Mumbai News: फिल्मों में Actors को बोलने की ट्रेनिंग दी जाती है

Mumbai News | आपने कभी ध्यान दिया है कि कटरीना कैफ, जैकलीन फर्नांडीज और नोरा फतेही जैसी विदेशी मूल की Actresses हिंदी कैसे बोलती हैं? उनके लिए भाषा और बोली सिखाने के लिए विशेष Coach हायर किए जाते हैं, जिन्हें हम Dialect Coach कहते हैं।

Dialect Coach का महत्व

पिछले कुछ वर्षों में फिल्मों में Dialect Coach की भूमिका बढ़ी है। भाषा का असर सीधे Actor की Performance पर होता है। एक कलाकार के किरदार को निखारने में Dialect Coaching का बड़ा योगदान होता है। फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘दंगल’ में कंगना रनोट और आमिर खान का हरियाणवी Accent आज भी लोगों को याद है।

Reel to Real एपिसोड की चर्चा

Reel to Real के नए एपिसोड में हम फिल्मों में Dialect Coach की भूमिका पर चर्चा करेंगे। इसके लिए हमने प्रसिद्ध Dialect Coach विकास कुमार, हेतल वारिया और सुनीता शर्मा से बातचीत की।

जॉन अब्राहम की पहली Shot की कहानी

इन्होंने बताया कि जब जॉन अब्राहम ने अपना पहला Shot दिया तो वह रोने लगे थे। वहीं, दंगल की तैयारी के दौरान आमिर खान को भाषा सीखने में अन्य Actors की तुलना में ज्यादा समय लगता था।

उच्चारण और बोली में अंतर

उच्चारण से तात्पर्य है कि लोग शब्दों को कैसे बोलते हैं, और यह किसी बोली का केवल एक हिस्सा होता है। किसी व्यक्ति की बोली उसकी Vocabulary, व्याकरण और स्थानीय Slang के उपयोग से भी बनती है।

कोई निश्चित नियम नहीं

विकास ने कहा, “किसी Actor को भाषा सिखाने का कोई निश्चित नियम या Formula नहीं होता। जैकलीन फर्नांडीज और कटरीना कैफ की बोली में English Accent होता है, इसलिए कोशिश की जाती है कि उनकी हिंदी भाषा पर पूरी पकड़ हो जाए।”

Dialogue Delivery पर ध्यान

भाषा सिखाने के साथ-साथ हम Dialogue Delivery पर भी काम करते हैं। फिल्म ‘पठान’ में जॉन अब्राहम ने शाहरुख खान के अपोजिट काम किया था। उनकी हिंदी अच्छी थी, लेकिन Dialogue Delivery पर उनका Focus था, इसलिए हमने इस पर भी मेहनत की।

भोपाली किरदार की विशेषताएँ

फिल्म ‘इश्किया’ में नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी का कैरेक्टर भोपाली था। फिल्म के Director चाहते थे कि दोनों की बोली में भोपाली Flavor हो, और हमने इस पर भी काम किया।

अनुभव साझा करते हुए

विकास ने जैकलीन और कटरीना के साथ अपने अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा, “मैंने दोनों से तब मुलाकात की थी जब उन्होंने अच्छी हिंदी सीख ली थी। कटरीना से फिल्म ‘टाइगर 3’ के दौरान मिला था। कटरीना और जैकलीन की खासियत यह है कि दोनों हिंदी (Devanagari) में Script मांगती हैं, जिससे उनकी Performance बढ़ जाती है।”

Workshop में भाषा सिखाना

विकास ने बताया कि Workshop के दौरान वह Writing और Audio के जरिए भाषा सिखाने की कोशिश करते हैं। कुछ Projects के लिए, विकास Actors को सिखाने के लिए पूरी फिल्म की Script को अपनी आवाज में Record कर देते हैं। इस मदद से Actors आसानी से अपनी भाषा पर काम कर पाते हैं।

