Bhopal News: एमपी से मानसून की विदाई शुरू, ग्वालियर-चंबल से निकला

Bhopal News | मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई प्रक्रिया आरंभ हो गई है। बुधवार को मौसम Department ने ग्वालियर और चंबल क्षेत्र से मानसून के विदाई की सूचना दी। सीनियर मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी और श्योपुर से मानसून विदा हो चुका है।

जुलाई-अगस्त के बाद सितंबर में बारिश

मध्यप्रदेश में जुलाई-अगस्त के बाद सितंबर में इस बार मानसून ने जमकर बारिश की। सामान्य 7.5 इंच के मुकाबले 9.5 इंच बारिश दर्ज की गई। ग्वालियर में पिछले 10 साल का Record टूट गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर में भी अच्छी बारिश हुई।

अक्टूबर में बारिश और सर्दी-गर्मी का ट्रेंड

अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में मानसून विदाई ले लेता है। इस महीने बारिश, सर्दी और गर्मी का भी Trend रहता है। कई जिलों में 2 से 5 इंच तक बारिश हो जाती है।

मानसून की ओवरऑल तस्वीर

अगर मानसून की ओवरऑल स्थिति पर नजर डालें, तो मध्यप्रदेश में 37.3 इंच के मुकाबले 44.1 इंच बारिश हो चुकी है, जो 18% ज्यादा है। भोपाल, ग्वालियर समेत 44 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य से 99% तक अधिक पानी गिरा। श्योपुर में बारिश दोगुनी हुई है।

सितंबर में स्ट्रॉन्ग बारिश के चार दौर

सितंबर में स्ट्रॉन्ग बारिश के चार दौर आए, जब लगातार 4 से 5 दिन तक बारिश होती रही। राज्य के पूर्वी हिस्से में Flood के हालात बन गए और कई गांवों से सैकड़ों लोगों को Rescue करना पड़ा। सितंबर के अंत में भी कई जिलों में बारिश का दौर चलता रहा, जिससे सूखे जैसे हालात वाले जिलों में भी पानी भर गया। मानसून ट्रफ, लो प्रेशर एरिया, साइक्लोनिक सर्कुलेशन और सायसर की गतिविधियों की वजह से ऐसा हुआ।

जुलाई और अगस्त में बारिश की स्थिति

इस बार जुलाई और अगस्त में 75 प्रतिशत तक बारिश हुई। जुलाई में 14.27 इंच बारिश हुई, जो कोटे से 1.78 इंच ज्यादा थी। अगस्त में 14.50 इंच बारिश हुई, जो डेढ़ इंच अधिक रही। सितंबर ने तो 18% तक अधिक बारिश की।

डैम के गेट खोले गए

सितंबर में बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कारण प्रदेश के 200 से अधिक डैम के गेट खोले गए। भोपाल में भदभदा डैम के 10 बार गेट खुले हैं।

मानसून की एंट्री

मानसून आमतौर पर मध्यप्रदेश में 15 जून तक दस्तक दे देता है। इस साल यह 21 जून को आया और 27 जून तक पूरे प्रदेश में फैल गया। इससे पहले प्री-मानसून भी सक्रिय रहा। जून में भी कोटे के बराबर बारिश हुई थी, लेकिन जुलाई में कोटे से ज्यादा पानी गिर गया। ऐसा ही अगस्त-सितंबर में भी रहा।

बारिश की स्थिति

अब तक की स्थिति में 18% बारिश अधिक हुई है। पश्चिमी हिस्से की स्थिति बेहतर है, जबकि सितंबर में लगातार बारिश होने से पूर्वी क्षेत्र भी पानी-पानी हो गया।

बड़े शहरों में सितंबर में बारिश

जानिए, मध्यप्रदेश में बारिश की ओवरऑल स्थिति…

अक्टूबर में मौसम का ट्रेंड

अक्टूबर के महीने में मध्यप्रदेश में बारिश, सर्दी और गर्मी का ट्रेंड रहता है। पिछले 10 साल से ऐसा मौसम देखा गया है। भोपाल में अक्टूबर महीने में पिछले 10 साल में दो बार ऐसा हुआ, जब Record 5 इंच बारिश हुई। इंदौर और जबलपुर में भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। पिछले साल 2023 में अक्टूबर में बारिश नहीं हुई थी।

मौसम वैज्ञानिकों की राय

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अक्टूबर का महीना चेंज ओवर पीरियड रहता है। इस महीने मानसून विदाई पर होता है, जिससे आसमान साफ हो जाता है। इसके कारण दिन में गर्मी और रात में ठंड महसूस होती है। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से बारिश होती है।

एमपी के 5 बड़े शहरों का मौसम

भोपाल: साल 2012 में तापमान 38 डिग्री रहा।
भोपाल में अक्टूबर का सामान्य औसत अधिकतम तापमान 32.7 और रात में 19.1 डिग्री सेल्सियस है। पिछले 10 साल में तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के पार रहा है। 2015 में तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंचा। पिछले साल 14-15 अक्टूबर को दिन का तापमान 36.7 डिग्री सेल्सियस रहा था।

इंदौर: 25 साल पहले रात का तापमान 6.2 डिग्री रहा।
इंदौर में भी तीनों मौसम का अनुभव होता है। पिछले 10 साल (2014 से 2023) में दिन में एक बार 36 डिग्री और तीन बार 35 डिग्री तापमान रह चुका है। रात का तापमान 14 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। अक्टूबर के अंत में रात में ठंड बढ़ जाती है।

ग्वालियर: 39 डिग्री तक पहुंच चुका है तापमान।
ग्वालियर में अक्टूबर में तेज गर्मी का अनुभव होता है। वर्ष 2015 में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पिछले 10 साल में तापमान आमतौर पर 35 से 39 डिग्री के बीच रहा है। यहां का औसत अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री और औसत न्यूनतम तापमान 19.3 डिग्री है।

जबलपुर: 72 साल पहले सबसे सर्द रात।
जबलपुर में अक्टूबर में औसत अधिकतम तापमान 31.8 और औसत न्यूनतम तापमान 20.3 डिग्री रहता है। पिछले 10 साल में दिन-रात का तापमान इससे अधिक रहा।

उज्जैन: लगातार 3 साल 2 इंच से ज्यादा बारिश।
उज्जैन में लगातार 3 साल (2019, 2020, और 2021) में अक्टूबर में 2 इंच से ज्यादा बारिश हुई है जबकि सामान्य बारिश 1 इंच है।

मानसून की विदाई

मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से शुरू हो जाएगी। 5 से 10 अक्टूबर के बीच ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से सबसे पहले मानसून विदा होगा। इसके बाद भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम और सागर क्षेत्र से विदाई होगी। इससे पहले प्रदेश में गर्मी का असर रहेगा। हालांकि, 20 अक्टूबर से रातों में ठंडक बढ़ने लगेगी।

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