Jaipur News l आपका Credit Card ब्लॉक हो गया है… आपकी Lottery लगी है…. Company सस्ता Loan दे रही है… घर बैठे पैसे कमाना चाहते हैं तो Link पर CLICK करो… ऐसे ही झांसे में लेकर साइबर ठग राजस्थान की जनता से करोड़ों रुपए ठग चुके हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप थोड़ी सी सावधानी बरतें तो ठगी से बच सकते हैं। साथ ही ठगी का शिकार होने पर भी अपना पैसा वापस पा सकते हैं। जोधपुर ग्रामीण पुलिस ने पिछले 2 साल में साइबर ठगों के खाते Freeze कर पीड़ितों के 59 लाख रुपए रिफंड करवाए हैं।
दैनिक भास्कर ने साइबर एक्सपर्ट से जाना कि साइबर ठगी से कैसे बचा जाए? ठगी होने पर क्या करें? ठगी होने पर पैसे रिफंड करवाने के लिए क्या रास्ता अपनाया जाए?
सबसे पहले इन 2 मामलों से समझते हैं कि साइबर ठगी कैसे हो रही है..
केस-1: लाखों रुपए के ऑफर देकर मोबाइल हैक किया
जोधपुर के खेड़ापा में रहने वाले पटवारी को 28 जून को WhatsApp पर प्रधानमंत्री किसान ऐप का एक लुभावने ऑफर का मैसेज आया। ऑफर देखकर पीड़ित ने मैसेज में आए अनजान Link पर क्लिक कर दिया। क्लिक करते ही मोबाइल हैक हो गया।
कुछ मिनट बाद ही मैसेज आया कि आपके खाते से 2 लाख 75 हजार रुपए कट गए हैं। पीड़ित ने ठगी का एहसास होने पर तत्काल जोधपुर ग्रामीण पुलिस की साइबर सेल में शिकायत दी। पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और हैकर के बैंक अकाउंट को Freeze कर ठगी के पैसे Hold करवाए। इसके बाद पुलिस ने Court के जरिए पटवारी को 1 लाख 57 हजार 100 रुपए रिफंड करवा दिए।
साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक ठग इस तरह से मैसेज में एक Link भेजते हैं, ऐसे Link पर क्लिक करना खतरे से खाली नहीं है।
केस-2: APK Link पर क्लिक करते ही मोबाइल हैक
सितंबर 2024 में शेरगढ़ के भूंगरा गांव में रहने वाले मूलसिंह के मोबाइल पर एक मैसेज आया। मैसेज में लिखा था… केंद्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें।
मूलसिंह ने बिना कुछ समझे Link पर क्लिक किया। इससे एक अनजान ऐप मोबाइल में डाउनलोड हो गया। थोड़ी देर में मोबाइल भी हैक हो गया। जैसे ही मूल सिंह ने मोबाइल से UPI पेमेंट किया, ठगों ने मूल सिंह के बैंक खातों और UPI का पिन नंबर उस ऐप के जरिए पता लगा लिया। थोड़ी ही देर में 41 हजार 200 रुपए निकाल लिए।
जैसे ही पैसे कटने का मैसेज आया मूल सिंह चौंक गया। उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हैकर के बैंक अकाउंट से 12 सितंबर को 41 हजार 200 रुपए रिफंड करवा दिए।
आखिर ठगों ने बिना कुछ किए मोबाइल हैक कैसे किए?
इस तरह की ठगी Remote Access ऐप के जरिए होती है। ये वो ऐप हैं जो आपके मोबाइल में एक बार इंस्टॉल होने पर साइबर ठग सारी जानकारी चुरा सकते हैं।
साइबर ठग Remote Access ऐप को एक Link के जरिए मैसेज बनाकर भेजते हैं। दिखने में यह मैसेज सामान्य मैसेज लगते हैं। ऐसे Link में लुभावने ऑफर दिए जाते हैं। जैसे- प्रधानमंत्री आवास योजना, Loan योजना, Knowledge या जरूरी सूचना।
Link पर क्लिक करते ही ये ऐप मोबाइल में अपने आप डाउनलोड होकर स्टोर हो जाते हैं। कई बार ठग WhatsApp पर मैसेज भेजते हैं। अगर आपके WhatsApp में ऑटो डाउनलोड चालू है तो बिना क्लिक किए भी ये ऐप अपने आप डाउनलोड हो जाते हैं।
इसके बाद हैकर आपके मोबाइल की स्क्रीन को लाइव देखकर आपके बैंक खातों के पासवर्ड, UPI पेमेंट का पिन वगैरह सबकी जानकारी जुटा लेते हैं।
साइबर ठग इस तरह से सरकारी योजनाओं के नाम पर लुभावने मैसेज भेजते हैं। इसमें APK Link भी होता है।
कैसे पहचानें हैकर ऐप को?
