जंगलों से विलुप्त औषधियाँ बचाने के प्रयास: नर्सरी में संरक्षित पौधे और बीज

Jabalpur News। जबलपुर के स्टेट फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (SFRI) में मध्यप्रदेश और देशभर के जंगलों से लाई गई medicinal और aromatic plants की विलुप्त प्रजातियों को बचाने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की गई है। इन पौधों को अब संस्थान की नर्सरी में safely preserved किया जा रहा है, जैसे उन्हें बच्चे की तरह सुरक्षित रखा जाए।

संरक्षण की विधि: वैज्ञानिकों की मेहनत

इन संकटग्रस्त प्रजातियों की संख्या बढ़ाने के लिए, SFRI के scientists, कृषि, वन और अन्य क्षेत्र के experts से लेकर अधिकारी और कर्मचारी सभी मिलकर इनके संरक्षण की विधियों पर काम कर रहे हैं और अन्य लोगों को भी इसके बारे में जानकारी दे रहे हैं।

अब तक 450 प्रजातियाँ संरक्षित

SFRI के वैज्ञानिकों ने अब तक 450 species को विलुप्त होने से बचाया है और लगातार नए पौधों की पहचान कर उन्हें conserved करने का कार्य जारी है।

पौधों के औषधीय उपयोग

  1. Malakagni (Malakangi): जिसे ज्योतिषमति भी कहा जाता है, यह eyesight को बढ़ाने में सहायक है।
  2. Bay Vidang (Bai Vidang): इसके बीज intestinal worms को मारने के काम आते हैं।
  3. Sarpgandha: इसका पौधा जंगलों में दुर्लभ है। इसका उपयोग blood pressure (BP) के इलाज में होता है।
  4. Kalla: महाभारत काल में इसका जिक्र है, यह wounds और चोटों के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है।
  5. Seeta Ashok: यह Ashokarishta बनाने में काम आता है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
  6. Shyonak Rohan: इसकी जड़ महिलाओं की weakness को दूर करने के लिए उपयोगी होती है।

प्रजातियों की संख्या 600 के पार जाएगी

संरक्षण का यह प्रयास और भी बढ़ाया जा रहा है, और यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही संरक्षित प्रजातियों की संख्या 600 के पार हो जाएगी।

हर साल हजारों को संरक्षित करने की ट्रेनिंग

इन औषधीय पौधों को बचाने के लिए लोगों को इनके बारे में जानकारी देना बेहद जरूरी है, लेकिन दुर्भाग्यवश, अधिकांश लोग इनकी पहचान नहीं कर पाते और यह नष्ट हो जाते हैं।

पौधों की पहचान के लिए नर्सरी तैयार

SFRI के वैज्ञानिकों ने लोगों को इन पौधों की पहचान में मदद करने के लिए एक विशेष nursery तैयार की है। यहां हर पौधे के साथ उसकी जानकारी और pictures भी उपलब्ध हैं, ताकि लोग आसानी से इनकी पहचान कर सकें।

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