Bhopal News | भोपाल डेवलपमेंट अथॉरिटी (BDA) के बाबू तारकचंद दास को शुक्रवार को लोकायुक्त पुलिस ने 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। टीम ने आरोपी के घर, Hotel और पत्नी के Office की तलाशी शनिवार सुबह चार बजे तक जारी रखी।
संपत्ति और दस्तावेजों की खोज
अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपी के पास 80 करोड़ रुपए से अधिक की चल-अचल संपत्ति है। उसकी पत्नी और सास दोनों ही उसकी सबसे बड़ी Rajdar साबित हुई हैं, जिनके नाम पर सबसे ज्यादा संपत्ति दर्ज है। आरोपी के घर की तलाशी के दौरान 100 ग्राम Gold, 50 हजार रुपए Cash, और डेढ़ किलो Silver मिला है। इसके अलावा, ओरिएंटल बैंक के Joint Account, जो सास और पत्नी के नाम पर है, के दस्तावेज सहित एक बैंक Locker होने के प्रमाण मिले हैं।
गिरफ्तारी और पूछताछ
दो दर्जन से अधिक चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज और कई Blank Cheques भी मिले हैं, हालांकि इन चेक पर साइन किए हुए हैं। सोमवार को पुलिस तारकचंद दास के बैंक Locker की तलाशी करेगी और उसकी सास और पत्नी से भी पूछताछ की जाएगी।
लीज रिन्यू करने के नाम पर रिश्वत की मांग
आरोपी सहायक ग्रेड-1 तारकचंद दास ने यह रकम रत्नागिरी प्रोजेक्ट में रहने वाले एक व्यक्ति से लीज रिन्यू करने के नाम पर मांगी थी। वह 3 लाख 35 हजार रुपए मांग रहा था। काफी मनाने के बाद पहली किस्त के 40 हजार रुपए शुक्रवार को लिए। रिश्वत की रकम तारकचंद ने स्टाफ के सामने ही अपनी टेबल की दराज में रखवा दी, और लोकायुक्त पुलिस की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। तारकचंद ने दफ्तर के सामने ही पत्नी मंदिरा दास के नाम से एक दुकान भी ले रखी है। रजिस्ट्री के सर्विस प्रोवाइडर का License भी है। BDA से प्रॉपर्टी खरीदने वालों पर दास का दबाव रहता है कि रजिस्ट्री यहीं से कराएं।
पिछले छह महीने से परेशान कर रहा था बाबू
शिकायतकर्ता अपने मकान के लीज नवीनीकरण के लिए पिछले 6 महीने से तारकचंद दास के चक्कर काट-काटकर परेशान था। आरोपी बिना रिश्वत लिए काम करने को राजी नहीं था, जिससे तंग आकर उसने रिश्वत की रकम तय की और लोकायुक्त में शिकायत कर दी।
अवैध रजिस्ट्री मामले की भी होगी जांच
होशंगाबाद रोड स्थित विद्या नगर में अनिल साखी के प्लॉट की रजिस्ट्री किसी अन्य व्यक्ति के करा लेने के मामले में 19 जून को क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज की है। इस मामले में BDA के सीनियर अफसरों की भूमिका भी संदिग्ध बताई जाती है। फिलहाल कलेक्टोरेट में इसकी जांच चल रही है। लोकायुक्त पुलिस इस रजिस्ट्री में तारकचंद दास की भूमिका की भी जांच करेगी। BDA की राजस्व शाखा में खासतौर से लीज नवीनीकरण, नामांतरण, NoC के 300 से ज्यादा मामले पिछले छह महीने से पेंडिंग हैं, जिसके लिए लोग यहां चक्कर काटते रहते हैं।