Rewa News l मैं भी आम लोगों की तरह जीना चाहता हूं, लेकिन गंभीर बीमारी से जूझ रहा हूं। पूर्व Chief Minister शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इलाज देश के किसी भी कोने में कराना पड़े या विदेश भी भेजना पड़े, उसकी जिम्मेदारी सरकार की है और मामा की। उन्होंने फोन पर वादा किया था और सोशल मीडिया पर भी पोस्ट किया था। दुख की बात है कि अभी भी मेरी वही स्थिति है।”
रीवा जिले की त्योंथर तहसील के उसरगांव के मनीष यादव मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की दुर्बलता से पीड़ित हैं। मनीष SDM ऑफिस परिसर में पिछले तीन दिन से अनशन पर हैं। वह खटिया डालकर बैठे हैं। बीमारी में उनका शरीर सूखकर कांटा हो गया है। उनका कहना है कि जब तक इलाज का आश्वासन नहीं मिलता, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा।
मनीष के परिवार में 9 लोग हैं, जिनमें से 5 लोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की चपेट में हैं। इनमें तीन भाई, एक बहन और पिता शामिल हैं। Stem Cell थैरेपी के जरिए इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है, लेकिन खर्च बहुत अधिक है। एक इंजेक्शन की कीमत एक लाख रुपए है, और मरीज को ऐसे 20 इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं। जांच और अन्य चार्ज का खर्च अलग से आता है। एक पीड़ित के इलाज में लगभग 30 लाख रुपए का खर्च आ सकता है।
मनीष के साथ परिवार के अन्य पीड़ित
मनीष के अलावा उसके दो भाई सुरेश यादव और महेश यादव भी इसी बीमारी से ग्रसित हैं।
जानें मस्कुलर डिस्ट्रॉफी क्या है?
Doctor यत्नेश त्रिपाठी के अनुसार, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें इंसान कमजोर पड़ने लगता है। मांसपेशियों का सिकुड़ना और अंततः टूटना इसका लक्षण है। यह एक आनुवंशिक रोग है, जिसमें रोगी में लगातार कमजोरी आती है और उसकी मांसपेशियों का विकास रुक जाता है।
परिवार के सदस्यों में बीमारी के लक्षण
उसरगांव में रामनरेश यादव (60) के पांच बेटे और दो बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी सुशीला यादव (38) और दूसरे नंबर की रीतू यादव (36) हैं। इसके बाद भाइयों में सबसे बड़े सुरेश यादव (35), दूसरे नंबर के महेश यादव (28), तीसरे नंबर के अनीश यादव (25), चौथे नंबर के मनीष यादव (23) और पांचवें नंबर के मनोज यादव (20) हैं।
रामनरेश और उनकी बेटी सुशीला में बीमारी के हल्के लक्षण थे। 1998 से 2003 के बीच अनीश, मनीष और मनोज का जन्म हुआ। जैसे ही उनकी उम्र 8 से 10 साल हुई, उनका शरीर सूखने लगा। स्कूल जाने में कोई समस्या नहीं थी। इस बीमारी पर बच्चों के नाना ने ध्यान दिया और 2006 में उन्हें दिल्ली लेकर गए। वहां मस्कुलर डिस्ट्रॉफी बीमारी का नाम सामने आया। परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वे घर लौट गए। बच्चों की उम्र बढ़ती गई, और Social Media का युग आया, जिसमें उन्होंने समय-समय पर अपनी पीड़ा साझा की।
शिवराज सिंह का आश्वासन
23 मार्च 2022 को तत्कालीन Chief Minister शिवराज सिंह ने मनीष यादव से फोन पर बात की।
मदद की शुरुआत का इतिहास
2006 में अनीश, मनीष यादव और मनोज को उनके नाना दिल्ली के एम्स लेकर गए। वहां पहली बार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी का पता चला। बीमारी की रिपोर्ट अमेरिका से मंगाई गई। 2019 में रीवा संभागायुक्त अशोक भार्गव ने रीवा Medical College में जांच कराई। उस समय डॉक्टरों ने तीनों भाइयों को बताया कि अगर उन्होंने शादी की, तो बच्चों में भी यह बीमारी हो सकती है। इसीलिए उनकी शादी नहीं हुई।
2022 में Social Media के माध्यम से राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा को इस परिवार के बारे में जानकारी मिली। तब उन्होंने तीनों बच्चों को अपने दिल्ली स्थित बंगले पर बुलाया और जांच करवाई। वहां UAE और जर्मनी में इलाज की संभावनाएं सामने आईं।
मनीष की दुआ और अनशन की स्थिति
मनीष यादव ने कहा कि पिछले साल शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मेदांता हॉस्पिटल गुरुग्राम में जांच करवाई गई थी, लेकिन इसके बाद से संपर्क नहीं किया गया। दो महीने पहले जांच रिपोर्ट आई थी और उसके बाद से अस्पताल से इलाज के लिए फोन आ रहे हैं, लेकिन हम आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। जांच रिपोर्ट के बाद इलाज की प्रक्रिया पूरी करनी आवश्यक है।
जब तक Chief Minister डॉ. मोहन यादव तक बात नहीं पहुंचती, मनीष ने अनशन जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा, “अगर सरकार इलाज नहीं दिलवा सकती, तो इच्छामृत्यु दिलवा दे। हर व्यक्ति की जान और माल की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। अगर मेरी मांग नहीं मानी जाती, तो मैं मरना पसंद करूंगा। एसडीएम कार्यालय के सामने ही अपनी आखिरी सांस लूंगा।”
इलाज का खर्च
पीड़ित परिवार ने कहा कि 2022 में जब विवेक तन्खा के साथ इलाज के लिए दिल्ली गए थे, तब डॉक्टरों की टीम ने कहा था कि जर्मनी में उपचार बेहतर है। एक जांच का खर्च 70 से 80 हजार है। एक लाख के 20 इंजेक्शन लगेंगे, तभी शरीर ठीक होगा। जर्मनी आने-जाने सहित हर एक के इलाज में कुल 30 लाख रुपए का खर्च आएगा। अगर पांच लोगों को इलाज के लिए जर्मनी भेजा जाता है, तो डेढ़ करोड़ रुपए तक खर्च होगा।
SDM की पहल
त्योंथर एसडीएम एसके जैन ने मनीष से मुलाकात की और सरकार तक उनकी आवाज पहुंचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल पीड़ितों को जांच के लिए मेदांता अस्पताल भेजा गया था। जांच रिपोर्ट विदेश भेजी गई थी। मैं लगातार मनीष के संपर्क में हूं। प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है।
सांसद का समर्थन
वहीं, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है और पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। वह इस मामले में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह और Chief Minister डॉ. मोहन यादव से भी चर्चा करेंगे।
विवेक तन्खा की अपील
कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने गुरुवार को अपने X हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “मनीष यादव अपनी बीमारी को लेकर आमरण अनशन पर हैं। पूर्व Chief Minister शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया था कि 3 भाइयों का इलाज भारत में हो या विदेश में, मप्र सरकार कराएगी। सीएम मध्यप्रदेश को टैग करते हुए उन्होंने कहा कि इस परिवार के लिए कुछ करिए। पीएमओ को भी टैग किया है।”