Ratlam News : क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड एमपी पुलिस ने नागालैंड से पकड़ा आरोपी, मणिपुर के भाइयों का भी कनेक्शन

Ratlam News | एमटीएफई (Metaverse Foreign Exchange Group Inc) क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड केस में रतलाम पुलिस ने नागालैंड से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इस आरोपी के Bank Account में फ्रॉड के तहत 5 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था, हालांकि, जब पुलिस ने जांच की, तो खाते में केवल 5 लाख रुपये मिले। वर्तमान में, इस राशि को Freeze कर दिया गया है। इससे पहले, रतलाम पुलिस ने जापान और सिंगापुर की Companies से 44 लाख रुपये को सीज कर भारत वापस लाया था।

गैंग का विस्तार और मणिपुर कनेक्शन

नागालैंड से पकड़े गए आरोपी Khiboto I और उसके साथियों ने 266 व्यक्तियों से 1.43 करोड़ रुपये की ठगी की है। यह फ्रॉड केस की दसवीं गिरफ्तारी है और गैंग का Network लगातार फैलता जा रहा है। मणिपुर के दो भाइयों के नाम भी इस मामले में सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी अभी बाकी है।

पड़ोसी देशों में धोखाधड़ी

इस गैंग ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के अन्य पड़ोसी देशों में भी क्रिप्टो करेंसी (Virtual Currency) में निवेश के नाम पर लोगों को ठगा है।

रतलाम पुलिस की मुश्किलें

Khiboto I की गिरफ्तारी के लिए रतलाम साइबर सेल के प्रमुख अमित शर्मा, इंडस्ट्रियल एरिया थाना जावरा के Sub-Inspector राकेश मेहरा, नामली थाना के Head Constable राहुल जाट और विनोद माली नागालैंड गए थे। जब रतलाम पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ा, तो वहां के लोग इसका विरोध करने लगे। पुलिस थाने को घेर लिया गया और रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा को वहां के Commissioner of Police से चर्चा करनी पड़ी। इसके बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर रतलाम लाया जा सका।

अच्छे रिटर्न का लालच देकर इन्वेस्ट कराया

24 अगस्त 2023 को जावरा के निवासी सलीम खान ने इंडस्ट्रियल एरिया थाने में एक केस दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि मोहम्मद फैज उर्फ निक्कू, आजम खान, हुजेफा जम्माली बोहरा, आलोक पाल, वाजिद और वसीम ने निवेश के नाम पर 20 लाख 76 हजार रुपये की ठगी की है।

इसी समय, अशरफ अली की रिपोर्ट पर गोविंद सिंह और संदीप टांक के खिलाफ स्टेशन रोड थाने में 26 लाख 51 हजार 20 रुपये की ठगी की शिकायत हुई।

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों मामलों में MTFE App के जरिए लोगों से पैसा निवेश कराया गया है। बदले में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए 30 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने का वादा किया गया। लोग आसानी से पैसा कमाने वाली इस Ponzi Scheme (Fraud Investment) के झांसे में आ गए।

अंतरराष्ट्रीय धोखाधड़ी

जालसाजों ने इस स्कीम से 1.43 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया और फिर कंपनी को बंद कर दिया। पुलिस ने MTFE कंपनी के QR Code- TRC-20 Wallet के Address को ढूंढ निकाला।

पड़ोसी देशों में भी की धोखाधड़ी

पड़ताल के दौरान रतलाम पुलिस की साइबर सेल ने 10 लाख 48 हजार TRC-20 Wallet Address प्राप्त किए। इनमें QR Code के जरिए बड़ी मात्रा में रुपयों का लेन-देन विभिन्न देशों में हुआ। जांच में सामने आया कि इस तरह की धोखाधड़ी MTFE ने भारत ही नहीं, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान और नाइजीरिया में भी की है।

मणिपुर के दो भाई भी रैकेट का हिस्सा

पुलिस ने साल भर की मेहनत के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिप्टो करेंसी प्लेटफॉर्म Binance से संपर्क कर एक मुख्य क्रिप्टो एक्सचेंज खाते की जानकारी प्राप्त की। Binance कंपनी ने रतलाम पुलिस को बताया कि इस खाते में भारत से ठगी के लगभग 40 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है।

यह Binance Account Inaku Peme और Mercy Peme के नाम से रजिस्टर्ड है। दोनों भाई हैं और मणिपुर के निवासी हैं। पुलिस इन्हें भी आरोपी बना चुकी है लेकिन अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है। नागालैंड से जिसे गिरफ्तार किया गया है, उसकी लिंक भी Inaku Peme और Mercy Peme से जुड़ी है।

सरकारी अधिकारी, कर्मचारी भी शिकार

MTFE में पैसे जमा कराने वालों में सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। हालांकि, ये लोग पुलिस के सामने नहीं आए। जो रुपये पुलिस ने सीज कराए हैं, उन्हें वापस लेने के लिए कुछ लोगों के आवेदन भी पुलिस के पास आए हैं।

रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने कहा- 44 लाख रुपये Binance से इंडिया में ला चुके हैं। जिन्होंने दावे किए हैं, उन्हें ये रुपये कोर्ट की प्रक्रिया के अनुसार ही दिए जाएंगे।

क्रिप्टो करेंसी का परिचय

क्रिप्टो करेंसी ऑनलाइन भुगतान का एक तरीका है। यह Network-Based Digital Currency है। इसे कंपनी या व्यक्ति किसी भी Token के रूप में जारी कर सकता है, जिसका उपयोग केवल जारी करने वाली कंपनी की Goods और Services के लिए ही होता है। इसे किसी एक देश की करेंसी की तरह कंट्रोल नहीं किया जा सकता और इसका पूरा ऑपरेशन ऑनलाइन होता है। दुनिया की पहली क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को 2009 में Open Source Software के तौर पर रिलीज किया गया था। इसे बनाने वाले ग्रुप का नाम Satoshi Nakamoto है।

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