मोबाइल को हैक करने वाले Remote Access ऐप के Link को पहचानने का एक ही तरीका है। साइबर ठग जो भी Link भेजते हैं, आप अगर सावधानी से पढ़ेंगे तो Link के आखिर में .apk, .exc, .pif, .shs, .vbs लिखा हुआ आएगा। ऐसे Link पर बिल्कुल क्लिक नहीं करें।
इसके लिए अलावा Anydesk, Teamviewer, Airdrop, Meadmin, Airminer नाम की ऐप का कोई Link कभी डाउनलोड न करें। यह सभी Remote Access ऐप हैं।
आपके मोबाइल में कहीं ऐसा ऐप इंस्टॉल तो नहीं हो रखा। यह पता लगाने के लिए मोबाइल की सेटिंग में जाकर .apk, .exc, .pif, .shs, .vbs लिखकर सर्च करें। अगर आपके मोबाइल इस तरह के ऐप इंस्टॉल होंगे तो सर्च करने पर इनकी फाइल सामने आ जाएगी। उसे Uninstall कर दें।
ठगी के बाद 30 मिनट का समय सबसे अहम
जोधपुर ग्रामीण पुलिस की साइबर सेल के दयाल सिंह चौहान ने बताया कि साइबर ठगी होने के बाद 30 मिनट का समय सबसे अहम होता है। ठगी के बाद साइबर ठग सारा पैसा अपने बैंक में ट्रांसफर कर लेते हैं। फिर ये पैसा ATM से निकालते हैं। इस प्रोसेस में आमतौर पर ठगों को कम से कम 30 मिनट का समय लग जाता है।
अगर ठगी लाखों रुपयों में है तो ठग सारा पैसा एक खाते की बजाय अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करते हैं। इसके बाद अलग-अलग ATM से पैसा निकालते हैं। ठगी की रकम ज्यादा होने पर ATM से निकालने में ही कई घंटे या कभी-कभी पूरा दिन लग जाता है।
ऐसे में अगर पीड़ित ठगी के 30 मिनट के भीतर ही शिकायत कर दे तो पैसा रिफंड होने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि शिकायत मिलते ही साइबर टीम सबसे पहले साइबर ठगों का बैंक खाता Freeze कर देती है। अगर ठग ने तब तक उन पैसों को ATM से नहीं निकाला है तो वह रिफंड हो जाता है। शिकायत देरी से होने पर रिफंड की उम्मीद न के बराबर हो जाती है।
ठगी होने पर क्या करें?
स्टेप-1: पहले खुद Customer Care पर कॉल कर बैंक अकाउंट ब्लॉक या Freeze करवाएं
साइबर ठगी होने पर सबसे पहले अपना बैंक अकाउंट का Debit Card या Credit Card ब्लॉक करवाना चाहिए। कार्ड के पीछे लिखे Customer Care नंबर पर कॉल कर यह काम तुरंत किया जा सकता है। बाद में अपना बैंक खाता भी Freeze करवाएं, ताकि ठग ऑनलाइन Transaction न कर पाए।
स्टेप-2: 1930 नंबर पर कॉल करें
बैंक अकाउंट से पैसे कटने के बाद भी, उन्हें रिफंड करवाने का आपके पास एक मौका होता है। इसके लिए सबसे पहले 1930 नंबर पर कॉल करें। यह नंबर ऑल इंडिया साइबर फ्रॉड पोर्टल का है। आप देश के किसी भी हिस्से में रहें साइबर ठगी की शिकायत यहां दर्ज करवा सकते हैं। इस नंबर पर कॉल करने के बाद आपके पैसे रिफंड होने की गारंटी इस बात पर निर्भर करती है कि आपने ठगी होने के कितने समय बाद या समय गंवाए बिना इस हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया।
अगर ठगी होने का पता देर से लगे या 24 घंटों बाद पता लगे तब क्या करें?
अगर ठगी होने के 24 घंटों तक आपने 1930 नंबर पर शिकायत नहीं की है तो आप cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसमें आपको वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। फॉर्म सबमिट करने के बाद आपकी शिकायत ऑनलाइन दर्ज हो जाएगी।
यह गलतियां कभी न करें
1930 नंबर पर कॉल करने के बाद आपसे बैंक अकाउंट और Transaction संबंधी कुछ जानकारी मांगी जाती है। यह जानकारी सही बताना सबसे अहम होता है। कई बार लोग सही जानकारी नहीं दे पाते, इससे साइबर पुलिस का समय बर्बाद होता है।
- बैंक अकाउंट नंबर: अपने बैंक खाते की सही जानकारी दें, जहां से पैसा कटा या ठगा गया है।
- Transaction ID: पैसे ट्रांसफर करते समय उस Transaction की UTR ID (यूनिवर्सल ट्रांजैक्शन रेफरेंस नंबर) नंबर स्टेटमेंट में जरूर होता है। यह 12 डिजिट का रेफरेंस नंबर बिल्कुल सही बताएं। गलत नंबर बताने पर पुलिस Transaction को ट्रेस नहीं कर पाती है।
- Transaction डिटेल: साइबर ठग सारा पैसा एक साथ नहीं निकालते। अक्सर कई Transactions करते हैं। शिकायत दर्ज कराते समय सभी Transactions की डिटेल अलग-अलग बताएं।
- जिला और थाना: शिकायत दर्ज करवाते समय आपको अपना जिला और वहां लगने वाले थाने की सही जानकारी देनी होती है।
क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड में पैसे वापस लौटने की उम्मीद ज्यादा
अगर आपके साथ Credit Card ठगी हुई है। इसके अलावा अगर ठग ने अगर आपके बैंक अकाउंट या Credit