Bollywood News | पुराने जमाने में Films का प्रचार-प्रसार करने का मुख्य साधन Posters ही हुआ करते थे। Poster Artists 15-16 रील की Film को 15-16 फीट के Hoarding में समेट देते थे। उस दौर में Hand-made Posters बनाने का काम बेहद चुनौतीपूर्ण था, जहां Mistakes की गुंजाइश बेहद कम होती थी।
एक Film के लाखों Posters Mumbai में छपते थे और फिर Train के माध्यम से पूरे देश में भेजे जाते थे। Computer युग से पहले, Actors पहले Photoshoot कराते थे, जिसके आधार पर Poster Artist पेपर या कपड़े पर उसे उकेरते थे। इन Posters की कला इतनी अद्भुत होती थी कि उन्होंने Film के दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
Reel to Real के नए Episode में हम 50 साल से ज्यादा समय से Posters बना रहे Poster Artist Atmanand Golatkar से बात करेंगे। Atmanand ने 1978 में इस काम की शुरुआत की थी, जब Posters पूरी तरह से Hand-made बनाए जाते थे।
Atmanand का मानना है कि Technology के साथ उनके काम में आसानी तो आई, लेकिन जो Artists समय के साथ नहीं बदल पाए, उनका काम धीरे-धीरे छिन गया। समय के साथ तकनीकी विकास ने Artists की चुनौतियों को तो कम किया, लेकिन इस बदलाव से कई Artists पीछे भी छूट गए।