Kolkata News | यह शहर पूरे साल Speed और Leisure के बीच संतुलन बनाए रखता है, लेकिन दुर्गा पूजा के 5 से 10 दिन ऐसे होते हैं जब इस City का पूरा उत्साह सड़कों पर आ जाता है।
इस Same उत्साह को अनुभव करने के लिए हम आए हैं ‘City of Joy’ में। आपको कोलकाता के Most Popular पूजा पंडालों के बारे में बताएंगे।
साथ ही, आपको कोलकाता की पूजा संस्कृति और यहां के 10 दिन के दुर्गा पूजा Celebration के दौरान Food Culture कैसा होता है, इसके बारे में जानकारी देंगे।
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3000 से ज्यादा पूजा पंडाल, 200 से ज्यादा की लागत 1 Crore
लगभग 207 वर्ग किमी में फैले इस महानगर में 3000 से ज्यादा Registered दुर्गा पूजा समितियां हैं, जो हर साल Unique पूजा पंडाल तैयार करती हैं। इनमें से 200 से ज्यादा पंडाल ऐसे होते हैं जिनकी लागत 1 Crore से अधिक होती है। हर पंडाल की Theme खास होती है, एक Story और एक Message देती है। कहीं भव्यता लाने के लिए 100 किलो Gold का इस्तेमाल हुआ है, तो कहीं एक Important Message देने के लिए देवी दुर्गा के सामने Mosque भी बनाई गई है।
महालया: देवी दुर्गा का आह्वान और चक्षुदान की रस्म
नवरात्रि शुरू होने के एक दिन पहले, बंगाल में महालया मनाया जाता है। यह वो दिन है जब Gods ने महिषासुर को हराने के लिए देवी दुर्गा का आह्वान किया था।
अब, महालया के दिन सभी पंडालों में देवी दुर्गा की मूर्तियां लाई जाती हैं, और इस मूर्ति में Eyes बनाई जाती हैं।
इस Ceremony को ‘Chokkhudan’ कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म के बाद ही देवी की मूर्ति में Life का संचार होता है।
अब बात करते हैं कोलकाता के Top Durga Puja Pandals की…
श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल
चलिए चलते हैं कोलकाता के South Dum Dum इलाके में स्थित श्रीभूमि दुर्गा पूजा पंडाल में। इस बार इस पंडाल की Theme है तिरुपति बालाजी का Temple।
पंडाल को पूरी तरह से तिरुपति बालाजी Temple की Replication के तौर पर तैयार किया गया है। White रंग के इस भव्य पंडाल में देवी दुर्गा की मूर्ति का Decoration भी तिरुपति बालाजी की मूर्ति की तरह किया गया है। पूजा समिति के मुख्य आयोजक और राज्य की तृणमूल कांग्रेस Government में Fire Brigade Minister सुजीत बोस ने बताया कि इस पंडाल पर 3 महीने पहले से Work शुरू हुआ था।
पूजा समिति के सदस्य आधिकारिक तौर पर तो नहीं बताते, लेकिन इस पंडाल के Decoration और मूर्ति के शृंगार में 100 किलो Gold का Use किया गया है।
बेहाला नोतुन दल पंडाल
अब चलते हैं बेहाला नोतुन दल के पूजा पंडाल में। इस बार यहां की Theme Ireland और इंडिया के कनेक्शन पर है। Bamboo और Wrought Iron से बने इस पंडाल में प्रवेश करते ही सबसे पहले Ireland की देवी दानु की मूर्ति दिखती है।
यह पंडाल Ireland की Embassy के सहयोग से तैयार किया गया है। इसका Purpose दोनों देशों के Relations को मजबूत करना है। इस पंडाल की लागत 50 Lakh रुपए से ज्यादा है।
लालबागान नाबांकुर पंडाल
कोलकाता के पंडालों में लोग Creativity और उनका Message देखने आते हैं। अपनी Creativity के लिए इस बार लालबागान नाबांकुर पूजा समिति का पंडाल काफी Famous हो गया है। इस पंडाल की Theme है- ‘Nature का संरक्षण।’
खास बात यह है कि यह पंडाल 8000 से ज्यादा Plants से बनाया गया है। यहां देवी की मूर्ति भी इस तरह बनाई गई है कि वह किसी Plant का ही हिस्सा लगे।
जोधपुर पार्क पूजा पंडाल
कुछ पूजा समितियां अपने पंडाल के जरिए Social Message देने की कोशिश करती हैं। जोधपुर पार्क पूजा समिति ने भी ऐसी ही कोशिश की है। यहां का पंडाल गरीबों की बस्ती पर आधारित है। इस पंडाल में प्रवेश करते ही लगता है जैसे किसी बस्ती में आ गए हों। टीन शेड वाली झोपड़ियां, Clothes सुखाने के लिए लगी रस्सी और नल के सामने Queue में लगे Water के बर्तन दिखते हैं। इसी के बीच एक तरफ Mosque और दूसरी तरफ देवी दुर्गा का पंडाल बनाया गया है।
इस पंडाल का नाम है ‘नि:स्वर निस्तारिणी’, यानी जिनकी आवाज दबाई जाती है, उन्हें Liberation दिलाने वाली देवी। यहां हर दिन एक Live Play के जरिए गरीबों के Struggles को दिखाया जाता है और आत्मविश्वास का Message दिया जाता है।
दक्षिणाद्रि यूथ्स पूजा पंडाल
24 साल पुराने दक्षिणाद्रि यूथ्स पूजा समिति का पंडाल इस बार Film Director तपन सिन्हा के 100वें जन्मदिन को Dedicate किया गया है। इस पंडाल में उनकी Films के Highlights और Religious Elements को दिखाया गया है। Artist अनिर्बन दास ने इस पंडाल की Theme तैयार की है।
धुनुची डांस: एक खास रस्म
अब बात करते हैं दुर्गा पूजा से जुड़ी अनूठी रस्म धुनुची डांस की।
इस रस्म में एक मिट्टी के बर्तन में Loban और सुगंधित पदार्थ जलाए जाते हैं। फिर इस बर्तन को हाथ में लेकर लोग Dance करते हैं। इस परंपरा को महिषासुर वध के समय से जोड़ा जाता है, जब देवताओं ने देवी दुर्गा की शक्ति के प्रति समर्पण दिखाने के लिए ऐसा किया था।
स्ट्रीट फूड: पूजा उत्सव का अहम हिस्सा
दुर्गा पूजा के दौरान लोग घरों में खाना कम बनाते हैं और Street Food का मजा लेते हैं। कोलकाता के धर्मतल्ला इलाके की Famous Dekker’s Lane में इस दौरान काफी भीड़ हो जाती है।
यहां हर तरह का Street Food मिलता है, चाहे वह Momos हों या Bengali माछ-भात। यहां का Food Culture खास है क्योंकि पूजा के दौरान लोग वेज और नॉन-वेज दोनों तरह के Food Enjoy करते हैं।
खास Bengali मिठाई जैसे रसगुल्ले और संदेश भी यहां के Festivities का Main हिस्सा हैं।
कहां खत्म होती है कहानी…
कोलकाता की दुर्गा पूजा एक Festivity नहीं, एक अद्भुत Experience है। इसका हर पहलू, हर पंडाल एक अनोखी कहानी और Culture का हिस्सा है।
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