Delhi News : लेटरल एंट्री भर्ती को लेकर सियासत, UPSC ने किया Notification रद्द

Delhi News | सरकार ने विभिन्न Ministries में Secretary, Under Secretary और Director के पदों के लिए सीधी भर्ती, जिसे ‘लेटरल एंट्री’ कहा जाता है, को रोकने का निर्णय लिया है। पिछले हफ्ते Union Public Service Commission ने चौबीस Ministries में पैंतालीस पदों के लिए Advertisement जारी किया था, जिसे अब रद्द कर दिया गया है। Opposition ने आरोप लगाया कि सरकार अपने पसंदीदा व्यक्तियों को नियुक्त करने का प्रयास कर रही है। इससे Scheduled Castes, Scheduled Tribes और Backward Classes के लोगों के Reservation अधिकारों का उल्लंघन होगा। इस मुद्दे पर सरकार के सहयोगी दलों ने भी विरोध जताया।

इस मुद्दे पर दो दिनों तक तीखी Debate हुई। अब सरकार ने UPSC को Letter लिखकर कहा है कि इन भर्तियों में Social Justice का ध्यान रखना आवश्यक है। इसे Opposition अपनी विजय के रूप में देख रहा है, लेकिन इसे सत्ता पक्ष की हार नहीं कहा जा सकता। सत्तापक्ष ने केवल Strategy बदली है। UPSC को लिखी Personnel Ministry की Letter से स्पष्ट है कि सीधी भर्तियां होंगी, लेकिन Reservation का ध्यान रखते हुए। इस स्थिति में, मंत्रालयों में इतने बड़े पैमाने पर बाहर के लोगों की सीधी भर्ती का औचित्य क्या है, यह सवाल उठता है।

मंत्रालयों में सीधी भर्ती का उद्देश्य था कि निजी क्षेत्रों या अन्य Institutions में काम कर रहे Experts की सेवाएं ली जा सकें। पहले भी सीधी भर्तियां होती रही हैं। ऐसे लोगों को तीन से पांच साल तक की अवधि के लिए Deputation या Ad-Hoc आधार पर नियुक्त किया जाता है। बदलती जरूरतों के मुताबिक अनेक क्षेत्रों में Technical Expertise की मांग बढ़ी है। इसी तर्क पर नई भर्तियां Advertised की गई थीं। हालांकि, पहले ही कई Ministries में सीधी भर्तियां की जा चुकी हैं, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ है।

सीधी भर्तियों का मतलब यह नहीं है कि नियमित आधार पर भर्ती लोगों की योग्यता को नजरअंदाज किया जाए। मंत्रालयों का कामकाज Bureaucracy के बल पर चलता है, जिसमें विभिन्न Disciplines के लोग होते हैं। Technical Fields के लोगों की भी कमी नहीं है। बदलती जरूरतों के अनुसार इन अधिकारियों को Skill Development के लिए Abroad भेजा जाता है। बड़ी संख्या में बाहर से लोगों को लाने पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

सीधी भर्तियों के मामले में यह आरोप लगाना आसान हो जाता है कि ऐसे लोग अक्सर सरकार की इच्छाओं के अनुसार ही काम करते हैं। ऊंचे पदों पर बाहर से लोगों को लाने से नियमित Administrative अधिकारियों की पदोन्नति के अवसर सीमित हो जाते हैं। हर नौकरशाह चाहता है कि वह मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दे, लेकिन सीधी भर्ती से उन्हें वह मौका नहीं मिल पाता। इस कारण Administrative अधिकारियों में असंतोष देखा जाता है। कई महत्वपूर्ण Departments में Secretary Level पर पदोन्नति के बजाय लंबा कार्य विस्तार देखा जाने लगा है। अच्छी बात यह है कि सरकार ने सीधी भर्ती की प्रक्रिया पर विराम लगा दिया है, लेकिन इसके साथ ही नियमित प्रशासनिक अधिकारियों की योग्यता और अपेक्षाओं का पारदर्शिता के साथ मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।

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