Bhopal News : महाराष्ट्र और एमपी के वन अधिकारी तैयार करेंगे SOP बाघ और अन्य वन्य जीवों के हमले में महाराष्ट्र में 25 लाख, एमपी में 8 लाख

Bhopal News | महाराष्ट्र सरकार Wild Animals के हमले से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को एमपी के मुकाबले तीन गुना कम Compensation देती है। एमपी में वन्य प्राणियों के हमले की स्थिति में केवल 8 लाख रुपए की Economic Assistance दी जाती है, जबकि महाराष्ट्र में यह राशि 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति है।

महाराष्ट्र और एमपी की बैठक

एमपी और महाराष्ट्र की Chief Secretaries की वीडियो Conference के माध्यम से हुई अंतर्राज्यीय बैठक में यह सामने आया कि महाराष्ट्र की सीमा वाले लोगों को एमपी में Wild Animal के हमले में मृत्यु होने पर एमपी सरकार मदद करती है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार कोई Economic Aid नहीं देती है। इसलिए अब दोनों राज्यों की Joint Guideline बनाकर इसे लागू करने पर सहमति बनी है।

संयुक्त SOP की तैयारी

बैठक में तय हुआ है कि एमपी और महाराष्ट्र के सीमावर्ती जिलों जैसे Seoni और Nagpur में Wild Animals के हमलों पर प्रभावितों को Relief और Compensation देने के लिए दोनों राज्यों की ओर से Joint SOP बनाई जाएगी। एमपी सरकार के प्रस्ताव के बाद महाराष्ट्र की Chief Secretary ने इस पर सहमति दी है। दोनों राज्यों के सीमावर्ती गांवों में बाघ, Leopard और अन्य Wild Animals विचरण करते हुए प्रवेश कर जाते हैं, और इस दौरान नागरिक कई बार अपने राज्य से दूसरे राज्य में होने के दौरान इन प्राणियों के हमले का शिकार हो जाते हैं। इसी के बदले दिए जाने वाले Compensation में विवाद की स्थिति है।

सीएस वीरा राणा का मसला

एमपी की Chief Secretary वीरा राणा ने हाल ही में हुई दोनों राज्यों की Joint Video Conference में यह मुद्दा उठाया था, जिसमें यह जानकारी दी गई कि महाराष्ट्र से एमपी की सीमा में आने वाले पशुपालकों को एमपी का Forest Department Compensation दे देता है, लेकिन एमपी से महाराष्ट्र की सीमा में जाने वाले पशुपालकों को Wild Animals से हुई क्षति का Compensation महाराष्ट्र सरकार की ओर से नहीं दिया जाता है। इस पर महाराष्ट्र की Chief Secretary ने सहमति जताई है। इसके बाद तय हुआ है कि दोनों राज्यों के Forest Officials एक बैठक करके Joint Compensation SOP तैयार करेंगे जिसे राज्यों की सहमति से लागू किया जाएगा।

मुआवजे की राशि में अंतर

दूसरी ओर, यह भी सामने आया है कि मध्य प्रदेश में Wild Animals के हमलों में जान गंवाने वालों को महाराष्ट्र की तुलना में कम मुआवजा दिया जाता है। एमपी सरकार इस तरह के मामलों में 8 लाख रुपए की Economic Assistance देती है, जबकि महाराष्ट्र में यह राशि 25 लाख रुपए प्रति व्यक्ति है। एमपी में Wild Animal Attacks में इलाज और Permanent Disability की स्थिति में 2 लाख रुपए दिए जाते हैं।

पिछले साल का विरोध

पेंच Tiger Reserve Zone में वर्ष 2023 में बाघ के हमले में 3 और दक्षिण Seoni Forest Division में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई थी। इसके बाद जो Compensation राशि दी जा रही थी, उस पर भारी असंतोष सामने आया था। इसके बाद यह राशि महाराष्ट्र की तर्ज पर 25 लाख रुपए करने की मांग की गई थी।

सीमावर्ती राज्यों में मुआवजे की स्थिति

छत्तीसगढ़ में Wild Animals के हमले में जान जाने पर 6 लाख रुपए प्रति व्यक्ति Economic Assistance दी जाती है। Permanent Disability की स्थिति में कोई राशि दिए जाने का प्रावधान नहीं है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में हमले में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए मदद के रूप में दिए जाते हैं। यूपी में Permanent Disability की स्थिति में चार लाख, राजस्थान में तीन लाख और गुजरात में दो लाख रुपए दिए जाते हैं। महाराष्ट्र में Wild Animals के हमले से मृत्यु होने पर परिवारों को 25 लाख रुपए और Permanent Disability की स्थिति में 7 लाख रुपए दिए जाते हैं।

एमपी में प्रस्ताव पर अड़चन

एमपी में Wild Animals के हमलों में जान गंवाने वालों के परिवारों को 12 लाख रुपए और Permanent Disability की स्थिति में 5 हजार रुपए प्रति माह मौत के पांच साल बाद तक देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, Permanent Disability होने पर 5 लाख रुपए और इलाज पर खर्च हुई राशि दी जानी चाहिए। अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान 1 हजार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अधिकतम 1 लाख रुपए तक दिए जाने चाहिए। राज्य सरकार ने पिछले तीन सालों में इस तरह के मामलों में करीब 16 करोड़ रुपए हर साल खर्च किए हैं। एमपी सरकार यह राशि बढ़ाने की तैयारी कर रही है, लेकिन नौ माह पहले ही शिवराज सरकार ने इस राशि को 4 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए प्रति व्यक्ति किया था, इसलिए तकनीकी तौर पर यह अमल में नहीं लाया जा रहा है।

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