Bhopal News: जबलपुर और ग्वालियर-चंबल में Heavy Rainfall का अलर्ट भिंड की सिंध नदी में Flood, तीन गांव खाली कराए विभिन्न Accidents में 17 लोगों की मौत

Bhopal News | इस मानसून सीजन का सबसे Strong System अब मध्यप्रदेश को तरबतर कर रहा है। आज ग्वालियर-चंबल और जबलपुर संभाग के 11 जिलों में Heavy Rainfall का अलर्ट जारी किया गया है। भिंड में सिंध नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही है। मेहगांव क्षेत्र के तीन गांवों को खाली करा लिया गया है। लगभग 500 लोगों को पंचायत भवन और स्कूल में ठहराया गया है। 47 गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। नर्मदापुरम से SDERF की 20 सदस्यीय टीम भी Rescue और Relief कार्यों के लिए पहुंच गई है।

विभिन्न हादसों में जान-माल का नुकसान

गुरुवार तड़के से लेकर देर रात तक प्रदेश भर में विभिन्न Accidents में 17 लोगों की मृत्यु हो गई। इनमें तीन बच्चे और दो महिलाएं भी शामिल हैं। दतिया में दो परिवारों के सात लोगों की मौत के अलावा एक अन्य हादसे में एक और जान गई। शिवपुरी में दो बच्चों समेत चार, ग्वालियर में एक बच्चे समेत चार और मुरैना में भी एक व्यक्ति की मृत्यु हुई। अशोकनगर में पुल पार करते समय दो युवक बह गए, लेकिन उन्हें बचा लिया गया।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी

मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में 15 सितंबर से नया System एक्टिव हो रहा है। इसका असर 16 सितंबर से प्रदेश में देखा जा सकेगा। मौसम विभाग की मानें तो यह System भी Strong रहेगा। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव के अनुसार, ‘वर्तमान System उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ चुका है। हालांकि, अगले 24 घंटों के दौरान ग्वालियर-चंबल और जबलपुर संभाग में इसका असर जारी रहेगा।’

गुरुवार को प्रदेश में बारिश और हालात की तस्वीरें

गुरुवार को ग्वालियर का डबरा कस्बा और सेकरा गांव Flood के पानी से घिर गए। प्रशासन ने 400 से अधिक लोगों का Rescue किया। ग्वालियर के सरबा, सिरसा, मितगन, नंदू का डेरा, कैथोदा सहित करीब 10 गांव भी प्रभावित हैं। पार्वती नदी के उफान के कारण कई गांव जलमग्न हो गए हैं। ग्वालियर में भी जलभराव हो गया है।

डुमना एयरपोर्ट और अन्य स्थानों पर प्रभाव

जबलपुर में डुमना एयरपोर्ट की दीवार का 25 फीट हिस्सा Rain के कारण ढह गया। टीकमगढ़ में धसान नदी में फंसे दो लोगों को 24 घंटे बाद सुरक्षित बचा लिया गया। दतिया में 400 साल पुरानी किले की दीवार ढहने से सात लोगों की मौत हो गई, जिनमें पांच एक ही परिवार के थे।

नदियों और डैमों की स्थिति

भिंड में क्वांरी, सांक और सिंध नदियाँ खतरे के निशान पर बह रही हैं। लहार में तेज बारिश के कारण कच्चे मकान की दीवार गिर गई, जिससे एक युवक की मौत हो गई। टीकमगढ़ में तेज बारिश से बरेठी गांव में लोगों के घरों में पानी भर गया। पन्ना के 12 गांव Flood से प्रभावित रहे। नर्मदापुरम में नर्मदा नदी भी खतरे के निशान से 7 फीट नीचे बह रही है।

मंडला और अन्य जिलों में बारिश की स्थिति

मध्यप्रदेश में सामान्य Rainfall से अधिक पानी गिर चुका है। गुरुवार तक औसतन 37.3 इंच के मुकाबले 40.2 इंच Rainfall हो चुकी है। सबसे अधिक बारिश मंडला जिले में 55.41 इंच हुई है। सिवनी जिला दूसरे नंबर पर है, जहां अब तक 53.39 इंच पानी गिर चुका है। श्योपुर में 50 इंच से अधिक Rainfall हुई है, जबकि भोपाल इस आंकड़े के करीब है। सागर, निवाड़ी, राजगढ़, छिंदवाड़ा, नर्मदापुरम और रायसेन में 47 इंच से अधिक बारिश दर्ज की गई है।

डैम और तालाबों की स्थिति

प्रदेश के 282 डैमों में से 200 से अधिक भर चुके हैं। बाकी बांधों में भी तेजी से पानी भर रहा है। गुरुवार को इंदिरा सागर डैम के 12, ओंकारेश्वर डैम के 11 गेट और मड़ीखेड़ा डैम के 4 गेट खुले रहे। भोपाल में केरवा के 3, कलियासोत के 2, कोलार-भदभदा का 1-1 गेट खुला रहा।

तवा, बरगी, मोहनपुरा, हलाली, मड़ीखेड़ा, अटल सागर, तिघरा, बानसुजारा, जोहिला समेत कई डैमों के गेट भी खोल दिए गए हैं। नर्मदा और पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। चंबल, कालीसिंध, शिप्रा समेत कई नदियाँ उफान पर हैं।

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