Hajipur News: प्रखंड पर्यटन दर्शनीय बिहार में कोनहारा घाट की आस्था

Hajipur News | हरिहरक्षेत्र हाजीपुर, जो हरि एवं हर की पावन नगरी है, में नारायणी तट पर Country और World से भक्तों का जमावड़ा होता है। यहां आने वाले पर्यटक नारायणी में आस्था की डुबकी तो लगाते हैं, साथ ही नदी की सतह से चार से पांच फीट उछलती Dolphin की अठखेलियां देखने का आनंद भी लेते हैं।

मनोहारी दृश्य का अनुभव
Morning और Evening के समय नारायणी के विभिन्न घाटों पर अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। हरियाली के बीच अविरल बहती River लोगों को सहजता से अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। यहां घाटों की एक श्रृंखला है, जो इसे और भी खूबसूरत बनाती है।

कार्तिक पूर्णिमा का महासंगम
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नारायणी नदी के विभिन्न तटों पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का जुटान होता है। हालांकि, पूरे साल यहां श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या का आना जारी रहता है।

कोनहारा घाट और अन्य प्रमुख घाट
नारायणी तट पर चार किलोमीटर के क्षेत्र में कोनहारा समेत एक दर्जन से अधिक घाट स्थित हैं। इनमें प्रमुख हैं सीढ़ी घाट, कौशल्या घाट, पुरानी और नई गंडक पुल घाट, और बुटन दास घाट।

Lighting की व्यवस्था
हाजीपुर नगर परिषद ने कई घाटों पर Lighting की व्यवस्था की है, जबकि जहां नहीं है, वहां जल्द ही Lighting की व्यवस्था की जाएगी।

प्रभु की कहानी
कथा के अनुसार, यहां गंगा-गंडक संगम स्थल पर Elephant और Crocodile के बीच युद्ध हुआ था। Elephant ने प्रभु की आराधना की, तब स्वयं भगवान ने आकर अपने भक्त की रक्षा की। इसी कारण से इस पावन स्थल पर श्रद्धालुओं का आना जारी है।

श्रद्धालुओं का जुटान
हालांकि, हाजीपुर के नारायणी तट पर श्रद्धालुओं का आना पूरे साल होता है, पर कार्तिक पूर्णिमा पर 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ इकट्ठा होती है।

मोक्ष की कामना
हरिहरक्षेत्र के कोनहारा में कई जिले के लोग अपने स्वजनों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। यही मान्यता लोगों को यहां खींचती है।

नेपाली वास्तुकला का शिव मंदिर
पगोडा शैली में निर्मित शिव मंदिर नेपाली वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। इसका निर्माण 18वीं शताब्दी में राजा राजेन्द्र विक्रम शाह के समय हुआ था।

रामचौरा मंदिर का महत्व
कोनहारा के निकट रामचौरा मंदिर भी स्थित है, जहां भगवान श्रीराम ने अपने अनुज लक्ष्मण एवं गुरु विश्वामित्र के साथ विश्राम किया था। यहां प्रत्येक वर्ष रामनवमी पर भव्य मेला लगता है।

सहज पहुंच
कोनहारा घाटों तक सड़क, Rail, और जल मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। पटना से कोनहारा की दूरी मात्र 20 किमी है।

स्वादिष्ट भोजन
हाजीपुर केले की खेती के लिए प्रसिद्ध है। यहां विभिन्न किस्मों के केले मिलते हैं, और Ramdana एवं खोआ की लाई के साथ परवल की मिठाई का विशेष स्वाद है।

मनोहारी सुबह और शाम
नारायणी के घाटों पर सुबह और शाम का दृश्य मनोहारी होता है। शाम को Hight Mast Light की दुधिया रोशनी के बीच यहां का दृश्य अद्भुत होता है।

Dolphin का दीदार
नारायणी नदी में बड़ी संख्या में Dolphin अभी भी मौजूद हैं। यहां आने वाले लोग घंटों तक Dolphin का दीदार करते हैं और उन्हें अपने Mobile Camera में कैद करने का प्रयास करते हैं।

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