Ganesh Visarjan Shubh Muhurat 2024 News | आज Anant Chaturdashi है, जो गणेश उत्सव का अंतिम दिन है। इस दिन गणपति का विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए दिनभर में 2 Muhurat उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार विसर्जन कर सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि यह कार्य Sunset से पहले ही पूरा कर लें। ग्रंथों के अनुसार, Sun डूबने के बाद मूर्तियों का विसर्जन नहीं किया जाता है।
घर में मूर्ति विसर्जन करना: उचित तरीका
घर में मूर्ति विसर्जन करना एक सही विकल्प है। Brahmapuran और Mahabharat के अनुसार, Rivers को गंदा करने से दोष लगता है। इसलिए, किसी Pot या नए बड़े Container में पानी भरकर गणेश जी का विसर्जन करना चाहिए।
जलतत्व का महत्व और विसर्जन का तरीका
गणेश Water Element के स्वामी माने जाते हैं। विसर्जन जल पंच तत्वों में एक है। मूर्ति के जल में मिल जाने से, जो Pran Pratishthit मूर्ति है, वह अपने मूल तत्व में समा जाती है। पानी के माध्यम से भगवान गणेश का Sakar रूप निराकार में बदल जाता है। यह God के एकाकार होने का प्रतीक भी है, और इसलिए पानी में विसर्जन का महत्व है।
नई शुरुआत का संकेत
Prof. Ramnarayan Dwivedi, Kashi Vidwat Parishad के महासचिव, का कहना है कि गणेश स्थापना के साथ जो संकल्प अच्छे काम करने और बुराई छोड़ने का लिया गया था, गणपति विसर्जन के बाद नई शुरुआत करनी चाहिए। गणपति अच्छे भाग्य और समृद्धि लाते हैं। इसे पाने के लिए पूरे साल कड़ी मेहनत करने का समय विसर्जन से शुरू होता है, जो अगले साल गणेश स्थापना तक चलता है।
त्याग का भाव और विसर्जन की प्रक्रिया
गणपति विसर्जन का मतलब केवल मूर्ति को जल में मिलाना नहीं है। यह प्रक्रिया बताती है कि इस भौतिक दुनिया में जो कुछ भी बनाया गया है, वह Temporary है और अंत में विलीन हो जाएगा। इसलिए, संसार की Maya में फंसने के बजाय अपनी बुद्धि को जगाना चाहिए। विसर्जन को समझते हुए, हम अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल कर संसार के मोह से मुक्त हो सकते हैं और इसे त्याग सकते हैं।