धि

इस समूह में पिछले साल तक 5 देश शामिल थे: ब्राजील, रूस, चीन, भारत और South Africa। इस साल UAE, ईरान, इजिप्ट और Ethiopia औपचारिक सदस्य बनेंगे। पिछले साल 34 और इस साल 40 देशों ने BRICS से जुड़ने की इच्छा जताई है।

BRICS की बढ़ती प्रासंगिकता

बुनियादी Economic Crisis के दौरान, 2008-2009 में जब पश्चिमी देश आर्थिक परेशानियों का सामना कर रहे थे, तब BRICS देशों की Economy में तेजी आई। Economic Crisis से पहले, पश्चिमी देश दुनिया की 60% से 80% Economy पर नियंत्रण रखते थे। लेकिन मंदी के दौर में BRICS देशों की Growth ने यह दिखाया कि उनमें तेजी से विकास करने और पश्चिमी देशों को Challenge देने की क्षमता है।

पश्चिमी देशों के लिए BRICS की चुनौती

हाल ही में, राष्ट्रपति Putin ने BRICS देशों के लिए एक अलग Payment System बनाने के विचार पर चर्चा की। इससे पहले, ब्राजील के राष्ट्रपति Lula Da Silva ने कहा था कि BRICS देशों को व्यापार के लिए एक नई Currency की आवश्यकता है। उन्होंने सवाल उठाया, “हम क्यों Dollar में Trade कर रहे हैं?” हालांकि, इस मामले में कोई महत्वपूर्ण Development नहीं हुआ है। Putin ने कहा कि यह अभी बहुत आगे की बात है, और इस पर कोई Decision नहीं लिया जाएगा।

नए देशों के शामिल होने से क्या बदलाव आएगा?

UAE, ईरान, इजिप्ट और Ethiopia के BRICS में शामिल होने से संगठन की ताकत बढ़ गई है। UAE जैसी तेजी से बढ़ती Economy के शामिल होने से BRICS का Market और बढ़ गया है, जिसकी Global Export Capacity 2% से अधिक है। नए सदस्यों के जुड़ने से BRICS के कुल Land Area और Population में वृद्धि हुई है, और साथ ही इस संगठन की Joint Military Capability में भी इजाफा हुआ है, हालांकि BRICS कोई Military Organization नहीं है।

भारत की चिंताएँ

भारत BRICS के विस्तार को लेकर सतर्क है। इसकी एक मुख्य वजह यह है कि नए सदस्यों के शामिल होने के लिए Rules अभी तय नहीं हुए हैं। वर्तमान में BRICS में सदस्य देशों का मुख्य आधार उनकी Economy है। इस संदर्भ में, बड़ा सवाल यह है कि नए सदस्यों को Economy के आधार पर शामिल किया जाए या Geography के आधार पर। प्रोफेसर Rajan Kumar के अनुसार, BRICS में कम देशों की मौजूदगी Decision लेने में आसानी प्रदान करती है, जबकि अधिक सदस्यों को शामिल करना Challenge हो सकता है।

पुतिन और मोदी के बीच संबंध

इस बीच, भारत चीन के मंसूबों को लेकर सतर्क रहना चाहता है। चीन और रूस दोनों BRICS को Western Countries के खिलाफ एक समूह के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं।

रूस की तरफ से सम्मान

रूस ने 9 जुलाई को PM नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘Order Of St. Andrew The Apostle’ से नवाजा। राष्ट्रपति Vladimir Putin ने उन्हें सम्मानित किया। यह सम्मान विशेष रूप से उत्कृष्ट कार्य करने वाले नागरिकों और सेना के लोगों को दिया जाता है।

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