Rashtriya Swayamsevak Sangh Functions RSS News : लोकसभा चुनाव के बाद RSS की पहली बड़ी बैठक: संघ प्रमुख का चुनाव क्यों नहीं होता, क्या मुस्लिम स्वयंसेवक बन सकते हैं

Rashtriya Swayamsevak Sangh Functions RSS News | लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की पहली महत्वपूर्ण बैठक केरल के Palakkad में आयोजित हो रही है। यह अखिल भारतीय समन्वय बैठक 2 सितंबर तक चलेगी, जिसमें RSS से जुड़े 32 संगठनों के लगभग 320 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

RSS की कार्यशैली, संघ प्रमुख का चुनाव न होने का कारण, और कौन-कौन से संगठन RSS से जुड़े हैं, इन सभी सवालों के जवाब जानने का प्रयास करते हैं…

20 जून 1940 को RSS के संस्थापक Keshav Baliram Hedgewar ने Madhav Sadashiv Golwalkar, जिन्हें Guruji कहा जाता है, को एक चिट सौंपी। चिट पर लिखा था- ‘मेरे शरीर को Doctors के हवाले करने से पहले, मैं तुम्हें सूचित करना चाहता हूं कि अब से संगठन को चलाने की पूरी जिम्मेदारी तुम्हारी होगी।’

3 जुलाई 1940 को संघ के प्रमुख नेताओं की बैठक में जब Hedgewar की चिट पढ़ी गई, तो लोग चकित रह गए। अधिकांश लोगों को उम्मीद थी कि Hedgewar Appaji Joshi को संघ की कमान सौंपेंगे। तब Appaji संगठन में Hedgewar के दाहिने हाथ माने जाते थे, लेकिन Hedgewar ने 34 साल के एक Professor को संघ प्रमुख बनाकर सभी को चौंका दिया।

लगभग 23 साल बाद, 5 जून 1973 को, Guru Golwalkar के निधन के बाद कार्यकर्ताओं की सभा में एक Sealed Envelope खोला गया। Envelope में लिखा था- ‘मेरे बाद Balasaheb Deoras को SarSanghChalak बनाया जाए।’

इस प्रकार RSS में एक परंपरा स्थापित हो गई कि संघ प्रमुख ही अगले संघ प्रमुख का नाम तय करेगा।

2018 में संघ प्रमुख Mohan Bhagwat ने कहा- ‘मेरे बाद SarSanghChalak कौन होगा, यह मेरी इच्छा पर निर्भर है और मैं SarSanghChalak कब तक रहूंगा, यह भी मेरी इच्छा पर निर्भर है।’

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