Gwalior Murder Case News : सरपंच की हत्या के बाद परिजनों को मिल रहीं धमकियां

Gwalior Murder Case News | कहा जाता है कि किसी भी गांव में सबसे सुरक्षित अगर कोई घर-परिवार और व्यक्ति होता है तो वह सरपंच होता है। सरपंच गांव का मुखिया होता है, जिसे गांव का Prime Minister भी कहा जा सकता है। उसकी जिम्मेदारी होती है कि वह लोगों की समस्याओं को सुने और उनका समाधान करे। किसी भी समस्या के समय, सरपंच लोगों के साथ खड़ा रहता है। लेकिन जब सरपंच का परिवार ही सुरक्षित न हो, तो आम आदमी की स्थिति क्या होगी? बन्हेरी गांव के सरपंच की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। अब उनके परिवार वालों को भी आरोपियों द्वारा धमकियों का सामना करना पड़ रहा है।

सरपंच के परिजनों ने सुरक्षा की मांग की

बन्हेरी गांव में एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। हाल ही में गांव में एक विवाद के बाद गोलीबारी की घटना सामने आई है। पहले बन्हेरी के सरपंच विक्रम रावत की दिनदहाड़े हत्या करने वाले आरोपियों द्वारा यह घटना अंजाम दी गई। दो दिनों तक यह मामला गांव में दबा रहा और बाद में Police तक पहुंचा। Police ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इस बीच, बन्हेरी सरपंच और उनके परिजनों ने SP Office जाकर सुरक्षा और Shastra License की मांग की।

सरपंच की दिनदहाड़े हत्या

असल में, नवंबर महीने में ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र के गांधीनगर में बन्हेरी गांव के सरपंच विक्रम रावत की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड के इस मामले में चार आरोपी अभी भी फरार हैं। विक्रम की हत्या के बाद बन्हेरी की सरपंच बनी उनकी पत्नी ने SP Office पहुंचकर आरोप लगाया है कि जब वे सरपंची के किसी काम से ग्वालियर आई थी, तब 28 तारीख की रात चार लोग हथियार बंद होकर पहुंचे और घर के बाहर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। आरोपियों ने परिजनों को जान से मारने की धमकी दी। Police शिकायत में बताया गया है कि हउआ रावत और उसके साथी लंबे समय से दुश्मनी ठाने हुए हैं। सरपंच विक्रम रावत की हत्या के बाद भी इस गुट ने बदला लेने की कोशिश की थी। लेकिन उस दौरान Police गांव में डेरा डाले रही, तो आरोपी चुप रहे।

आरोपियों ने गांव वालों को धमकाया

अब जब गांव में माहौल सामान्य हुआ, तो हउआ और उसके साथी कम्मे उर्फ कामदेव, रामसिया और गोपाल रावत ने पूर्व सरपंच के घर के सामने घेर धमकियां दीं। जब लोगों ने विरोध किया, तो हउआ और उसके साथियों ने Licensed Guns से गोलियां चलाईं। उनसे कहा गया कि गांव में रहना है तो उनके हिसाब से चलना होगा, वरना गोली मारने में देर नहीं लगेगी। एक सितंबर को इस मामले में आरोन थाना में FIR दर्ज की गई, लेकिन पीड़ित परिवार अभी भी दहशत में है। पीड़ितों ने Police से Shastra License और सुरक्षा की मांग की है। ग्वालियर SP का कहना है कि मामले में Police पहले से ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा दे रही है। उन्होंने आवेदन देकर जो मांग की है, उस संबंध में कानूनन आगे कार्रवाई की जाएगी।

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