Indore News | (Union Carbide Waste Disposal): यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को नष्ट करने के दौरान पीथमपुर स्थित कचरा भस्मक संयंत्र के आसपास वायु गुणवत्ता यंत्रों से हवा की निगरानी की जाएगी। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी के परिसर के चारों ओर इन उपकरणों को स्थापित किया गया है।
इन यंत्रों के माध्यम से वायु में धूल कण, गैसों और अन्य तत्वों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही, परिसर में पहले से एक वायु गुणवत्ता मापने वाला कंटीन्यूअस एम्बिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन भी स्थापित किया गया है। इस यंत्र के आंकड़े 24 घंटे कंपनी के मुख्य गेट पर डिस्पले किए जाते हैं।
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धुएं से निकलने वाली गैसों की मॉनीटरिंग:
इंसीनरेटर के चिमनी से निकलने वाली गैसों की सतत निगरानी की जाएगी, ताकि वायु गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े। इस निगरानी के माध्यम से, कंपनी परिसर के सामने से गुजरने वाले लोग भी वायु गुणवत्ता की रियल टाइम जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
भोपाल में भी लगाए गए थे यंत्र:
ज्ञात हो कि जब भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कचरे को एकत्र करने और लोड करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी, तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वहां के परिसर में तीन एयर क्वालिटी मीटर यंत्र लगाए थे।
यूनियन कार्बाइड के कचरे में हानिकारक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए रसायन मिलाए जाएंगे:
यूनियन कार्बाइड के कचरे को इंसीनरेटर में डालने से पहले उसमें मौजूद हानिकारक तत्वों को नियंत्रित करने के लिए कुछ रसायन मिलाए जाएंगे।
यह रसायन मिलाए जाएंगे:
- हेवी मेटल पर नियंत्रण के लिए: सोडियम सल्फाइड
- वोलाटाइल आर्गेनिक कम्पाउंड (VOC) पर नियंत्रण के लिए: एक्टिवेटेड कार्बन
- पीएच स्तर नियंत्रण के लिए: लाइम
विशेष लैंडफिल में कचरे की राख का संग्रहण:
पीथमपुर स्थित रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी परिसर में, जहां यूनियन कार्बाइड का कचरा नष्ट किया जाएगा, जलाने के बाद बची राख को उसी परिसर में बनाए गए लैंडफिल में डाला जाएगा।
यह लैंडफिल खास तरह से डिजाइन किया गया है। इसमें राख को डबल लेयर हाई डेंसिटी पालीथीन में रखा जाएगा, ताकि वर्षों तक यह अवशेष सुरक्षित तरीके से लैंडफिल में रह सके।
कंपनी द्वारा बनाए गए चार सुरक्षित लैंडफिल सेल:
कंपनी के संयंत्र में औद्योगिक और अन्य प्रकार के कचरे को नष्ट करने के बाद जो राख बचती है, उसे सुरक्षित रूप से रखने के लिए चार लैंडफिल सेल बनाए गए हैं। इन लैंडफिल सेल्स को विशेष पठारी हिस्से में बनाया गया है, जहां से कचरे की राख का सही तरीके से निपटान किया जा सके।
यहां, मध्य प्रदेश के अन्य शहरों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ राज्य से भी कचरा नष्ट करने के लिए आता है।