Political News : Jammu-Kashmir में BJP की नई स्ट्रेटजी उलझी, पुराने नेता किनारे किए गए, नए चेहरों को दिया गया Ticket; Kashmir में अकेले लड़ेगी

Political News | BJP ने Lok Sabha Election के बाद एक Meeting बुलाई थी। इसमें हम इस नतीजे पर पहुंचे कि Election में Party की Strategy सही नहीं थी। Jammu में हमने उन नेताओं को सामने रखा, जिनकी साख पहले ही गिर चुकी थी। Kashmir में हमने Candidates नहीं उतारे और Local Parties के लिए मैदान खुला छोड़ दिया। हमने अपने Workers से कहा कि उन Parties के Candidates का समर्थन करें, लेकिन वे बुरी तरह हार गए।’

‘अगर BJP ने अपने Candidates उतारे होते, तो प्रदर्शन बेहतर हो सकता था और यह भी पता चल जाता कि हम कितने मजबूत हैं। Lok Sabha Election से सबक लेते हुए, हमने तय किया कि विधानसभा Election में पुराने नेताओं और Local Parties के भरोसे नहीं रहेंगे, बल्कि अपने Candidates उतारेंगे।’

Jammu-Kashmir के एक शीर्ष नेता ने दैनिक भास्कर को यह जानकारी Off Record दी। उन्होंने माना कि Lok Sabha Election में BJP की Strategy विफल रही और Party इसे सुधारने की कोशिश कर रही है। यह बातचीत Jammu-Kashmir Election के लिए BJP की पहली List आने से पहले की है। 26 अगस्त को सुबह 10 बजे Party ने तीनों चरणों के लिए 44 Candidates की List जारी की, जिनमें ज्यादातर नए चेहरे शामिल थे।

पूर्व डिप्टी CM निर्मल सिंह, पूर्व स्पीकर कविंदर गुप्ता, पूर्व मंत्री प्रिया सेठी और सत शर्मा का नाम List में नहीं था। List आते ही Party के Jammu Office में हंगामा मच गया। यह स्पष्ट हो गया कि Party की नई Strategy नेताओं को पसंद नहीं आई। विवाद बढ़ने पर List को वापस ले लिया गया। 2 घंटे बाद नई List जारी की गई, जिसमें केवल 15 नाम थे।

Jammu-Kashmir में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में Voting होगी। इससे पहले BJP की Strategy और Ticket बंटवारे पर हुए विवाद के बारे में हमने Party के नेताओं और Experts से बात की। पढ़िए पूरी Report।

सबसे पहले Ticket विवाद की बात List जारी होने के बाद, Jammu में BJP Office के बाहर नेताओं के समर्थक विरोध जताने पहुंच गए। बड़े नेताओं के Ticket कटने से उनमें नाराजगी फैल गई है। इस पर Jammu-Kashmir के BJP अध्यक्ष रवींद्र रैना कहते हैं, ‘BJP विधानसभा Election के लिए पूरी तरह तैयार है।’

‘Party के सभी Workers, Polling Booth Agents, मंडल प्रमुखों से Discussion के बाद BJP की Central Election Committee के सामने अपना पक्ष रखा था। पहले चरण के लिए Nomination की आखिरी तारीख करीब है, इसलिए Party ने Candidates का ऐलान किया है।’

नेताओं की नाराजगी और List वापस लेने पर रविंद्र रैना कहते हैं, ‘ऐसा कोई विषय नहीं है। BJP एक परिवार है।’

वहीं, Jammu के Political Analyst और Jammu University के प्रोफेसर हरिओम कहते हैं, ‘BJP की List का Message साफ है कि पुराने और अप्रचलित हो चुके नेताओं की जगह नए चेहरों को मौका दिया जाए, ताकि Party को नुकसान न हो।’

‘Kashmir में BJP Candidates की हमेशा जमानत जब्त होती है। वे अब तक अपनी Party और Peoples Conference जैसी Local Parties पर निर्भर रहे हैं। इस बार भी वे हारेंगे और BJP को भी Kashmir में कुछ खास नहीं मिलने वाला है।’

प्रो. हरिओम बताते हैं, ‘पूरे Jammu में BJP का प्रभाव नहीं है। सिर्फ Hindu आबादी वाली 32 विधानसभा सीटों पर Party मजबूत है। यह भी 2014 के बाद हुआ है। उससे पहले Jammu-Kashmir में BJP का प्रदर्शन काफी खराब रहता था।’

‘Jammu के Hindu Voters कांग्रेस, PDP और National Conference को पसंद नहीं करते, और इसका सीधा फायदा BJP को मिलता है। 2024 के Lok Sabha Election में 29 विधानसभा सीटों में BJP आगे रही है। ये सारी Hindu बहुल सीटें हैं। केवल दो सीटों पर Congress-National Conference Alliance को बढ़त मिली थी।’

प्रो. हरिओम आगे कहते हैं, ‘BJP का Jammu-Kashmir में अब वो कद नहीं रहा, जो 2014 में था। PDP के साथ गठबंधन के कारण BJP Jammu Region में भी कमजोर हो गई। इसका असर 2024 के Lok Sabha Election के परिणामों में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। Jammu Region में Party के दोनों Candidates, डॉ. जितेंद्र सिंह और जुगल किशोर, जीत तो गए, लेकिन 2019 की तुलना में जीत का मार्जिन आधा रह गया।’

2019 में BJP को Jammu में 46% वोट मिले थे। 2024 में ये घटकर 22% रह गए। Lok Sabha Election में ही BJP को 24% वोट का नुकसान हुआ है। विधानसभा सीटों पर यह संख्या और भी अधिक हो सकती है।

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