Challenges का सामना

हेतल वारिया ने बोली सिखाने के दौरान आने वाले Challenges के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि भाषा सिखाने के लिए अन्य कामों की तुलना में बहुत कम टाइम मिलता है। हर Actor की एक लिमिट होती है; कुछ Actors जल्दी सीख लेते हैं, जबकि कुछ को अधिक समय लगता है।

विक्की और हुमा की तेजी

हेतल ने कहा, “जैसे फिल्म ‘सैम बहादुर’ में विक्की कौशल और ‘तरला’ में हुमा कुरैशी, दोनों ने बहुत जल्दी भाषा सीख ली थी। दोनों पर ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी।”

जॉन की Dialogue Delivery

विकास ने फिल्म ‘पठान’ में जॉन अब्राहम के साथ काम किया है। उन्होंने बताया, “पठान से पहले, फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में मैं उनका Dialect Coach था। शूटिंग से पहले, मैंने कई Techniques से उनकी Dialogue Delivery पर काम किया।”

Actors की प्रगति

फिल्म की Oopening Scene में उन्हें एक श्लोक बोलना था। जब उन्होंने प्रैक्टिस के दौरान इसे बोला, तो उनकी आंखें नम हो गईं। जॉन ने कहा कि उन्होंने इससे पहले इतना साफ Dialogue नहीं बोला था। यह सिर्फ एक केस नहीं है; ऐसा कई Actors के साथ होता है।

काम को कमतर समझना

Dialect Coach को अधिक Fees नहीं मिलती है। Project के हिसाब से Fees में बदलाव होता है। बड़े बजट की फिल्मों के लिए ज्यादा Fees मिलती है, लेकिन इस काम को लोग छोटा भी समझते हैं। कम Fees के अलावा, एक Dialect Coach को Actors को सिखाने का टाइम भी बहुत कम मिलता है। किसी भी भाषा पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए Actors को कम से कम 3 महीने का वक्त मिलना चाहिए।

विक्की ने सीखी कई भाषाएँ

हेतल वारिया ने फिल्म ‘सैम बहादुर’ में विक्की के साथ काम किया है। उन्होंने बताया कि रियल लाइफ में सैम बहादुर को कई भाषाएँ आती थीं, इसलिए विक्की को भी कुछ भाषाएँ सीखनी पड़ीं। शूटिंग शुरू होने से काफी पहले विक्की ने अपनी बोली पर काम करना शुरू कर दिया था।

आमिर खान का अनुभव

फिल्म ‘दंगल’ से जुड़ा एक किस्सा भी है। इस फिल्म के Actors को हरियाणवी बोली सिखाने का काम सुनीता शर्मा को मिला था। सुनीता ने कहा, “यह फिल्म मुझे ‘तनु वेड्स मनु’ के जरिए मिली थी। इस फिल्म में कंगना का हरियाणवी टोन सभी को बहुत पसंद आया था। इसी के बाद दंगल के मेकर्स ने मुझे अप्रोच किया था।”

आमिर की मेहनत

दिलचस्प बात यह है कि बाकी Actors की तुलना में आमिर को भाषा सीखने में थोड़ा ज्यादा समय लगता था। हालांकि, वह मेरी हर गाइडलाइन का पालन करते थे और बाकायदा Notes भी तैयार करते थे।

कंगना की लर्निंग स्पीड

सुनीता ने फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ में कंगना रनोट के साथ काम करने का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, “कंगना के साथ काम करने का अनुभव बहुत अच्छा रहा। उनकी लर्निंग स्पीड भी बहुत अच्छी है। वह चीजों को समझती हैं और उस पर काम भी करती हैं।”

फीमेल एक्टर्स की तेजी

सुनीता ने आगे कहा, “मेरे अनुभव में, फीमेल एक्टर्स की लर्निंग स्पीड मेल एक्टर्स की तुलना में अधिक होती है। फिल्म ‘अतरंगी रे’ में सोहा अली खान को मैंने भोजपुरी एक्सेंट सिखाया था, और वह भी बहुत जल्दी सीख गई थीं।”

समापन

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