Bhopal News: MP के 6 नेशनल पार्क खुले 3 महीने से बंद थे कोर इलाके, घूमने पहुंचे टूरिस्ट ऐसे करें ऑनलाइन बुकिंग

Bhopal News | मध्यप्रदेश के सभी 6 Tiger रिजर्व नेशनल पार्क के कोर इलाके 1 अक्टूबर से पुनः खुल गए हैं। इसके बाद टूरिस्ट पार्कों में Tiger के साथ तेंदुआ, बारहसिंगा, गौर, भालू जैसे जंगली जानवरों के दीदार के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य भी देख सकेंगे। कोर इलाकों में घूमने के लिए Online Booking कराना अनिवार्य है। हालांकि, 3-4 अक्टूबर तक की बुकिंग पूरी तरह फुल हो चुकी है।

प्रदेश में कान्हा, पन्ना, पेंच, बांधवगढ़, संजय डुबरी और STR (Satudra Tiger Reserve) टाइगर रिजर्व शामिल हैं। ये टाइगर रिजर्व अपनी विशेषताओं के लिए जाने जाते हैं। कहीं 100 से ज्यादा Tiger हैं तो कहीं Black Panther और हाथी जैसे जानवर भी मौजूद हैं। जुलाई, अगस्त और सितंबर में इन जानवरों को बफर जोन में ही देखा जा रहा था, क्योंकि बारिश के कारण कोर इलाके बंद कर दिए गए थे। अब इन्हें भी 1 अक्टूबर से खोल दिया गया है। इसके बाद बफर के साथ कोर जोन में भी टूरिस्ट घूमने निकले।

STR में टूरिस्टों का स्वागत

STR में टूरिस्टों का माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया गया।

STR में अब 15 जून तक कर सकेंगे दीदार

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में सुबह 6 बजे मढ़ई, चूरना रेंज के कोर क्षेत्र के गेट पर्यटकों के लिए खोल दिए गए। देश-विदेश से आने वाले सैलानी 15 जून तक Tiger, अन्य वन्यप्राणी और प्रकृति का दीदार कर सकेंगे। पहले दिन पर्यटकों का तिलक लगाकर स्वागत किया गया। STR की Deputy Director पूजा नागले और SDO अंकित जामोद ने तिलक लगाया। इसके बाद हरी झंडी दिखाकर टूरिस्ट जिप्सी को जंगल सफारी के लिए रवाना किया। SDO जामोद ने बताया कि लगदा, झुनझुनी महल, चूरना एवं केरिया राउंड के लिए जिप्सियां रवाना की गई हैं। चुटकी देव के लिए पर्यटकों को कुछ दिन इंतजार करना होगा।

एमपी में कुल 785 Tiger हैं।

बुकिंग की स्थिति

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: कोर जोन की सभी सीटें फुल हो गई हैं। मढ़ई प्रमुख गेट है। यह प्रदेश का सबसे बड़ा Tiger रिजर्व है। Tiger के अलावा तेंदुए, गौर, सांभर, चीतल, नीलगाय भी यहाँ पाए जाते हैं। यह भोपाल से 140 किमी दूर है।
पेंच नेशनल पार्क: जमतारा, करमाझिरी और तोहरिया कोर जोन में है। ये 3 अक्टूबर तक फुल हो चुके हैं। पार्क में ‘जंगल बुक’ के किरदार बघीरा यानी, Black Panther भी दिखाई देते हैं। 60 से अधिक बाघ यहाँ मौजूद हैं। मप्र के सिवनी, बालाघाट के साथ महाराष्ट्र के जिलों में भी पेंच का दायरा है। जबलपुर और नागपुर तक Flight से पहुंच सकते हैं।
कान्हा नेशनल पार्क: कान्हा, किसली, मुक्की और सरही कोर जोन है। 4 अक्टूबर तक ये सभी फुल हैं। Tiger के साथ यहाँ पर हार्ड ग्राउंड बारहसिंगा (दलदल का मृग) भी मिलते हैं। यह पार्क जबलपुर से 165 किमी दूर है। इसलिए हवाई, रेल और सड़क तीनों के जरिए यहाँ पहुंचा जा सकता है।
बांधवगढ़ नेशनल पार्क: ताला, मगधी और खितौली कोर जोन है। यहाँ फुल व्हीकल घूमने के लिए सभी सीटें फुल हो गई हैं। एमपी में जंगली हाथी इसी पार्क में पाए जाते हैं। यहाँ करीब 50 हाथी हैं और 100 से अधिक वयस्क Tiger भी हैं। जबलपुर और खजुराहो में हवाई अड्डे हैं। उमरिया, कटनी, शहडोल और जबलपुर तक ट्रेन, बस या निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है। उमरिया से यह 26 किमी दूर है।
संजय डुबरी नेशनल पार्क: कोर जोन डुबरी में 1, 2 और 3 अक्टूबर की सभी सीटें फुल हैं। यह पार्क सीधी में है। यहाँ हवाई, ट्रेन या सड़क मार्ग से पहुँच सकते हैं। सीधी से यह 100 किमी दूर है। Tiger के अलावा भालू भी बड़ी संख्या में हैं।
पन्ना नेशनल पार्क: अकोला, हिनोता और मंडला कोर जोन में 4 अक्टूबर तक की सीटें फुल हो गई हैं। 5 अक्टूबर के बाद ही यहाँ घूमने का मौका मिलेगा। यहाँ करीब 70 Tiger हैं और 750 गिद्ध भी हैं। कुल 9 में से 7 प्रजातियों के गिद्ध यही पाए जाते हैं।

ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें

पोर्टल सर्च करने पर ‘National Park’ सिम्बल पर क्लिक करेंगे तो ऑनलाइन बुकिंग की साइट खुल जाएगी। इसमें दिन के हिसाब से बुकिंग कराई जा सकती है।

घूमने का खर्च

नेशनल पार्क में अलग-अलग श्रेणी के लिए किराया भी अलग-अलग है।
Tiger रिजर्व के कोर क्षेत्रों में 6 व्यक्तियों के लिए परमिट 2400 रुपए है। इस तरह से यह 400 रुपए प्रति व्यक्ति होता है।
बफर क्षेत्र हेतु वाहन सफारी के लिए यह 1200 रुपए है। यानी 200 रुपए प्रति व्यक्ति होता है।
प्रीमियम डेट पर 600 रुपए तक अधिक देने होंगे।
कुछ नेशनल पार्कों में राशि में थोड़ा बहुत अंतर है।

एमपी: टाइगर स्टेट

मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट है। 2022 की गणना में यहाँ 785 Tiger पाए गए थे। 2018 की गणना में यह संख्या 526 थी। एमपी तीसरी बार टाइगर स्टेट बना। सबसे पहले 2006 में टाइगर स्टेट बना था। 2018 और 2022 में लगातार दो बार टाइगर स्टेट बना।

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