Lebanon Conflict History News: अरब देशों का Switzerland कहा जाता था Lebanon शिया-सुन्नी और Christians से मिलकर बना; Palestine की दोस्ती और Israel की दुश्मनी में कैसे बर्बाद हुआ

Lebanon Conflict History News | 1969 में राजधानी Beirut में अपना पसंदीदा Cigar पीते हुए, ये बात Lebanon के पूर्व Prime Minister साएब सलाम ने कही थी। दरअसल, साएब से एक Journalist ने पूछा था- Palestine का साथ देने से क्या वहां की Governments Lebanon की Security के साथ समझौता नहीं कर रही हैं। उनके Interview को 55 साल गुजर चुके हैं।

Israel अपने Tank और Weapons लेकर एक बार फिर Lebanon में घुस चुका है, लेकिन इसे देखने के लिए साएब अब जिंदा नहीं हैं। Lebanon और Israel के आमने-सामने होने की वजह वही Palestine है, जिसके लिए Lebanon ने दूसरे Arab देशों के साथ मिलकर Israel से War लड़ी थी।

फर्क सिर्फ इतना है कि Lebanon अब Arab देशों (Saudi Arabia, Egypt और Syria) में अकेला है जो Palestine के लिए लड़ रहा है। 700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

पर Lebanon ऐसा क्यों करता है, अपने लोगों की Security को ताक पर रख कर Israel से क्यों लड़ता है? शिया, सुन्नी और Christians का ये देश कैसे बना और इसे Middle East का Switzerland क्यों कहा जाता था…

Jesus ने जिस Lebanon में पानी को Wine में बदला, वहां Hezbollah का कब्जा
Lebanon की गिनती World के सबसे छोटे देशों में होती है। इस पर Roman, Greek, Turks और French का राज रह चुका है। 217 Kilometer लंबे और 56 Kilometer चौड़े इस देश की Population करीब 55 लाख है।

First World War में Ottoman Empire यानी Turks के हारने के बाद 1916 में Western देशों ने Middle East की Boundaries को अपनी मर्जी और Interests के मुताबिक बांटना शुरू किया।

Syria पर France ने कब्जा कर लिया। France ने ही 1920 में Syria के Western हिस्से को काटकर Lebanon बनाया। यही वजह है कि Lebanon पर France के Culture का असर अब तक है। वहां के लोग Arabic Language के अलावा English और French भी बोलते हैं।

Lebanon उत्तर और पूर्व में Syria से घिरा है। जबकि इसके South में Israel और West में Mediterranean Sea है। Lebanon की Location Europe और Africa से भी पास है। इस वजह से इसकी राजधानी Beirut एक Port City के तौर पर विकसित हुई।

Lebanon में आखिरी बार 1932 में Census हुई थी। तब वहां सबसे ज्यादा 51% Population Christians की थी। इसके बाद 22% Sunni और 19.6% Shia Muslims थे।

92 साल में वहां Christians की Population घटकर 32% रह गई। जबकि Shia बढ़कर 31% और Sunni 32% हो गए हैं।

Lebanon को 1943 में Independence मिली। तय हुआ कि Christian देश का President होगा। Sunni Prime Minister बनेगा और Shia Parliament का Speaker होगा। Lebanon में Independence के 10 साल बाद ही यानी 1952 में महिलाओं को Voting Rights मिल गए थे। 1960 का दशक Lebanon में Golden Age के तौर पर याद रखा जाता है।

Lebanon में 1952 में हुए Parliamentary Election में Vote डालते हुए एक महिला की Picture।
Middle East में जहां कोई देश सिर्फ Sunni, कोई Shia बहुल है। वहीं Lebanon में Christian, Shia और Sunni Population लगभग एक जितनी है।

Lebanon में Beirut से 81 Kilometer दूर Tyre City में Kana Village है। यहां एक पत्थर पर पुरातन Christians ने Jesus और उनके अनुयायियों को पत्थरों पर उकेरा था। इन्हें अब तक संजोकर रखा गया है।

Bible के मुताबिक यहीं पर Jesus ने अपना पहला Miracle करके दिखाया था। Jesus ने एक शादी में पानी को Wine में बदल दिया था।

जब Jesus को मारने की कोशिश की गई तो उन्होंने अपने अनुयायियों के साथ इसी City में बनी एक Cave में शरण ली थी। Lebanon में Christian और Muslim दोनों Virgin Mary (Jesus की मां) की पूजा करते हैं।

Lebanon को 1943 में France से Independence मिली थी। इसके 4 साल बाद 1947 में Israel की स्थापना हुई। तब से ही ये देश Palestinian Refugees का गढ़ बना गया। Lebanon तभी से Israel और Palestine की War में पिस रहा है।

तस्वीर November 1948 की है जब Israel में रहने वाले Arab Citizens शरण लेने के लिए Lebanon की तरफ बढ़ रहे थे।

Lebanon ने Israel के साथ लड़ी गई दोनों Wars (1948, 1967) में हिस्सा लिया। Arab World का हिस्सा होने की वजह से ये Lebanon की Responsibility बन गई थी कि वो Palestinians के Rights की War लड़े।

जब Lebanon Middle East का Switzerland बना
Lebanon में 1960 के दशक में Economic Progress के नए दरवाजे खुले। United Nations की Report के मुताबिक 1950 से लेकर 1956 तक 7 सालों में Lebanon की Per Capita Income में 50% की वृद्धि हुई। 1956 में Lebanon में Bank Secrecy Law लागू किया गया। इस Law के तहत Account Holders से जुड़ी जानकारियां साझा करने पर रोक लगा दी गई।

इसका नतीजा यह हुआ कि Foreign Citizens ने Lebanon में अपना धन रखना शुरू कर दिया। इसकी वजह से यहां Investment भी बढ़ा। दूसरी तरफ Lebanon ने Open Economy को अपनाया, जिसकी वजह से Trade और Industry पर Government Control कम था। इससे Startups और Investment को बढ़ावा मिला। इसकी वजह से इसे Middle East का Switzerland भी कहा जाने लगा।

Lebanon की राजधानी Beirut में 1961 तक कई International और Development Banks ने अपने Offices खोले।
इस दौरान Egypt, Syria और Iraq में चल रही Political Instability की वजह से इन देशों के Traders Lebanon में बस गए। इससे Lebanon की Economic Capabilities बढ़ीं।

Egypt के Ahram Newspaper की एक Report के मुताबिक 1950 के मुकाबले 1962 में Lebanon की GDP दोगुनी हो गई थी। इस दौरान इसमें हर साल 4.5% की वृद्धि हुई। Lebanon का Banking Sector भी 200% बढ़ा। साथ में Banks की Deposits भी पांच गुना बढ़ गई थी।

1950 के बाद से Lebanon में Tourism भी खूब बढ़ा। 1952 में राजधानी Beirut में The Sporting Club की शुरुआत हुई, जो अमीर Businessmen के लिए Swimming और Cocktails का आनंद लेने की पसंदीदा जगह बन गया।

आधे से अधिक Muslim Population वाले इस देश में उस समय महिलाएं Beach पर Bikini पहनकर घूम सकती थीं। ये ऐसा दौर था जब Lebanon में महिलाएं Bikini और Burkha में एक साथ देखी जा सकती थीं।

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