10 रुपये के Stamps पर मिल रहा उपभोक्ताओं को न्याय, बढ़ रही जागरूकता

Raipur News । प्रदेश के उपभोक्ताओं में अपने अधिकार के प्रति जागरूकता बढ़ने लगी है। लोग 10 रुपये के स्टांप के सहारे अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में दैनिक जीवन से जुड़े कई तरह के प्रकरण सामने आ रहे हैं।

राजधानी में फोरम स्थापित होने के बाद से अब तक हजारों लोगों ने आवेदन किया, जिनमें रोज प्रकरणों की सुनवाई कर उनका निपटारा भी किया जा चुका है। उपभोक्ता अधिकार नियम का फायदा बड़ी संख्या में शहरवासियों के साथ पूरे प्रदेश के उपभोक्ता उठा रहे हैं। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 24 दिसंबर को मनाया जाता है, जिससे खरीदी हुई वस्तु को लेकर भी लोगों को अधिकार मिला है।

वीसी के जरिए 323 प्रकरणों की सुनवाई

अप्रैल, 2024 में केंद्र सरकार उपभोक्ता मामले विभाग और राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की मदद से छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग को उच्च तकनीकी वाला वीसी सेट प्राप्त हुआ था। हालांकि, राज्य उपभोक्ता आयोग अपने सीमित संसाधनों से 11 दिसंबर, 2023 से ही वीसी के जरिए सुनवाई प्रारंभ कर दी गई थी।

तब से 323 प्रकरणों की वीसी से सुनवाई की जा चुकी है। यह पूरे भारत में राज्य उपभोक्ता आयोगों में अग्रणी स्थान रहा है। वीसी के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को आयोग के समक्ष उनके प्रकरणों में तर्क करने में सुविधा प्राप्त हुई है। यह सस्ता न्याय प्रदान करने के क्षेत्र में उल्लेखनीय कदम है। यही नहीं, दूरस्थ क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को ई-हियरिंग के माध्यम से प्रकरण की पैरवी करने प्रोत्साहित करते हैं।

केस-1: पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के प्रीमियम की कटौती करने के बाद भी कांकेर निवासी लाभार्थी सुरजोतिन जैन के मृत्यु के बाद भी केनरा बैंक प्रबंधन ने घोर लापरवाही बरती। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने मामले की सुनवाई कर कैनरा बैंक को मृतका के बेटे धनराज जैन को बीमा दावा राशि दो लाख रुपये सात प्रतिशत ब्याज के साथ ही मानसिक क्ष तिपूर्ति के तौर पर बीस हजार और वाद व्यय पांच हजार रुपये देने का आदेश सुनाया।

केस-2: नया बारद्वार की रहने वाली फुलेश्वरी बाई के पति द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम से 14 लाख रुपये की दो पालिसी ली गई थी। पालिसी धारक की मृत्यु होने के बाद निगम ने यह कहकर बीमा दावा निरस्त कर दिया गया था कि बीमा प्रस्ताव में धारक ने पूर्व में इलाज व अपंगता के बारे में गलत जानकारी दी गई थी। आयोग ने सुनवाई कर निगम द्वारा दावा निरस्त करने की कार्रवाई को सेवा में कमी का दोषी पाकर 14 लाख रुपये के साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति 15 हजार, वाद व्यय तीन हजार रुपये देने का आदेश दिया।

केस-3: अप्रैल महीने में सिल्वर टूर पैकेज कंपनी की संविदा की शर्तों को राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया, सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने अनुचित पाकर तेलीबांधा निवासी नेहा तोलानी के पति विक्की तोलानी द्वारा जमा की गई 45 हजार रुपये के साथ पांच हजार रुपये वाद व्यय लौटाने का आदेश सुनाया। कंपनी ने आकर्षक टूर पैकेज आफर के आधार पर पैकेज खरीदने के लिए विक्की को प्रेरित करने के साथ प्रतिफल की राशि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करने पर अतिरिक्त छूट देने का आश्वासन दिया था, लेकिन बाद में पैकेज पालिसी को रद कर दिया।रायपुर। प्रदेश के उपभोक्

ताओं में Rights के प्रति Awareness बढ़ती जा रही है। अब लोग केवल 10 रुपये के Stamps के सहारे अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। दैनिक जीवन से जुड़े अनेक मामलों की सुनवाई राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में हो रही है।

राजधानी में Forum की स्थापना के बाद से अब तक हजारों लोग आवेदन कर चुके हैं। इन प्रकरणों की नियमित सुनवाई कर उनका समाधान भी किया जा चुका है। Consumer Rights का लाभ अब न केवल Raipur बल्कि प्रदेशभर के उपभोक्ताओं को मिल रहा है। 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है, जो लोगों को उनकी खरीदी गई वस्तुओं से जुड़े अधिकार प्रदान करता है।

VC के माध्यम से सैकड़ों मामलों का निपटारा

अप्रैल 2024 में केंद्र सरकार के Consumer Affairs Department और National Consumer Commission की मदद से छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग को High-Tech VC Set प्राप्त हुआ। हालांकि, आयोग ने सीमित संसाधनों के बीच 11 दिसंबर 2023 से ही VC के जरिए मामलों की सुनवाई शुरू कर दी थी।

अब तक 323 प्रकरणों की सुनवाई VC के माध्यम से की जा चुकी है। यह सुविधा उपभोक्ताओं को उनके दूरस्थ क्षेत्रों से ही अपने प्रकरणों में तर्क करने में मदद करती है। यह Initiative सस्ते और सुलभ न्याय की दिशा में एक अहम कदम है। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को E-Hearing के जरिए अपने मामलों की पैरवी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

उपभोक्ता मामलों की सुनवाई के प्रमुख उदाहरण

केस-1: कांकेर निवासी सुरजोतिन जैन के निधन के बाद भी Canara Bank ने PM Jeevan Jyoti Insurance Policy की Claim Amount जारी करने में लापरवाही की। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने सुनवाई करते हुए बैंक को Claim Amount दो लाख रुपये सात प्रतिशत ब्याज सहित, बीस हजार रुपये Mental Compensation और पाँच हजार रुपये वाद व्यय देने का आदेश दिया।

केस-2: नया बारद्वार की फुलेश्वरी बाई के पति ने LIC से 14 लाख रुपये की दो Policies ली थीं। उनकी मृत्यु के बाद LIC ने Claim यह कहकर Reject कर दिया कि Proposal Form में धारक ने Health Issues की गलत जानकारी दी थी। आयोग ने इसे सेवा में कमी मानते हुए Claim Amount 14 लाख रुपये, 15 हजार रुपये Mental Compensation और तीन हजार रुपये वाद व्यय का आदेश दिया।

केस-3: अप्रैल में Silver Tour Package Company द्वारा अनुचित Contract Terms के आधार पर नेहा तोलानी के पति विक्की तोलानी से लिए गए 45 हजार रुपये Refund करने का आदेश दिया गया। साथ ही, पाँच हजार रुपये वाद व्यय भी चुकाने का निर्देश दिया। यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा ने दिया। कंपनी ने पहले Attractive Tour Package Offer दिया था लेकिन बाद में Policy को रद्द कर दिया।

Consumer Awareness बढ़ाने की पहल

Consumer Rights और न्याय की दिशा में यह कदम उपभोक्ताओं के लिए काफी सहायक साबित हो रहा है। VC और E-Hearing जैसी सुविधाएं न्याय प्रक्रिया को न केवल सरल बना रही हैं, बल्कि दूर-दराज के उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ दे रही हैं।

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