Bilaspur News | बिलासपुर के तिफरा स्थित मूकबधिर School में इस समय 95 छात्र-छात्राएं Education ग्रहण कर रहे हैं। यहां के Teacher और साइन लैंग्वेज Specialist प्रदीप शर्मा बताते हैं कि मूकबधिर बच्चों को साइन लैंग्वेज के माध्यम से मुख्यतः Alphabet का ज्ञान दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि साइन लैंग्वेज हर Country और Region में कुछ भिन्नताएं रखती है; यह एक समान नहीं होती। हालांकि, Alphabet लगभग सभी जगह समान होते हैं। प्रदीप शर्मा आगे बताते हैं कि School Level की Education के बाद भी छात्रों के लिए विभिन्न Study की व्यवस्था है, जैसे Fine Arts (बीएफए) या सामान्य BA, और Computer सहित अन्य विषय। Internet के आगमन ने उनके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं।
यूट्यूब पर पसंद किया जाने वाला Content
शहर के मूकबधिर युवा सौम्य शेखर तिवारी ने साइन लैंग्वेज के माध्यम से नईदुनिया की Team से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें News देखना बेहद पसंद है। इसके लिए वे YouTube का सहारा लेते हैं। उन्होंने अपने Phone पर YouTube खोला और बताया कि आजकल कई Content Creators हैं जो साइन लैंग्वेज का उपयोग करके अपना Content प्रस्तुत कर रहे हैं। साइन लैंग्वेज ने Digital Platforms को उनके लिए और अधिक Accessible और Useful बना दिया है।
खेलों में साइन लैंग्वेज का बढ़ता Use
सौम्य बताते हैं कि वह Movie देखने के लिए Subtitle का उपयोग करते हैं। जिन चीजों को वे नहीं समझ पाते, उनके लिए वे साइन लैंग्वेज Explanation देख लेते हैं। वे Cricket, Football और अन्य खेलों के Match का Summary साइन लैंग्वेज में देखते हैं। इसके साथ ही, Internet Media जैसे WhatsApp और Instagram के माध्यम से वे अपने दोस्तों के साथ Video Call पर साइन लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं।